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कोरोना वॉरियर्स: डायबिटीज के बाद भी नहीं हटीं पीछे, कोरोना से जंग लड़ रहीं रतलाम SDM - रतलाम की महिला एसडीएम लक्ष्मी गामड़

रतलाम की एसडीएम लक्ष्मी गामड़ डायबिटिक होने के बाद भी कोरोना के खिलाफ चल रहा जंग में पीछे नहीं हटीं और आपातकालीन स्थिति में अपनी ड्यूटी कर कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपना अहम योगदान दे रही हैं.

corona worior Ratlam SDM Lakshmi Gamad is fighting the battle of Corona
रतलाम की एसडीएम लक्ष्मी गामड़
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Published : Apr 4, 2020, 7:02 PM IST

Updated : Apr 4, 2020, 7:32 PM IST

रतलाम। कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लोग अपना योगदान दे रहे हैं. वहीं कोरोना की इस जंग में फ्रंट लाइन पर लड़ रहे हमारे डॉक्टरों के साथ ही कानून-व्यवस्था का मोर्चा संभाल रहे प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स साबित हो रहे हैं. ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं रतलाम शहर की एसडीएम लक्ष्मी गामड़, जो डायबटीज पेशेंट होने के बाद भी दिन-रात शहर की कानून व्यवस्था में जुटी हुई हैं. एसडीएम लक्ष्मी गामड़ आपातकालीन स्थिति में अपनी ड्यूटी दे रही हैं और कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपना अहम योगदान दे रही हैं.

कोरोना से जंग में रतलाम SDM लक्ष्मी गामड़ दिखा रही दम

एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने बताया कि इस संकट की घड़ी में जिले की महिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिले की सभी महिला अधिकारी और कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही हैं. मधुमेह से पीड़ित होने के सवाल पर लक्ष्मी गामड़ का कहना है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए वो 18 घंटे प्रतिदिन ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रही हैं और आम लोगों को घरों में रहकर कोरोना को हराने की अपील भी कर रही हैं.

लक्ष्मी गामड़ ही नहीं देश भर में ऐसी कई शासकीय और अशासकीय कर्मचारी हैं, जो अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को किनारे रख, घर परिवार छोड़कर और स्वास्थ्य की चिंता किए बिना कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में हिस्सेदारी निभा रही हैं. ऐसे समय में जब कई शासकीय कर्मचाारी इस्तीफा देकर काम से किनारा कर रहे हैं, तब लक्ष्मी गामड़ जैसे कई अधिकारी और कर्मचारियों की कहानी समाज को नई दिशा देती है.

रतलाम। कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लोग अपना योगदान दे रहे हैं. वहीं कोरोना की इस जंग में फ्रंट लाइन पर लड़ रहे हमारे डॉक्टरों के साथ ही कानून-व्यवस्था का मोर्चा संभाल रहे प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स साबित हो रहे हैं. ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं रतलाम शहर की एसडीएम लक्ष्मी गामड़, जो डायबटीज पेशेंट होने के बाद भी दिन-रात शहर की कानून व्यवस्था में जुटी हुई हैं. एसडीएम लक्ष्मी गामड़ आपातकालीन स्थिति में अपनी ड्यूटी दे रही हैं और कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपना अहम योगदान दे रही हैं.

कोरोना से जंग में रतलाम SDM लक्ष्मी गामड़ दिखा रही दम

एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने बताया कि इस संकट की घड़ी में जिले की महिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिले की सभी महिला अधिकारी और कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही हैं. मधुमेह से पीड़ित होने के सवाल पर लक्ष्मी गामड़ का कहना है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए वो 18 घंटे प्रतिदिन ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रही हैं और आम लोगों को घरों में रहकर कोरोना को हराने की अपील भी कर रही हैं.

लक्ष्मी गामड़ ही नहीं देश भर में ऐसी कई शासकीय और अशासकीय कर्मचारी हैं, जो अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को किनारे रख, घर परिवार छोड़कर और स्वास्थ्य की चिंता किए बिना कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में हिस्सेदारी निभा रही हैं. ऐसे समय में जब कई शासकीय कर्मचाारी इस्तीफा देकर काम से किनारा कर रहे हैं, तब लक्ष्मी गामड़ जैसे कई अधिकारी और कर्मचारियों की कहानी समाज को नई दिशा देती है.

Last Updated : Apr 4, 2020, 7:32 PM IST
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