राजगढ़। राजगढ़ जिले में फसल कटाई के बाद खेतों में बची नरवाई को जलाने वालों पर अब कार्रवाई की जाएगी. जिले के कलेक्टर ने सख्ती दिखाते हुए इसके संबंध में आदेश जारी किया है. जिसमें कहा गया है कि, जिले में नरवाई जलाने पर धारा 144 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
दरअसल, राजगढ़ जिले में रबी फसलों की कटाई पूरी हो चुकी है. रबी फसलों की कटाई में खासकर गेहूं की कटाई के बाद अवशेष के रूप में नरवाई खेतों में बच जाती है. जिसे किसान बची हुई नरवाई को जला देता है. जिससे पर्यावरण प्रदूषण होने के साथ-साथ आसपास के लोगों कि घरों में आग लगने की भी आशंका बनी रहती हैं. गौरतलब है कि, हाल ही में राजगढ़ जिले की जीरापुर तहसील मी एक किसान द्वारा अपने खेत की नरवाई में आग लगाई गई थी. जिसके बाद खेत के समीप बने एक कुटिया में रह रहे वृद्ध की जलने से मौत हो गई थी. यही वजह है कि, कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए नरवाई जलाने पर प्रतिबंध लगा दिया है.
कलेक्टर के आदेश में लिखा है कि, जिले में रवि मौसम के अंतर्गत बोई जाने वाली गेहूं, चना, सरसों आदि फसलों की कटाई के पश्चात किसानों के द्वारा नरवाई जला दी जाती है. जिसके कारण भूमि में उपलब्ध जैव विविधता समाप्त हो जाती है. भूमि के ऊपरी परत में पौधों के लिए आवश्यक पोषक तत्व होते हैं जो आग लगने के कारण जलकर नष्ट हो जाते हैं. साथ ही नरवाई जलाने के कारण पर्यावरण भी प्रदूषित होता है. अतः जिला कलेक्टर द्वारा दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 का उपयोग करते हुए संपूर्ण जिले के राजस्व क्षेत्र में फसलों की कटाई के पश्चात नरवाई जलाने पर रोक लगा दी गई है.
आदेश के मुख्य बिंदु
कोई भी किसान अपनी फसल काटने के पश्चात फसलों के अवशेषों को नहीं जलाएगा.
रबी मौसम की फसलों की कटाई में कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा.
यदि कृषक फसलों की कटाई में कंबाइन हार्वेस्टर के साथ स्ट्रॉ मैनेजमेंट सिस्टम का उपयोग नहीं करता है तो उन्हें स्ट्रा रिपेयर का उपयोग कर फसलों के अवशेषों से भूसा प्राप्त करना होगा.
आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध मध्यप्रदेश शासन पर्यावरण विभाग के नोटिफिकेशन के अनुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा.