रतलाम। मध्यप्रदेश विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. दो मार्च को प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा बजट पेश कर सकते हैं. वहीं प्रदेश के आने वाले बजट से पहले हर वर्ग राहत मिलने की उम्मीद कर रहा है. प्रदेश के किसानों को भी बजट से खासी उम्मीदें बंधी हुईं हैं. खासकर किसानों के लिए राहत की योजनाएं आ सकती हैं. आमतौर पर मध्य प्रदेश के बजट में किसानों के लिए हमेशा से ही योजनाओं की सौगात मिलती रही है. रतलाम के किसानों ने भी बजट में किसानों के लिए कुछ खास मिलने की उम्मीद जताई है. यहां के किसानों ने कृषि और उद्यानिकी विभाग की विभिन्न सब्सिडी योजनाओं में संशोधन करने, सब्सिडी योजनाओं का सही लाभ छोटे किसानों तक पहुंचाने, गेहूं पर बोनस राशि बढ़ाने और कृषि कार्य के लिए डीजल पर सब्सिडी देने की मांग प्रदेश के वित्त मंत्री से की है.
- डीजल पर दी जाए सब्सिडी
दरअसल देश के आम बजट से भी हर वर्ग के लोगों को राहत की उम्मीद थी. वहीं पेट्रोल और डीजल के दामों में हुई वृद्धि के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार के आने वाले बजट से भी लोगों राहत की उम्मीद है. किसान आंदोलन और किसानों की समस्याओं को देखते हुए प्रदेश सरकार के बजट में किसानों के लिए कुछ खास सौगातें मिल सकतीं हैं. रतलाम जिले के कलोरी गांव के किसान जितेंद्र चौधरी का कहना है कि बजट में किसानों के लिए योजनाएं तो लाई जाती हैं. लेकिन कोरोना की वजह से अधिकांश कृषि संबंधित सब्सिडी योजनाओं को बंद कर दिया गया है. जिन्हें चालू किया जाना चाहिए. छोटे किसानों को योजनाओं का लाभ मिल सके. इसके लिए इस बजट में व्यवस्था की जाना चाहिए. पशुपालक और किसान रामचंद्र का मानना है कि प्रदेश सरकार को पशु पालकों की दुग्ध उत्पादन की लागत का भी ध्यान रखना चाहिए और दूध के दामों में वृद्धि करना चाहिए. वहीं किसानों को डेयरी लोन में अधिक सब्सिडी दी जाना चाहिए. युवा किसान पवन जाट का कहना है कि कृषि का अधिकांश काम अब बड़े यंत्रों और ट्रैक्टर के द्वारा किया जाता है, जहां अब डीजल के दाम में वृद्धि होने की वजह से किसानों को खेती की लागत महंगी पड़ रही है. वहीं सिंचाई और आधुनिक ड्रिप तकनीक में उपयोग किए जाने वाले पीवीसी सामग्री की कीमतें भी दोगुना हो गई है. जिसमें प्रदेश सरकार को टैक्स में कमी कर राहत देनी चाहिए.
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- मुआवजे की आस
बाजेड़ा गांव के किसानों के अनुसार पूरे मालवा क्षेत्र में जंगली जानवरों से फसलों को भारी नुकसान हो रहा है. जिसमें नीलगाय और जंगली सूअरों का आतंक सर्वाधिक देखा जा रहा है. लेकिन जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान का मुआवजा किसानों को नहीं मिल पाता है. फसलों को हुए नुकसान का मुआवजा देने और खेतों की फेंसिंग किए जाने के लिए सब्सिडी स्कीम का प्रावधान इस बजट में किया जाना चाहिए.
बहरहाल कोरोना आपदा के बाद देश के आम बजट से हर वर्ग ने राहत की उम्मीद थी. वहीं प्रदेश के किसानों को देश के आम बजट से बड़ी सौगात मिलने की उम्मीद थी. लेकिन आम बजट आने के बाद डीजल और पेट्रोल के दामों में हुई वृद्धि का असर देश के कृषि क्षेत्र पर भी देखा जा रहा है. जिसे लेकर अब प्रदेश के किसानों को मध्य प्रदेश सरकार के बजट से कृषि क्षेत्र को कुछ खास मिलने की उम्मीद बंधी हुई है.