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बैंड बाजा एसोसिएशन ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन, आर्थिक संकट में आ चुके परिवारों को बैंक ऋण देने की मांग

रतलाम के जावरा बैंड बाजा एसोसिएशन ने लॉकडाउन के चलते पारिवारिक समस्याओं को लेकर सीएम के नाम विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय को ज्ञापन दिया और आर्थिक संकट का सामना कर रहे परिवारों का बैंक ऋण देने की मांग की है.

Band Baja Association submitted Memo to MLA
बैंड बाजा एसोसिएशन ने सीएम के नाम सौंपा ज्ञापन
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Published : May 19, 2020, 10:29 PM IST

रतलाम। रतलाम के जावरा बैंड बाजा एसोसिएशन ने सीएम के नाम विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें लॉकडाउन के चलते बैंड बाजा और ढोल-वादकों के परिवारों की समस्याओं को लेकर और आर्थिक मंदी में आ चुके परिवारों का बैंक ऋण देने की मांग की है.

आर्थिक संकट में कई परिवार

विधायक को दिए ज्ञापन में बताया कि कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च से जनता कर्फ्यू और उसके बाद पूरे प्रदेश में लॉकडाउन जारी है. जिसमें होने वाले विवाह समारोह, मांगलिक कार्य निरस्त करने पड़े. अक्षय तृतीय पर बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते है, बैंड बाजा और ढोल-वादकों की आजीविका विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों से ही होती है. हर बैंड में 15 से 25 सदस्य रहते हैं. लॉकडाउन के कारण इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

आगे भी महामारी से बचाव के लिए विवाह समारोह और मांगलिक कार्यक्रम बहुत सीमित संख्या में ही होंगे. शादी सीजन शुरू होने से पहले एक-दो वर्ष के लिए वादकों को एडवांस रूपये देकर अनुबंधित करना पड़ता हैै. जिसके लिए बैंड संचालकों को बाजार से ब्याज पर रूपये लेकर देना होते है. ऐसे मेें सभी विवाह निरस्त होने से आय नहीं हुर्ई है और परिवार आर्थिक संकट में आ चुका है. जिसके चलते बैंड बाजा एसोसिएशन ने विधायक से आर्थिक सहायता और बैंको से आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराने की मांग की है.

रतलाम। रतलाम के जावरा बैंड बाजा एसोसिएशन ने सीएम के नाम विधायक डॉ. राजेन्द्र पाण्डेय को ज्ञापन सौंपा है. जिसमें लॉकडाउन के चलते बैंड बाजा और ढोल-वादकों के परिवारों की समस्याओं को लेकर और आर्थिक मंदी में आ चुके परिवारों का बैंक ऋण देने की मांग की है.

आर्थिक संकट में कई परिवार

विधायक को दिए ज्ञापन में बताया कि कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च से जनता कर्फ्यू और उसके बाद पूरे प्रदेश में लॉकडाउन जारी है. जिसमें होने वाले विवाह समारोह, मांगलिक कार्य निरस्त करने पड़े. अक्षय तृतीय पर बड़ी संख्या में सामूहिक विवाह होते है, बैंड बाजा और ढोल-वादकों की आजीविका विवाह और मांगलिक कार्यक्रमों से ही होती है. हर बैंड में 15 से 25 सदस्य रहते हैं. लॉकडाउन के कारण इन परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है.

आगे भी महामारी से बचाव के लिए विवाह समारोह और मांगलिक कार्यक्रम बहुत सीमित संख्या में ही होंगे. शादी सीजन शुरू होने से पहले एक-दो वर्ष के लिए वादकों को एडवांस रूपये देकर अनुबंधित करना पड़ता हैै. जिसके लिए बैंड संचालकों को बाजार से ब्याज पर रूपये लेकर देना होते है. ऐसे मेें सभी विवाह निरस्त होने से आय नहीं हुर्ई है और परिवार आर्थिक संकट में आ चुका है. जिसके चलते बैंड बाजा एसोसिएशन ने विधायक से आर्थिक सहायता और बैंको से आसान शर्तों पर ऋण उपलब्ध कराने की मांग की है.

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