राजगढ़। जिले के सारंगपुर में स्थित कस्तूरबा गांधी छात्रावास जो की आए दिन विवाद में रहता है, वहीं इस बार फिर से विवाद में है. दरअसल यहां लगभग एक दर्जन छात्राएं दूषित पोहा खाने के कारण बीमार हो गई, जिन्हें अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती किया गया है. वहीं घटना की सूचना लगते ही तहसीलदार भी मौके पर पहुंचे, जहां उन्होंने बालिकाओं के उचित उपचार की व्यवस्था के लिए दिशा निर्देश दिए और छात्रावास प्रबंधन को फटकार भी लगाई.
शिकायत के बाद भी नहीं मिलता अच्छा खाना: जानकारी के मुताबिक घटना शनिवार को कस्तूरबा छात्रावास की है, जहां लगभग एक दर्जन छात्राएं अचानक बीमार हो गई. बालिकाओं की हालत खराब होने पर उनको अस्पताल में भर्ती कराया गया और मामले की जानकारी लगते ही तहसीलदार मनोज शर्मा भी मौके पर पहुंचे और बच्चियों का व्यवस्थित उपचार कराया. वहीं कुछ बालिकाओं ने तहसीलदार को बताया कि रात को उन्हें खाने में चावल और सुबह पौहा खिलाया गया, जिससे हमारी तबीयत खराब हुई. बालिकाओं ने बताया कि "हमारे द्वारा पौष्टिक भोजन की लगातार मांग की जा रही है, लेकिन हमें गुणवत्तापूर्ण एवं रोस्टर अनुसार भोजन नहीं मिलता है. इसकी मौखिक शिकायत हम कई बार अधिकारियों को कर चुके हैं, पिछले दिनों भी हमारे द्वारा जली हुई रोटी और नियम अनुसार भोजन नहीं देने की शिकायत एसडीएम और विधायक को की गई थी, लेकिन अब तक इस पर कोई एक्शन नहीं लिया गया."
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जांच के बाद ही स्पष्ट होगा मामला: मामले की जानकारी लगने के बाद शाम 4:00 बजे सारंगपुर बीआरसी के अधीक्षक बीएल वर्मा भी मौके पर निरीक्षण करने के लिए सिविल अस्पताल और छात्रावास पहुंचे थे, जहां उनके द्वारा अस्पताल में उपचाररत बालिकाओं से मुलाकात की गई और उनसे स्वास्थ्य के बारे में जानकारी ली गई. इसके साथ ही बीआरसी ने कस्तूरबा छात्रावास पहुंचकर तकरीबन एक घंटा छात्रावास की व्यवस्थाओं के बारे में और बच्चियों के स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ के बारे में भी जानकारी एकत्रित की. उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि "अब लगभग सभी बच्चियों के स्वास्थ्य में काफी सुधार हो रहा है, तीन बालिका अभी फिलहाल सिविल अस्पताल में उपचाररत हैं. मामले में राजगढ़ से वरिष्ठ अधिकारी भी जांच करने के लिए सारंगपुर पहुंच रहे हैं, जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि पूरा मामला क्या है."