रतलाम। कोरोना से निपटने के लिए पूरे देश में लोग अपना योगदान दे रहे हैं. वहीं कोरोना की इस जंग में फ्रंट लाइन पर लड़ रहे हमारे डॉक्टरों के साथ ही कानून-व्यवस्था का मोर्चा संभाल रहे प्रशासनिक अधिकारी और कर्मचारी भी कोरोना वॉरियर्स साबित हो रहे हैं. ऐसी ही एक कोरोना योद्धा हैं रतलाम शहर की एसडीएम लक्ष्मी गामड़, जो डायबटीज पेशेंट होने के बाद भी दिन-रात शहर की कानून व्यवस्था में जुटी हुई हैं. एसडीएम लक्ष्मी गामड़ आपातकालीन स्थिति में अपनी ड्यूटी दे रही हैं और कोरोना के खिलाफ इस जंग में अपना अहम योगदान दे रही हैं.
एसडीएम लक्ष्मी गामड़ ने बताया कि इस संकट की घड़ी में जिले की महिला कलेक्टर के नेतृत्व में जिले की सभी महिला अधिकारी और कर्मचारी अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान दे रही हैं. मधुमेह से पीड़ित होने के सवाल पर लक्ष्मी गामड़ का कहना है कि अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए वो 18 घंटे प्रतिदिन ड्यूटी कर अपना फर्ज निभा रही हैं और आम लोगों को घरों में रहकर कोरोना को हराने की अपील भी कर रही हैं.
लक्ष्मी गामड़ ही नहीं देश भर में ऐसी कई शासकीय और अशासकीय कर्मचारी हैं, जो अपनी व्यक्तिगत समस्याओं को किनारे रख, घर परिवार छोड़कर और स्वास्थ्य की चिंता किए बिना कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में हिस्सेदारी निभा रही हैं. ऐसे समय में जब कई शासकीय कर्मचाारी इस्तीफा देकर काम से किनारा कर रहे हैं, तब लक्ष्मी गामड़ जैसे कई अधिकारी और कर्मचारियों की कहानी समाज को नई दिशा देती है.