रतलाम। रतलाम-इंदौर और रतलाम-नीमच रेलमार्ग पर चल रहे विद्युतीकरण कार्य अब अंतिम दौर में पहुंच चुका है. पश्चिम रेलवे सीआरएस सुशील चंद्रा ने विद्युतीकरण कार्य का रतलाम से जावरा तक का जायजा लिया. जिसके बाद जल्दी ही इस रेलमार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन दौड़ने लगेगा. रतलाम रेलमंडल में रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन का कार्य इंदौर से नीमच तक किया जा रहा है. जिसमें रतलाम-इंदौर रेलमार्ग पर फतेहाबाद तक ओएचई लाईन लगाने का कार्य पूर्ण हो चुका है और जून महीने में इस मार्ग पर इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेन चलाई जा सकेगी .
इंदौर से नीमच तक के रेलमार्ग का ब्रॉडगेज परिवर्तन किये जाने के बाद से इस ट्रैक पर विद्युतीकरण नहीं हो सका था .लेकिन अब इस 230 किमी के रेलमार्ग पर विद्युतीकरण कार्य अंतिम दौर में पहुंच चुका है.पश्चिम रेलवे सीआरएस सुशील चंद्रा विद्युतीकरण कार्य का जायजा लेने के बाद कार्य पर संतोष व्यक्त करते हुए जल्द ही शेष विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने की बात कही. उनका कहना है कि इस व्यस्त रेलमार्ग पर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण हो जाने पर ट्रेनों की स्पीड बढ़ाई जा सकेगी. साथ ही रतलाम रेलवे स्टेशन पर इंजन परिवर्तन करने में समय भी जाया नहीं होगा.
रतलाम रेल मंडल का यह मार्ग माल ढुलाई के लिये महत्वपूर्ण है. ऐसे में विद्युतीकरण कार्य पूर्ण होने से इस मार्ग पर यात्री गाड़ियों के साथ ही गुड्स ट्रेनों की संख्या भी बढाई जा सकेगी. रेलवे अधिकारियों की माने तो जून महीने के अंत तक इस रेलमार्ग पर विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा और सीआरएस के फाइनल इंस्पेक्शन के बाद जल्द ही इस रेलमार्ग पर विद्युत इंजन से ट्रेनों का संचालन शुरु किया जा सकेगा.