राजगढ़। जिला अस्पताल के वाटर कूलर में बुधवार को पाई गई मृत गिलहरी के वीडियो के बाद गुरुवार को राजगढ़ विधायक बापू सिंह तंवर जिला अस्पताल पहुंचे. जहां उन्होंने जिला अस्पताल में साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर सिविल सर्जन को जमकर खरी खोटी सुनाई. उन्होंने कहा कि ''मैंने पूर्व में अस्पताल की साफ सफाई की व्यवस्था को लेकर निरीक्षण किया था, जब इन पानी की टंकियों की सफाई करवाई गई थी. तो क्या में अब यहां आकर रोज इन टंकियों की साफ सफाई कराउ, मेरे पास क्या यही काम रह गया है.''
पानी की टंकी में मिली मृत गिलहरी: बता दें कि बुधवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो को लेकर हंगामा खड़ा हो गया था. वीडियो में दिखाया गया था कि जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर के बाहर जो वाटर कूलर लगा हुआ है उसमें एक मृत गिलहरी पड़ी हुई हैं, जो गल चुकी है. जिला अस्पताल के मरीज व उनके परिजन उसी टंकी का पानी भरकर पी रहें हैं. इसको लेकर CMHO डॉक्टर किरन वाडिया का कहना था कि ''दो से तीन माह में टंकियों की साफ सफाई कराई जाती है. उसी दौरान टंकी का ढक्कन खुला छूट गया था. तभी गिलहरी गिरकर मर गई होगी, जिसे निकालकर सफाई करा दी गई है. फिलहाल उक्त वाटर कूलर का पानी पीने से किसी की भी तबीयत खराब होने कि सूचना नहीं है. संबंधियों को वार्निंग के साथ उचित दिशा निर्देश दे दिए गए हैं.''
विधायक ने चेक की टंकियां: लेकिन वास्तविक स्थिति को जांचने व परखने के लिए राजगढ़ के स्थानीय विधायक बापू सिंह तंवर गुरुवार को जिला अस्पताल पहुंचे और खुद ने ऊपर चढ़कर टंकियों में झांक कर देखा तो उनमें काई जमी हुई थी. जिसके पश्चात विधायक का पारा चढ़ गया और उन्होंने निरीक्षण के दौरान ही जिला अस्पताल के सिविल सर्जन को जमकर खरी खोटी सुनाई. साथ ही साफ सफाई से संबंधित रजिस्टर भी चेक किया, जिसमें केवल एक साल पूर्व की गई पानी की टंकियों की साफ सफाई का जिक्र था. ऐसे में विधायक और आग बबूला हो गए और जिला अस्पताल के सिविल सर्जन से यह भी कहा कि ''क्या यहां रोज आकर टंकिया देखने का भी मेरा काम है और में ही इनकी साफ सफाई कराउ, अस्पताल को अस्पताल रहने दीजिए कचरा घर मत बनाइए.''
सुधरने का नाम नहीं ले रही अस्पताल की व्यवस्था: गौरतलब है कि राजगढ़ विधायक बापू सिंह तंवर ने वर्ष 2018 में विधायक बनने के बाद से अभी तक जिला अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए सैकड़ों मर्तबा जिला अस्पताल के चक्कर लगाए हैं. जिम्मेदारों को खरी खोटी भी सुनाई, धरना दिया, अधिकारियों को इकट्ठा किया, CMHO और CS भी बदले. लेकिन जिला अस्पताल की व्यवस्था है की सुधरने का नाम नहीं लेती. अव्यवस्थाओं के एक दो कारण हो तो गिनाए जा सकते हैं, लेकिन यहां अव्यस्थाओं का अंबार है. जिसे नवागत सीएस भी हैंडल नहीं कर पा रहे हैं, जिसका खामियाजा सिर्फ आमजन को भुगतना पड़ता है.