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दिग्विजय के गढ़ में कांग्रेस की करारी हार, मोदी की सुनामी ले डूबी - Congress Mona Sustani

राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में दिग्विजय सिंह के नजदीकियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बावजूद इसके दिग्विजय सिंह की करीबी मानी जाने वाली मोना सुस्तानी को हार का मुंह देखना पड़ा.

दिग्गी के गढ़ में कांग्रेस की करारी हार
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Published : May 25, 2019, 8:28 AM IST

राजगढ़। नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद की सुनामी में ताश के पत्तों की तरह कांग्रेस के दिग्गजों के गढ़ ढह गये. राष्ट्रवाद के आगे सारे मुद्दे धरे के धरे रह गये. ऐसा ही हाल कुछ एमपी की राजगढ़ लोकसभा सीट पर हुआ. यहां बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर ने कांग्रेस की मोना सुस्तानी को 4 लाख 31 हजार वोटों से बुरी तरह से शिकस्त दी. वो भी तब जब ये सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है.

राजगढ़ सीट पर दिग्विजय सिंह की साख दांव पर लगी हुई थी. वहीं उनके साथ यहां पर उनके बेटे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और उनके नजदीकी माने जाने वाले ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खींची की भी साख दांव पर लगी हुई थी, लेकिन इन दोनों ही मंत्रियों के जोरदार परफॉर्मेंस देने के बावजूद कांग्रेस इस सीट को नहीं बचा पाई.

नहीं बच पाई दिग्गी की परपरांगत सीट

वहीं ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खींची का गढ़ मानी जाने वाली खिलचीपुर विधानसभा में इस से भी बुरा हाल हुआ है. यहां बीजेपी ने सेंध लगाते हुए 54962 वोटों से यहां पर जीत हासिल की है. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में दिग्विजय सिंह के नजदीकियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बावजूद इसके दिग्विजय सिंह की करीबी मानी जाने वाली मोना सुस्तानी को हार का मुंह देखना पड़ा. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन बीच-बीच में बीजेपी ने भी यह सीट जीतने में सफलता प्राप्त की है. पिछले करीब 34 साल से यह सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सीट के रूप में जानी जाती रही है.

राजगढ़। नरेंद्र मोदी के राष्ट्रवाद की सुनामी में ताश के पत्तों की तरह कांग्रेस के दिग्गजों के गढ़ ढह गये. राष्ट्रवाद के आगे सारे मुद्दे धरे के धरे रह गये. ऐसा ही हाल कुछ एमपी की राजगढ़ लोकसभा सीट पर हुआ. यहां बीजेपी प्रत्याशी रोडमल नागर ने कांग्रेस की मोना सुस्तानी को 4 लाख 31 हजार वोटों से बुरी तरह से शिकस्त दी. वो भी तब जब ये सीट पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की परंपरागत सीट रही है.

राजगढ़ सीट पर दिग्विजय सिंह की साख दांव पर लगी हुई थी. वहीं उनके साथ यहां पर उनके बेटे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और उनके नजदीकी माने जाने वाले ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खींची की भी साख दांव पर लगी हुई थी, लेकिन इन दोनों ही मंत्रियों के जोरदार परफॉर्मेंस देने के बावजूद कांग्रेस इस सीट को नहीं बचा पाई.

नहीं बच पाई दिग्गी की परपरांगत सीट

वहीं ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खींची का गढ़ मानी जाने वाली खिलचीपुर विधानसभा में इस से भी बुरा हाल हुआ है. यहां बीजेपी ने सेंध लगाते हुए 54962 वोटों से यहां पर जीत हासिल की है. राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में दिग्विजय सिंह के नजदीकियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. बावजूद इसके दिग्विजय सिंह की करीबी मानी जाने वाली मोना सुस्तानी को हार का मुंह देखना पड़ा. शुरू से ही इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है, लेकिन बीच-बीच में बीजेपी ने भी यह सीट जीतने में सफलता प्राप्त की है. पिछले करीब 34 साल से यह सीट कांग्रेस के दिग्गज नेता पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की सीट के रूप में जानी जाती रही है.

Intro:जहां कल पूरे भारत में 17 वे लोकसभा चुनाव के मतगणना के परिणाम सामने आए ,वही राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में भी कल पूरे भारत की तरह भाजपा ने अपना परचम लहराते हुए अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी को एक बड़े ही अंतर से हराते हुए राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र पर अपना कब्जा जमाया, कल जहां 2014 से पहले राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र दिग्विजय सिंह का गढ़ माना जाता था और इस विधानसभा में भी दिग्विजय सिंह के नजदीकियों ने राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में एक जोरदार परफॉर्मेंस दिया था परंतु इस बार हुए लोकसभा चुनावों में भाजपा ने दिग्विजय के गढ़ में दिग्विजय कि नजदीकी माने जाने वाली मोना सुस्तानी को रोडमल नागर ने बुरी तरह परास्त किया।


Body:जहां कल पूरे भारत देश में सर्वे लोकसभा चुनावों के मतगणना संपन्न हुई और भाजपा ने एक जबरदस्त परफॉर्मेंस देते हुए पूरे देश में जहां 302 सीटों पर अपना कब्जा जमाया और पूरे एनडीए समर्थक दलों ने 355 सीटों पर अपना कब्जा जमाया है, और जहां पूरे भारत देश में 4 प्रत्याशियों ने छह लाख से अधिक बहुमत हासिल किया ,16 प्रत्याशियों ने 500000 से अधिक का बहुमत हासिल किया और वहीं मध्य प्रदेश में अभी अनेक ऐसे प्रत्याशियों ने अपना परचम लहराते हुए अपनी लोकसभा सीट पर अनेक मतों से विजय हासिल की है । वही राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में भी भाजपा के प्रत्याशी रोडमल नागर ने भी अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस की मोना सुस्तानी को भारी बहुमत से हराया है जिसमें उन्होंने मोना सुस्तानी को 431019 मतो से हराया है
वही इस सीट पर दिग्विजयसिंह की संख लगी हुई थी वही उनके साथ यहां पर उनके बेटे नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह और उनके नजदीकी माने जाने वाले ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खिंची की भी साख लगी हुई थी परंतु यह दोनों मंत्री अपने इस सीट को नहीं बचा पाए और वही उनके क्षेत्र से भी भाजपा ने एक भारी बढ़त हासिल की है जहां राघोगढ़ दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह की पारंपरिक सीट है वहां पर भाजपा ने 45342 मतो से जीत हासिल की है वही उर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह खिंची का गढ़ माने जाने खिलचीपुर विधानसभा में इस से भी बुरा हाल हुआ और यहाँ पर भाजपा ने सेंध लगाते हुए 54962 वोटों से यहां पर जीत हासिल की है।


Conclusion:वही जहां इन दोनों मंत्रियों ने लगभग राजगढ़ लोकसभा क्षेत्र में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी ,परंतु मोदी की सुनामी में इन दोनों की सारी मेहनत विफल हो गई और यहां पर रोडमल नागर ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर एक बहुत बड़ी राजगढ़ इतिहास की जीत हासिल की है।


विसुअल
मंत्रियों के
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