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सरपंच के भ्रष्टाचार से परेशान ग्रामीण, जनपद पंचायत सीईओ से की शिकायत

राजगढ़ की ग्राम पंचायत आमलाबे में लोगों सरपंच के भ्रष्टाचार से तंग आकर उसकी शिकायत जनपद पंचायत सीइओ से की है. जिसके बाद पंचायत सीईओ ने जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

भ्रष्टाचार
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Published : Oct 4, 2019, 11:20 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 3:24 PM IST

राजगढ़। जीरापुर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत आमलाबे के लोग अपने गांव में हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी परेशान हैं. लोग भ्रष्टाचार को लेकर लगातार विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ग्राम पंचायत में अनेक भ्रष्टाचार हुए हैं और यह सब वर्तमान सरपंच द्वारा किए गए हैं.

ग्राम पंचायत आमलाबे में लोग भ्रष्टाचार से परेशान

घटिया सड़कों का हुआ निर्माण

ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में तालाब से लेकर सड़कों तक का जो निर्माण हुआ है वह घटिया क्वालिटी का हुआ है. केवल कागजों में ही सही काम दिखाया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.

तालाब में भ्रष्टाचार

गांव के लोग बताते हैं कि कुछ साल पहले वहां के पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने एक तालाब बनवाया था, जिसमें नवीनीकरण के नाम पर नए सरपंच ने पंचायत से रुपए निकलवा लिए लेकिन तालाब में एक परसेंट भी काम नहीं हुआ है. वहीं तालाब की दीवार जर्जर हो चुकी है और उसका एक हिस्सा फूट चुका है. जिससे लगातार पानी बह रहा है.

सरकारी कुएं में भ्रष्टाचार

ग्रामीण ने आरोप लगाया कि पेयजल व्यवस्था के लिए 3 सरकारी कुएं का प्रस्ताव सरकार लाई थी लेकिन सरपंच ने तीनों कुएं निजी जमीन पर बनवा लिए और गांव से इतने दूर बनवाए हैं कि वहां पर पानी लेने जाना काफी मुश्किल होता है. गांव में केवल एक सरकारी ट्यूबवेल है जो सिर्फ बरसात और उसके 2 महीने बाद तक ही पानी उपलब्ध करवाती है. वहीं इसके बाद गांव में पानी की काफी समस्या उत्पन्न हो जाती है. गांव की औरतों को 3 से 4 किलोमीटर दूर जाकर सरकारी कुएं से पानी लाना पड़ता है.

ग्रामीण ने भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद पंचायत सीइओ से लेकर जिला कलेक्टर तक की है और अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है और कोई निरीक्षण करने नहीं आया है. जनपद पंचायत सीइओ लाखन सिंह सिसोदिया ने कहा कि हमारे पास ग्रामीणों की शिकायत आयी हुई है और हम अभी उसमे जांच कर रहे हैं. इसमें दोषियों पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

राजगढ़। जीरापुर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत आमलाबे के लोग अपने गांव में हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी परेशान हैं. लोग भ्रष्टाचार को लेकर लगातार विरोध जता रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ग्राम पंचायत में अनेक भ्रष्टाचार हुए हैं और यह सब वर्तमान सरपंच द्वारा किए गए हैं.

ग्राम पंचायत आमलाबे में लोग भ्रष्टाचार से परेशान

घटिया सड़कों का हुआ निर्माण

ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में तालाब से लेकर सड़कों तक का जो निर्माण हुआ है वह घटिया क्वालिटी का हुआ है. केवल कागजों में ही सही काम दिखाया गया है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है.

तालाब में भ्रष्टाचार

गांव के लोग बताते हैं कि कुछ साल पहले वहां के पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने एक तालाब बनवाया था, जिसमें नवीनीकरण के नाम पर नए सरपंच ने पंचायत से रुपए निकलवा लिए लेकिन तालाब में एक परसेंट भी काम नहीं हुआ है. वहीं तालाब की दीवार जर्जर हो चुकी है और उसका एक हिस्सा फूट चुका है. जिससे लगातार पानी बह रहा है.

सरकारी कुएं में भ्रष्टाचार

ग्रामीण ने आरोप लगाया कि पेयजल व्यवस्था के लिए 3 सरकारी कुएं का प्रस्ताव सरकार लाई थी लेकिन सरपंच ने तीनों कुएं निजी जमीन पर बनवा लिए और गांव से इतने दूर बनवाए हैं कि वहां पर पानी लेने जाना काफी मुश्किल होता है. गांव में केवल एक सरकारी ट्यूबवेल है जो सिर्फ बरसात और उसके 2 महीने बाद तक ही पानी उपलब्ध करवाती है. वहीं इसके बाद गांव में पानी की काफी समस्या उत्पन्न हो जाती है. गांव की औरतों को 3 से 4 किलोमीटर दूर जाकर सरकारी कुएं से पानी लाना पड़ता है.

ग्रामीण ने भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद पंचायत सीइओ से लेकर जिला कलेक्टर तक की है और अभी तक इसमें कोई कार्रवाई नहीं हुई है और कोई निरीक्षण करने नहीं आया है. जनपद पंचायत सीइओ लाखन सिंह सिसोदिया ने कहा कि हमारे पास ग्रामीणों की शिकायत आयी हुई है और हम अभी उसमे जांच कर रहे हैं. इसमें दोषियों पाए जाने पर उचित कार्रवाई की जाएगी.

Intro:आमलाबे एक ऐसी पंचायत जिसमें एक नहीं कई भ्रष्टाचार सामने आए हैं जहां पर ग्रामीण लगातार अपने सरपंच और सचिव के विरोध में उनके द्वारा किए गए कार्यों का विरोध कर रहे हैं और उन्होंने निर्माण और अन्य चीजों में किए भ्रष्टाचार को लेकर लगातार अपना विरोध दर्ज करवा रहे हैं।


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत आमलाबे के लोग अपने गांव में हुए भ्रष्टाचार को लेकर काफी परेशान है और वे लगातार इसके बारे में विरोध जता रहे हैं, ग्रामीणों का कहना है कि उनकी ग्राम पंचायत में अनेक भ्रष्टाचार हुए हैं और यह सब भ्रष्टाचार उनके वर्तमान सरपंच द्वारा किए गए हैं चाहे वह तालाब बनाने की बात हो या चाहे आमलाबे गांव में सड़क बनाने की बात हो या आमलाबे पंचायत के अंतर्गत आने वाली सड़कों का निर्माण हो सब का निर्माण काफी घटिया या सिर्फ कागजों में ही किया गया है और जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है।


तालाब में भ्रष्टाचार :-

वहीं गांव के लोग बताते हैं कि कुछ साल पहले वहां के पूर्व सरपंच नारायण सिंह ने एक तालाब बनवाया था, जिसमें नए सरपंच ने उसके नवीनीकरण के लिए कुछ रुपए निकलवा लिए और उस तालाब में एक परसेंट भी काम नहीं हुआ है वही तालाब की दीवार इस समय जर्जर हो चुकी है और उसका एक हिस्सा फूट चुका है जिससे लगातार पानी बह रहा है।

सरकारी कुएं मैं भ्रष्टाचार

वहीं गांव के ग्रामीण बताते हैं कि वहां पर 3 सरकारी कुँए सरकार द्वारा खोदने के लिए और पेयजल व्यवस्था के लिए आए थे, परंतु सरपंच द्वारा तीनों कुँए को निजी जमीन पर बनवा लिए गए और गांव से इतने दूर बनवाए हैं कि वहां पर पानी लेने जाना काफी मुश्किल होता है एक कुआं तो सरपंच ने अपनी निजी जमीन में खुदवाया है और वह गांव से लगभग 3 से 4 किलोमीटर दूर है और गांव में एक सरकारी ट्यूबवेल है जो सिर्फ बरसात और उसके 2 महीने बाद तक ही पानी उपलब्ध करवाती है वहीं इसके बाद गांव में पानी की काफी समस्या उत्पन्न होती है और गांव की औरतों को 3 से 4 किलोमीटर दूर जाकर सरकारी कुए से पानी लाना पड़ता है। वहीं ग्रामीण बताते हैं कि गांव के नजदीक स्कूल और ग्रामीणों के पीने के लिए एक सरकारी कुआं पूर्व सरपंच नारायण सिंह द्वारा बनवाया गया था परंतु सरपंच द्वारा उसको जबरदस्ती मिट्टी डालकर उसको भर दिया गया,जिससे स्कूल मैं पानी पीने के लिए बच्चों को काफी संघर्ष करना पड़ता है और वह गांव में आकर पानी पीते हैं और वही ग्रामीणों के लिए भी समस्या उत्पन्न हो गई है।

सड़क में भ्रष्टाचार :-

गांव वालों के अनुसार सड़क में तो इतना भ्रष्टाचार किया गया है की सड़क सिर्फ कागजों में ही दिखाई देती है और वही जो सड़क बनवाई गई है उसमें इतना घटिया निर्माण किया गया है कि वह थोड़े ही समय बाद उखड़ने लग गई और उसकी हालत काफी जर्जर हो चुकी है, गांव के अनेक नजदीकी गांव के रास्तों को जोड़ने वाली सड़क तो सिर्फ कागज में ही दिखाई देती है । वहीं गांव वाले बताते हैं कि एक सड़क कि उन्होंने अभी शिकायत की थी जिसका निर्माण जल्दबाजी में बरसात के दौरान ही सरपंच ने शुरू करवा दिया और उसमें भी घटिया सामान का इस्तेमाल किया जा रहा है। ग्रामीणों के अनुसार ये मार्ग तो सिर्फ कागजों में ही और इनका निर्माण हो चुका जिसमे चाहें वो आमलाबे से लेकर सनखेड़ी जोड़ तक का मार्ग हो या फिर भाटखेड़ी जोड़ से आमलाबे तक मार्ग हो।



Conclusion:वही गांव वाले बताते हैं कि 6 माह पूर्व आंगनबाड़ी निर्माण के लिए पैसे आए थे जो सरपंच द्वारा निकलवा लिए गए परंतु सिर्फ गड्ढों को खुद कर ही वहां पर उनको छोड़ दिया गया वही जब इस बारे में शिकायत की गई तो उन्होंने आनन-फानन में एक से डेढ़ माह पूर्व वह पैसे वापस जमा कर दिए गए।

वही ग्रामीण अपने गाँव मे हुए भ्रष्टाचार की शिकायत जनपद पंचायत सीइओ से लेकर जिला कलेक्टर तक कर चुके है और अभी तक इसमे कोई कार्यवाही नही हुई है,और कोई निरीक्षण करने नही आया है।

जनपद पंचायत सीइओ लाखन सिंह सिसोदिया ने कहा कि हमारे पास ग्रामीणों की शिकायत आयी हुई है और हम अभी उसमे जाँच कर रहे है ,इसमे दोषियों पाए जाने पर उचित कार्यवाही की जाएगी।


विसुअल

1.तालाब के
2.सरकारी कुँए के
3.सरकारी कुँए जिसको दबा दिया गया
4.खराब सड़कों के
5.खराब निर्माण के,आंगनबाड़ी के

बाइट
ग्रामीण

1. धिरप सिंह
2.कमल सिंह पंवार
3.रामचरण पंवार
4.कमल सिंह पंवार
5.धिरप सिंह
6.दिलीप सिंह

7.जनपद पंचायत सीइओ लाखन सिंह सिसोदिया



Last Updated : Oct 4, 2019, 3:24 PM IST
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