रतलाम। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच इस बीमारी की रोकथाम के लिए जिले के मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल, रेलवे हॉस्पिटल सहित 600 बेड के कोविड केयर सेंटर तैयार किए गए हैं. जहां वर्तमान में करीब 114 कोरोना पॉजिटिव मरीजों और 43 संदिग्ध मरीजों का उपचार जारी है, हालांकि वर्तमान में यह इंतजाम पर्याप्त दिखाई दे रहे हैं, लेकिन आगामी महीनों में कोरोना की बढ़ती रफ्तार की वजह से यह इंतजाम भी नाकाफी साबित हो सकते हैं. रतलाम के मेडिकल कॉलेज में क्षमता से कम एक्टिव मरीज भर्ती होने से उन्हें वर्तमान में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है. मरीजों के लिए डॉक्टर और मेडिकल स्टॉफ की भी कमी वर्तमान में नहीं है, यहां उपचार करा कर घर लौट रहे मरीजों ने भी माना कि उन्हें बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिल सकी है.
रतलाम तैयार है कोविड-19 से जंग में?
दरअसल, कोरोना महामारी से लड़ने के लिए स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन की व्यवस्थाओं का यदि आंकड़ों के आधार पर मूल्यांकन किया जाए तो रतलाम जिले में कोविड केयर सेंटर की व्यवस्था बेहतर नजर आती है. यहां कोरोना संक्रमित मरीजों और संदिग्ध कोरोना मरीजों के लिए मेडिकल कॉलेज में 200 बेड के ऑक्सीजन उपलब्धता वाले वार्ड बनाए गए हैं. जहां छह वेंटीलेटर की व्यवस्था भी उपलब्ध करवाई गई है. वहीं एक वेंटीलेटर के साथ 40 बेड का कोविड केयर सेंटर रेलवे अस्पताल में भी तैयार किया गया है.
क्या ये इंतजाम पर्याप्त है?
जिला के जावरा, सैलाना और बाजना में 30-30 बेड के कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं. जिले में अब तक सामने आए 690 कोरोना मरीजों में से 561 मरीज स्वस्थ्य होकर घर भी जा चुके हैं. ठीक होकर अपने घर जा रहे मरीज भी मानते हैं कि वर्तमान में कोविड केयर सेंटर में मिल रहा उपचार और यहां की सुविधाएं बेहतर स्थिति में है.
चुनौति आने वाले वक्त की है!
जिले के संक्रामक रोग रोकथाम के नोडल अधिकारी जिले की मौजूदा व्यवस्थाओं की जानकारी देते हुए बताते हैं कि कोरोना की रफ्तार को देखते हुए जिले के मौजूदा इंतजाम आगामी महीनों में कम भी पड़ सकते हैं. बहरहाल रतलाम जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार के लिए उपलब्ध बेड की संख्या 600 बताई जा रही है. जिसके मुकाबले करीब 114 एक्टिव मरीज वर्तमान में कोविड केयर सेंटर में भर्ती है. जहां पर्याप्त संख्या में डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ की उपलब्धता है, लेकिन कोरोना की रफ्तार बढ़ने पर जिले के मौजूदा इंतजामों को दुरुस्त करने की आवश्यकता भी पड़ सकती है.