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इस गांव में बहनें पेड़ को राखी बांधकर मनाती हैं रक्षाबंधन, ग्रामीण पेड़ लगाकर लेते हैं रक्षा का वचन

राजगढ़ के धीरे गांव में रक्षाबंधन के दिन पेड़ों को राखी बांधी जाती है, इस दौरान पेड़ों की रक्षा का वचन भी लिया जाता है.

Rakshabandhan celebrates the tree by tying a rakhi
पेड़ को राखी बांधकर मनाते हैं रक्षाबंधन
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Published : Aug 1, 2020, 10:54 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 10:16 AM IST

राजगढ़। रक्षाबंधन के त्योहार का अलग ही महत्व है, इस त्योहार में बहन अपने भाई को राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. लेकिन जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां पेड़ों को राखी बांधी जाती है, इस दौरान लोग पेड़ों की रक्षा करने का वचन लेते हैं. इस वजह से ना सिर्फ इस गांव में कई हजार पेड़ आज भी लगे हुए हैं बल्कि गांव में आज भी नए पेड़ों को त्योहारों पर लगाया जाता है. यह प्रथा इस गांव में बहुत पुरानी है, जिसे आने वाली पीढ़ी भी अपना रही है.

पेड़ को राखी बांधकर मनाते हैं रक्षाबंधन

रक्षा बंधन है यहां अनूठा

जिले के सारंगपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले धीरे गांव पेड़ों की रक्षा के लिए लगातार सजग बना हुआ है. लोग रक्षाबंधन के दिन पेड़ों को राखी बांधते हैं और नए पौधे भी लगाते हैं. यही वजह है, कि इस गांव में कई हजार पेड़ आज भी लगे हुए हैं और लोगों को स्वच्छ हवा और छाया दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह प्रथा उनके पूर्वजों से चली आ रही है, जिसे वे आज भी निभा रहे हैं, उनका कहना है कि पेड़ न सिर्फ काफी कुछ सुविधाएं मुहैया करवाते हैं, बल्कि पूरे जीवन में इनका एक महत्वपूर्ण स्थान है.

पेड़ों की रक्षा - एक मिसाल

गांव के ही रहने वाले सुल्तान सिंह बताते हैं कि गांव में पेड़ों को काफी पूजनीय माना जाता है. पेड़ों की रक्षा के लिए यह एक मिसाल पेश करने वाला कदम है, क्योंकि अगर हम पेड़ों को अपना घर का सदस्य मानेंगे तो हम कभी भी उन पर कुल्हाड़ी नहीं उठा पाएंगे और उनको नहीं काट पाएंगे. वहीं इस बारे में बहादुर सिंह का कहना है, कि पेड़ ना सिर्फ खाने के लिए फल देते हैं, बल्कि धूप में छाया और ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं. साथ ही जहां पेड़ों का घनत्व ज्यादा होता है, वहां पर बारिश भी काफी मात्रा में होती है. इसके अलावा पर्यावरण संतुलन बनाने में भी पेड़ों का काफी महत्व है. गांव के लोग ना सिर्फ जान रक्षाबंधन के दिन 1 साल से इकट्ठे होकर गांव में नए पौधों को और थोड़े बड़े हो रहे पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं बल्कि उनकी रक्षा का भी वचन देते हैं.

राजगढ़। रक्षाबंधन के त्योहार का अलग ही महत्व है, इस त्योहार में बहन अपने भाई को राखी बांधती है और बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है. लेकिन जिले में एक गांव ऐसा भी है, जहां पेड़ों को राखी बांधी जाती है, इस दौरान लोग पेड़ों की रक्षा करने का वचन लेते हैं. इस वजह से ना सिर्फ इस गांव में कई हजार पेड़ आज भी लगे हुए हैं बल्कि गांव में आज भी नए पेड़ों को त्योहारों पर लगाया जाता है. यह प्रथा इस गांव में बहुत पुरानी है, जिसे आने वाली पीढ़ी भी अपना रही है.

पेड़ को राखी बांधकर मनाते हैं रक्षाबंधन

रक्षा बंधन है यहां अनूठा

जिले के सारंगपुर तहसील के अंतर्गत आने वाले धीरे गांव पेड़ों की रक्षा के लिए लगातार सजग बना हुआ है. लोग रक्षाबंधन के दिन पेड़ों को राखी बांधते हैं और नए पौधे भी लगाते हैं. यही वजह है, कि इस गांव में कई हजार पेड़ आज भी लगे हुए हैं और लोगों को स्वच्छ हवा और छाया दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि यह प्रथा उनके पूर्वजों से चली आ रही है, जिसे वे आज भी निभा रहे हैं, उनका कहना है कि पेड़ न सिर्फ काफी कुछ सुविधाएं मुहैया करवाते हैं, बल्कि पूरे जीवन में इनका एक महत्वपूर्ण स्थान है.

पेड़ों की रक्षा - एक मिसाल

गांव के ही रहने वाले सुल्तान सिंह बताते हैं कि गांव में पेड़ों को काफी पूजनीय माना जाता है. पेड़ों की रक्षा के लिए यह एक मिसाल पेश करने वाला कदम है, क्योंकि अगर हम पेड़ों को अपना घर का सदस्य मानेंगे तो हम कभी भी उन पर कुल्हाड़ी नहीं उठा पाएंगे और उनको नहीं काट पाएंगे. वहीं इस बारे में बहादुर सिंह का कहना है, कि पेड़ ना सिर्फ खाने के लिए फल देते हैं, बल्कि धूप में छाया और ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं. साथ ही जहां पेड़ों का घनत्व ज्यादा होता है, वहां पर बारिश भी काफी मात्रा में होती है. इसके अलावा पर्यावरण संतुलन बनाने में भी पेड़ों का काफी महत्व है. गांव के लोग ना सिर्फ जान रक्षाबंधन के दिन 1 साल से इकट्ठे होकर गांव में नए पौधों को और थोड़े बड़े हो रहे पेड़ों को राखी बांधकर रक्षाबंधन का पर्व मनाते हैं बल्कि उनकी रक्षा का भी वचन देते हैं.

Last Updated : Aug 3, 2020, 10:16 AM IST
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