रतलाम। जिले में बन रहे मुंबई- दिल्ली एक्सप्रेस-वे की मुआवजे राशि में धोखाधड़ी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने इस आरोपी को CCTV वीडियो की मदद से गिरफ्तार किया है. फिलहाल गिरफ्तार आरोपी से पुलिस पूछताछ कर रही है. पूछताछ में और भी कई ठगी के मामलों का खुलासा होने की उम्मीद है.
बैंक के CCTV फुटेज और साइबर सेल से ली मदद
जावरा CSP आगम जैन ने ठगी मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, आरोपी कई बैंकों में घूमता- फिरता रहता था. साथ ही जुगाड़ कर सीधे-सादे लोगों को अपना शिकार बनाता था. इस आरोपी के चार बैंकों में अलग-अलग खाते भी हैं. पुलिस ने आरोपी को बैंक के CCTV फुटेज, बैंक स्टेटमेंट और साइबर सेल की मदद से गिरफ्तार किया है. आरोपी का नाम सुरेंद्र सिंह सिकरवार बताया जा रहा है.
मुखबिर की सूचना पर आरोपी गिरफ्तार
TI ने बताया कि इंदौर निवासी मुकेश ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी, कि कैलाश नाम के एक व्यक्ति ने नौकरी का लालच देकर उसके नाम से खाता खुलावाया और ATM और पासबुक लेकर चला गया. जिसके बाद पुलिस ने इंदौर निवासी आरोपी खाताधारक कैलाश की CCTV फुटेज के आधार पर पहचान कराई. शिनाख्त होने के बाद पुलिस ने टीम गठित कर सर्चिंग अभियान चलाया. वहीं मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया है.
फर्जी हस्ताक्षर कर निकाले पैसे
दरअसल फरियादी मुकेश धाकड़ की आक्याबेनी गांव की कृषि भूमि मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस- वे के लिए प्रशासन ने अधिग्रहित कर की है. जिसकी मुआवजा राशि 12 लाख 99 हजार 967 रुपए सरकार ने कृषि भूमि मालिक के केनरा बैंक खाते में जमा की थी. खाताधारक ने 3 दिसंबर को एक लाख रूपए बैंक से निकाल कर बाकी राशी खाते में ही जमा रहने दी. चेक बुक के संबंध में बैंक मैनेजर ने खाता धारक के घर पर ही डाक द्वारा आने की बात कही थी. जिसके बाद आरोपी ने फर्जी मुकेश बनकर पोस्ट मैन से उसके घर जाकर चेक बुक ले ली. जिसके बाद आरोपी ने 7 दिसंबर को 8 लाख 8 हजार रुपये निकाल लिए. मोबाइल पर मैसेज आने पर फरियादी मुकेश की शिकायत पर बैंक मैनेजर ने खाता फ्रिज कर दिया था. 16 दिसंबर को खाते में 6 लाख 8 हजार रुपए वापस जमा कर दिए. दो लाख की ठगी का मामला पुलिस ने दर्ज कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.