रतलाम। आलोट विकासखंड क्षेत्र में दो सिविल हॉस्पिटल और 5 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं, लेकिन यहां मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है. डॉक्टरों और स्टाफ की कमी पिछले 15 सालों से नहीं हो पाई है, वहीं कोरोना जैसे संक्रमण की रोकथाम के लिए शासन और प्रशासन लगातार काम कर रहे हैं. चिकित्सकों की कमी का खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है. कोरोना वायरस के चक्कर में अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का उपचार तक नहीं हो पा रहा है, साथ ही गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण भी बंद हो गए हैं.
आलोट सिविल हॉस्पिटल में 12 डॉक्टर पदस्थ हैं उनमें से एक चिकित्सक पदस्थ हैं. खरवा कला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चार डॉक्टरों के पद हैं जो खाली हैं. मंडावल प्राथमिक स्वास्थ्य के चिकित्सक को वहां का प्रभारी बनाकर काम चलाया जा रहा है.
करोना वायरस के चक्कर में अन्य बीमारी से ग्रसित मरीजों का उपचार तक नहीं हो पा रहा है. वहीं प्राइवेट हॉस्पिटल बंद हैं जिसके चलते मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.