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नवरात्रि विशेष: अष्टमी और नवमी के एकसाथ होने का खास महत्व, कोरोना से बचाव के लिए करें 'रोग नाशक मंत्र का जाप'

इस बार नवरात्रि में अष्टमी और नवमीं एक साथ हो रही है. जिससे एक अलग संयोग बनता है. इस बार अष्टमी और नवमी तिथि साथ में आ जाने के कारण एक ही दिन 24 अक्टूबर को उनकी मान्यता रहेगी. जहां सुबह अष्टमी तिथि होने के कारण अष्टमी का महत्व भी उसी दिन दोपहर तक रहेगा.

Sharadiya Navratri
शारदीय नवरात्रि
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Published : Oct 20, 2020, 6:42 PM IST

राजगढ़। शारदीय नवरात्रि में आदि शक्ति के नौ रुपों की उपासना होती है. जहां भक्त नौ दिन तक मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं. सुख, शांति और समद्धि के लिए हर घर में माता की पूजा अर्चना हो रही हैं. नवरात्रि का पर्व इस बार एक खास महत्व के साथ आया है. इस बार नवरात्रि सिर्फ 8 दिन की है. क्योंकि अष्टमी और नवमीं की तिथि इस बार एक साथ है.

शारदीय नवरात्रि विशेष

अष्टमी-नवमी के एकसाथ होने का खास महत्व

इस बारे में ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि इस बार अष्टमी और नवमी तिथि साथ में आ जाने के कारण एक ही दिन 24 अक्टूबर को उनकी मान्यता रहेगी. जहां सुबह अष्टमी तिथि होने के कारण अष्टमी का महत्व भी उसी दिन दोपहर तक रहेगा. जहां दोपहर में नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. इस वजह से ही नवमी तिथि का भी उसी दिन महत्व माना गया है. वहीं 25 अक्टूबर को जहां दोपहर में दशमी तिथि शुरू हो जाएगी और विजय मुहूर्त होने के कारण दशहरा को भी इसी मुहूर्त में मनाने का महत्व माना गया है.

Sharadiya Navratri
आदि शक्ति

रोग नाशक मंत्र का जाप

सिद्ध पीठ और शक्तिपीठों पर कोरोना के नाश के लिए इस बार रोग नाशक मंत्र का जाप किया जाएगा. पंडित जी बताते है कि इस बार सिद्ध पीठ पर रोग नाशक मंत्र का जाप लगातार किया जाएगा और भारत में इस समय कोरोना का काल चल रहा है और रोग के नाश के लिए मां की आराधना का काफी महत्व माना गया है और नवरात्रि में जहां मां के रोग नाशक मंत्र का जाप करने महत्व माना जाता है. इसी के लिए इस बार जहां सभी सिद्ध पीठों और शक्तिपीठों में मां के रोग नाशक मंत्र का जाप किया जाएगा.

Maa durga
मां दुर्गा

ये है रोग नाशक मंत्र "रोगानशेषानपहंसि तुष्टारूष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां. त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।"

राजगढ़। शारदीय नवरात्रि में आदि शक्ति के नौ रुपों की उपासना होती है. जहां भक्त नौ दिन तक मां दुर्गा की भक्ति में लीन रहते हैं. सुख, शांति और समद्धि के लिए हर घर में माता की पूजा अर्चना हो रही हैं. नवरात्रि का पर्व इस बार एक खास महत्व के साथ आया है. इस बार नवरात्रि सिर्फ 8 दिन की है. क्योंकि अष्टमी और नवमीं की तिथि इस बार एक साथ है.

शारदीय नवरात्रि विशेष

अष्टमी-नवमी के एकसाथ होने का खास महत्व

इस बारे में ज्योतिष शास्त्री बताते हैं कि इस बार अष्टमी और नवमी तिथि साथ में आ जाने के कारण एक ही दिन 24 अक्टूबर को उनकी मान्यता रहेगी. जहां सुबह अष्टमी तिथि होने के कारण अष्टमी का महत्व भी उसी दिन दोपहर तक रहेगा. जहां दोपहर में नवमी तिथि प्रारंभ हो जाएगी. इस वजह से ही नवमी तिथि का भी उसी दिन महत्व माना गया है. वहीं 25 अक्टूबर को जहां दोपहर में दशमी तिथि शुरू हो जाएगी और विजय मुहूर्त होने के कारण दशहरा को भी इसी मुहूर्त में मनाने का महत्व माना गया है.

Sharadiya Navratri
आदि शक्ति

रोग नाशक मंत्र का जाप

सिद्ध पीठ और शक्तिपीठों पर कोरोना के नाश के लिए इस बार रोग नाशक मंत्र का जाप किया जाएगा. पंडित जी बताते है कि इस बार सिद्ध पीठ पर रोग नाशक मंत्र का जाप लगातार किया जाएगा और भारत में इस समय कोरोना का काल चल रहा है और रोग के नाश के लिए मां की आराधना का काफी महत्व माना गया है और नवरात्रि में जहां मां के रोग नाशक मंत्र का जाप करने महत्व माना जाता है. इसी के लिए इस बार जहां सभी सिद्ध पीठों और शक्तिपीठों में मां के रोग नाशक मंत्र का जाप किया जाएगा.

Maa durga
मां दुर्गा

ये है रोग नाशक मंत्र "रोगानशेषानपहंसि तुष्टारूष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां. त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति।"

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