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नहर नहीं तो वोट नहीं: राजगढ़ के इस गांव में सिर्फ कागजों में मिल रहा खेतों को पानी, नाराज ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

No Canal No Votes: राजगढ़ के चाठा जागीर में किसानों का आरोप है कि यहां कागजों में खेतों को पानी दिया जा रहा है, जबकि हकीकत में खेतों में पानी दिया ही नहीं जा रहा. फिलहाज नाराज ग्रामीणों ने गांव में इस बार चुनाव बहिष्कार के बैनर पोस्टर लगाए है, ग्रामीणों का कहना है कि नहर नहीं तो वोट नहीं.

Rajgarh villagers boycotting mp chunav 2023
राजगढ़ में ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 30, 2023, 10:41 AM IST

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

राजगढ़। मध्यप्रदेश मे आगामी 17 नवंबर को विधानसभा चुनावों में होने वाले मतदान के चलते जिला प्रदेश व जिला निर्वाचन अधिकारी आमजन को मतदान करने के लिए जागरूक करता हुआ नजर आ रहा है, लेकिन एमपी के राजगढ़ जिले के इस गांव में ग्रामीण खुले तौर पर विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल पूरा मामला नरसिंहगढ़ डिवीजन के अंतर्गत आने वाले चाठा जागीर गांव का है, जंहा के किसानों ने अपने गांव में विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के बैनर पोस्टर लगाए हुए हैं. इन बैनरों में लिखा गया है कि नहर नहीं तो वोट नहीं.

नहर नहीं तो वोट नहीं: राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चाठा जागीर में किसानों के खेतों तक पानी न पहुंचने के चलते ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार के गांव में बैनर पोस्टर लगाए हैं, साथ ही ग्रामीणों ने अन्य ग्रामीणों को मतदान न करने के लिए रैली निकालकर प्रेरित किया. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में किसानों को कागजों में तो पानी मिल रहा है, लेकिन उनके खैत आज भी सूखे पड़े हैं. संबंधित अधिकारियों से आवेदन निवेदन करने के पश्चात भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली गई, इसलिए उन्होंने निर्णय किया है कि जब तक अधिकारी उनको लिखित में आश्वासन या प्रमाण नहीं देंगे, जब तक वे चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे और गांव कोई भी व्यक्ति मतदान नहीं करेगा.

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ग्रामीणों की शिकायत समझ के परे: वहीं मामले में मोहनपुरा परियोजना के प्रशासक विकास राजोरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि "गांव के पहले ही मोहनपुरा परियोजना का कमांड एरिया खत्म हो चुका है, ग्रामीणों को पानी पार्वती परियोजना से दिया जाएगा, जिसके लिए हम कलेक्टर को भी लिखित में दे चुके हैं. इसके अलावा नरसिंहगढ़ वॉटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट व पार्वती परियोजना के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि कहा कि "गांव में पानी पहुंचाने की योजना 2024 की है, क्योंकि परियोजना जब शुरू होगी, तभी उन्हें पानी मिल पाएगा. ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार क्यों और किसलिए किया जा रहा है, यह समझ से परे है."

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान

राजगढ़। मध्यप्रदेश मे आगामी 17 नवंबर को विधानसभा चुनावों में होने वाले मतदान के चलते जिला प्रदेश व जिला निर्वाचन अधिकारी आमजन को मतदान करने के लिए जागरूक करता हुआ नजर आ रहा है, लेकिन एमपी के राजगढ़ जिले के इस गांव में ग्रामीण खुले तौर पर विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल पूरा मामला नरसिंहगढ़ डिवीजन के अंतर्गत आने वाले चाठा जागीर गांव का है, जंहा के किसानों ने अपने गांव में विधानसभा चुनाव के बहिष्कार के बैनर पोस्टर लगाए हुए हैं. इन बैनरों में लिखा गया है कि नहर नहीं तो वोट नहीं.

नहर नहीं तो वोट नहीं: राजगढ़ जिले के नरसिंहगढ़ ब्लॉक के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत चाठा जागीर में किसानों के खेतों तक पानी न पहुंचने के चलते ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार के गांव में बैनर पोस्टर लगाए हैं, साथ ही ग्रामीणों ने अन्य ग्रामीणों को मतदान न करने के लिए रैली निकालकर प्रेरित किया. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में किसानों को कागजों में तो पानी मिल रहा है, लेकिन उनके खैत आज भी सूखे पड़े हैं. संबंधित अधिकारियों से आवेदन निवेदन करने के पश्चात भी ग्रामीणों की सुध नहीं ली गई, इसलिए उन्होंने निर्णय किया है कि जब तक अधिकारी उनको लिखित में आश्वासन या प्रमाण नहीं देंगे, जब तक वे चुनाव का बहिष्कार करते रहेंगे और गांव कोई भी व्यक्ति मतदान नहीं करेगा.

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ग्रामीणों की शिकायत समझ के परे: वहीं मामले में मोहनपुरा परियोजना के प्रशासक विकास राजोरिया से बात की तो उन्होंने बताया कि "गांव के पहले ही मोहनपुरा परियोजना का कमांड एरिया खत्म हो चुका है, ग्रामीणों को पानी पार्वती परियोजना से दिया जाएगा, जिसके लिए हम कलेक्टर को भी लिखित में दे चुके हैं. इसके अलावा नरसिंहगढ़ वॉटर रिसोर्सेज डिपार्टमेंट व पार्वती परियोजना के एग्जीक्यूटिव इंजीनियर भूपेंद्र सिंह का कहना है कि कहा कि "गांव में पानी पहुंचाने की योजना 2024 की है, क्योंकि परियोजना जब शुरू होगी, तभी उन्हें पानी मिल पाएगा. ग्रामीणों द्वारा चुनाव का बहिष्कार क्यों और किसलिए किया जा रहा है, यह समझ से परे है."

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