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डर के साए में पढ़ने को मजबूर छात्र, जर्जर भवन में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा - School building in shabby position in rajgarh

मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित डयोढी शाला की बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां पर बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

जर्जर भवन में शिक्षा लेने को मजबूर छात्र
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Published : Jul 11, 2019, 3:08 PM IST

राजगढ़। प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित डयोढ़ी शाला की बिल्डिंग इस कदर जर्जर हो चुकी है कि कभी भी ये बिल्डिंग जमींदोज हो सकती है. लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी छात्र इसी जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

जर्जर भवन में शिक्षा लेने को मजबूर छात्र

हैरानी की बात ये है कि पिछले साल भी इस जर्जर भवन में बड़ा हादसा हो चुका है. उस हादसे में प्रिंसिपल बाल-बाल बचे थे, लेकिन इन सबके बावजूद छात्र इसी जर्जर भवन में तालीम ले रहे हैं, जबकि बारिश के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाता है. वहीं प्रिंसिपल साहब का कहना है कि हादसा जब भी हुआ है, छुट्टियों में हुआ है, बच्चों को कुछ नहीं हुआ. अब इनकी बात सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि प्रिंसिपल साहब बच्चों के साथ किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहे हैं.

जर्जर भवन की तस्वीर सामने है, पिछले साल भी हादसे भी हो चुके हैं, बच्चे मौत के साए में पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी को मासूमों पर मंडरा रहा खतरा दिख नहीं दे रहा है,कहीं - कहीं जर्जर भवन, कहीं बदहाल रसोईघर, तो कहीं मौत का सामना करते मासूम, आखिर ऐसी परिस्थितियों से कैसे पढ़ेगा इंडिया और जब पढ़ेगा नहीं, तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.

राजगढ़। प्रदेश सरकार भले ही शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लाख दावे करे, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित डयोढ़ी शाला की बिल्डिंग इस कदर जर्जर हो चुकी है कि कभी भी ये बिल्डिंग जमींदोज हो सकती है. लेकिन शिक्षा विभाग की लापरवाही से आज भी छात्र इसी जर्जर भवन के नीचे बैठकर पढ़ने के लिए मजबूर हैं.

जर्जर भवन में शिक्षा लेने को मजबूर छात्र

हैरानी की बात ये है कि पिछले साल भी इस जर्जर भवन में बड़ा हादसा हो चुका है. उस हादसे में प्रिंसिपल बाल-बाल बचे थे, लेकिन इन सबके बावजूद छात्र इसी जर्जर भवन में तालीम ले रहे हैं, जबकि बारिश के मौसम में ये खतरा और भी बढ़ जाता है. वहीं प्रिंसिपल साहब का कहना है कि हादसा जब भी हुआ है, छुट्टियों में हुआ है, बच्चों को कुछ नहीं हुआ. अब इनकी बात सुनकर तो ऐसा लग रहा है कि प्रिंसिपल साहब बच्चों के साथ किसी बड़ी दुर्घटना होने का इंतजार कर रहे हैं.

जर्जर भवन की तस्वीर सामने है, पिछले साल भी हादसे भी हो चुके हैं, बच्चे मौत के साए में पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन जिला शिक्षा अधिकारी को मासूमों पर मंडरा रहा खतरा दिख नहीं दे रहा है,कहीं - कहीं जर्जर भवन, कहीं बदहाल रसोईघर, तो कहीं मौत का सामना करते मासूम, आखिर ऐसी परिस्थितियों से कैसे पढ़ेगा इंडिया और जब पढ़ेगा नहीं, तो कैसे बढ़ेगा इंडिया.

Intro:राजगढ़ मुख्यालय पर स्थित है ऐसा स्कूल जिनकी बिल्डिंग में कभी भी हो सकता है बड़ा हादसा, बिल्डिंग के अभाव में पढ़ाई करने को मजबूर है इस खतरे से भरी स्कूल की बिल्डिंग में, वहीं बारिश में बढ़ रहा है हादसा होने का खतरा ,पिछले साल भी स्कूल में हुआ था हादसा परंतु उसमें बाल-बाल बचे थे वहां के प्रिंसिपल,


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिला मुख्यालय पर स्थित ड्योढ़ी शाला की बिल्डिंग इतनी जर्जर हो चुकी है कि वहां पर बच्चों के साथ कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है इस हादसे में बच्चों के साथ कुछ भी हो सकता है, वहीं इस स्कूल की बिल्डिंग काफी पुरानी है और जिनकी हालत लगभग ऐसी हो चुकी है, कि वे कभी भी गिर सकती है वहीं यह खतरा बरसात के मौसम में बहुत अधिक बढ़ जाता है और यह बिल्डिंग बरसात के मौसम में कभी भी डह सकती है और बिल्डिंग काफी पुरानी होने के वजह से स्कूल में बरसात के कारण पानी भी आता है और बच्चों को उन बिल्डिंग में बैठने में काफी दिक्कत आती है।

वही ड्योढ़ी शाला में पढ़ने वाली अलीशा ने बताया कि उनको इस बिल्डिंग में बैठने में काफी डर लगता है वही इस बिल्डिंग में पिछले साल भी एक हादसा हुआ था जिसके वजह से उनको लगातार डर बना रहता है वहीं बरसात के मौसम में बिल्डिंग में पानी आता है जिससे उनको बैठने में काफी दिक्कत आती है।


Conclusion:वही ड्योढ़ी शाला की प्रिंसिपल पुरुषोत्तम सक्सेना ने बताया कि कुछ समय पहले अवकाश काल में छत गिरने के हादसे हुए हैं वही उन हादसों में बच्चों को तो किसी प्रकार की चोट नहीं आई है वहीं नई बिल्डिंग में रिपेयरिंग तो करवा दी गई है वही इस बिल्डिंग में पहले नगर पालिका की पुरानी बिल्डिंग है जिसके कारण स्कूल में लगातार पानी आता है वही ड्योढ़ी शाला के कुछ बिल्डिंग रियासत कालीन है जो काफी जर्जर हो चुकी है वही मेरे साथ भी हादसा हुआ था कि छत का प्लास्टर सीधे मेरे टेबल पर आकर गिरा था।

वहीं जिला शिक्षा अधिकारी बीएस बिसोरिया ने कहा कि इन बिल्डिंगों की इंजीनियर द्वारा जांच करवा ली जाएगी, वहीं अगर यह जर्जर पाई जाती है तो बच्चों को जल्द से जल्द अलग भवन में बैठने की व्यवस्था की जाएगी , वहीं स्कूलों को भी निर्देशित किया जाएगा कि बच्चों को ऐसी कैसी भी बिल्डिंग में ना बिठाया जाए जिसमें ऐसा हादसा होने का डर हो।


विसुअल

जर्जर स्कूल भवन के

बाइट

आलिशा स्कूल छात्रा
पुरषोत्तम सक्सेना स्कूल प्राचार्य
बीएस बिसोरिया जिला शिक्षा अधिकारी
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