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कड़ी धूप में एक परिवार का सत्याग्रह, रोजगार छिनने पर प्रशासन के खिलाफ खोला मोर्चा - परिवार ने कलेक्ट्रेट पर दिया धरना

रतलाम कलेकट्रेट के सामने एक परिवार धरने पर बैठ गया, तपती धूप में ये परिवार ढाई घंटे तक बैठा रहा, लेकिन अधिकारी उन्हें नजरअंदाज करते रहे.

रतलाम कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठा परिवार
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Published : Jun 10, 2019, 7:32 PM IST

रतलाम। तपती गर्मी में एक परिवार आज ढाई घंटे तक कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा रहा. उनका आरोप था कि प्रशासन ने उनकी दुकान को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया है, जबकि वो दुकान वैध थी. इससे पीड़ित परिवार का एकमात्र सहारा उनसे छिन गया है.

रतलाम कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठा परिवार

परिवार लहगभग ढाई घंटे तक धूप में बैठा रहा, हद तो तब हो गई जब अधिकारी जनता के लिए करने वाले कामों के लिए टीएल की समीक्षा बैठक में तो पहुंच गए, लेकिन कलेक्ट्रेट के बाहर अपनी परेशानी लेकर आए इस परिवार को नजर अंदाज करते रहे. मलवासा गांव के श्रवण कुमार ने बताया कि वो बरसों से गुमटी लगाकर सायकल के पंचर बनाने का काम करते थे, लेकिन तहसीलदार ने 1 घंटे के नोटिस पर उनकी रोजगार के सहारे पर बुलडोजर चला दिया.

वहीं इस मामले पर डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है, जिसके बाद परिवार ने भी धरना खत्म कर दिया है.

रतलाम। तपती गर्मी में एक परिवार आज ढाई घंटे तक कलेक्ट्रेट के सामने धरने पर बैठा रहा. उनका आरोप था कि प्रशासन ने उनकी दुकान को अतिक्रमण बताते हुए तोड़ दिया है, जबकि वो दुकान वैध थी. इससे पीड़ित परिवार का एकमात्र सहारा उनसे छिन गया है.

रतलाम कलेक्ट्रेट पर धरने पर बैठा परिवार

परिवार लहगभग ढाई घंटे तक धूप में बैठा रहा, हद तो तब हो गई जब अधिकारी जनता के लिए करने वाले कामों के लिए टीएल की समीक्षा बैठक में तो पहुंच गए, लेकिन कलेक्ट्रेट के बाहर अपनी परेशानी लेकर आए इस परिवार को नजर अंदाज करते रहे. मलवासा गांव के श्रवण कुमार ने बताया कि वो बरसों से गुमटी लगाकर सायकल के पंचर बनाने का काम करते थे, लेकिन तहसीलदार ने 1 घंटे के नोटिस पर उनकी रोजगार के सहारे पर बुलडोजर चला दिया.

वहीं इस मामले पर डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने इस मामले की जांच का आश्वासन दिया है, जिसके बाद परिवार ने भी धरना खत्म कर दिया है.

Intro:रतलाम कलेक्टोरेट में आज एक परिवार झुलसा देने वाली धूप में धरने पर बैठ गया.मलवासा गाँव के ये लोग प्रशासन द्वारा उनकी दुकान तोड़ने के विरोध में आज सुबह 10 बजे से धरने पर बैठे थे.लेकिन अफसरशाही की हद तो तब हो गई जब कलेक्टोरेट में टीएल बैठक के लिये पहुँचे जिले के आला अधिकारी एक बाद एक गाड़ियों से उतरकर बैठक में चले गये. धूप में बैठे इस परिवार को नजरअंदाज कर जिले के प्रभारी कलेक्टर सहित सभी विभाग प्रमुख वातानुकूलित हाल में डेढ़ घंटे तक टीएल बैठक में जनता के लिए किये जा रहे कार्यो की समीक्षा कर रहे थे. मीडिया के हस्तक्षेप के बाद डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने धरने पर बैठे लोगों की बात सुनी और टीम भेज कर मामले का समाधान करने की आश्वासन दिया.लेकिन प्रशासन के असंवेदनशील रवैये की वजह से यह परिवार करीब ढाई घंटे तक धूप में तपता रहा.


Body:दरअसल रतलाम कलेक्टोरेट में आज एक परिवार सुबह 10 बजे से धूप में धरने पर बैठे गया था.लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों के असंवेदनशील रवैये की वजह से यह परिवार चिलचिलाती धूप में ढाई घंटे तक झुलसता रहा.लापरवाही की हद तो तब हो गई जब कलेक्टोरेट में टीएल बैठक के लिये पहुँचे जिले के आला अधिकारी एक के बाद एक गाड़ियों से उतरकर बैठक में चले गये लेकिन किसी इनकी सुध नही ली. धूप में परिवार के बच्चो और महिलाओं के साथ बैठे श्रवण कुमार ने बताया कि मलवासा गाँव मे बरसों से गुमटी लगाकर सायकल के पंचर निकालने का काम करते है लेकिन तहसीलदार ने 1 घंटे के नोटिस पर हमारा रोजगार तबाह कर दिया.वही मीडिया के हस्तक्षेप के बाद डिप्टी कलेक्टर शिराली जैन ने धरने पर बैठे लोगों की बात सुनी और टीम भेज कर मामले का समाधान करने का आश्वासन दिया .जिसके बाद यह परिवार धरने से हटने को राजी हुआ.


Conclusion:बहरहाल धरने पर बैठा परिवार आश्वासन मिलने के बाद धरने से हट गया है ओर लेकिन इस मामले ने जिला प्रशासन के असंवेदनशील रवैये की पोल खोल कर जरूर रख दी है.

वन टू वन---पीड़ित परिवार
बाइट-01-शिराली जैन(डिप्टी कलेक्टर)
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