राजगढ़। पूरे देश में चुनावी माहौल है. राजनेता जातियों और धर्म के आधार पर वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राजगढ़ जिले में हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल देखने को मिलती है, जो अनेकता में एकता और का संदेश देती है.
जिले में कौमी एकता की मिसाल पेश करती एक ऐसी प्रथा है, जिसमें मजार से मंदिर में झंडा आता है और भगवान बजरंगबली को समर्पित किया जाता है. राजगढ़ स्थित बाबा बदख्शनिदास की मजार से भगवान बजरंगबली को झंडा समर्पित करने के लिए मुस्लिम समुदाय झंडा लेकर आता है और राम जानकी मंदिर में भगवान बजरंगबली को इसे समर्पित किया जाता है.
कौमी एकता की मिसाल, बजरंगबली के लिए मुस्लिम धर्मावलंबी लाते हैं झंडा - rajgarh
राजगढ़ जिले में कौमी एकता की मिसाल पेश करती एक ऐसी प्रथा है, जिसमें मजार से मंदिर में झंडा आता है और भगवान बजरंगबली को समर्पित किया जाता है. इधर जब बाबा बदख्शनिदास की मजार पर उर्स का आयोजन किया जाता है, तब राम जानकी मंदिर की ओर से बाबा की मजार पर चादर चढ़ाई जाती है.
राजगढ़। पूरे देश में चुनावी माहौल है. राजनेता जातियों और धर्म के आधार पर वोट मांगते दिखाई दे रहे हैं, लेकिन राजगढ़ जिले में हिंदू और मुस्लिमों के बीच सांप्रदायिक सौहार्द्र की मिसाल देखने को मिलती है, जो अनेकता में एकता और का संदेश देती है.
जिले में कौमी एकता की मिसाल पेश करती एक ऐसी प्रथा है, जिसमें मजार से मंदिर में झंडा आता है और भगवान बजरंगबली को समर्पित किया जाता है. राजगढ़ स्थित बाबा बदख्शनिदास की मजार से भगवान बजरंगबली को झंडा समर्पित करने के लिए मुस्लिम समुदाय झंडा लेकर आता है और राम जानकी मंदिर में भगवान बजरंगबली को इसे समर्पित किया जाता है.
राजगढ़ में कौमी एकता की मिसाल पेश करती हुई एक और तथा जिसमें मजार से मंदिर में झंडा आता है और भगवान बजरंगबली को समर्पित किया जाता है।
Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में एक ऐसी प्रथा है जिसमें मंदिर से मजार और मजार से मंदिर एक कौमी एकता की मिसाल देखने को मिलती है
दरअसल बात ऐसी है कि कल जहां हिंदू नववर्ष की शुरुआत होने जा रही है कल गुड़ी पड़वा के अवसर पर जहां पूरे भारतवर्ष में हिंदू नव वर्ष मनाया जाएगा जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे आज उसी क्रम में गुड़ी पड़वा की पूर्व संध्या पर कौमी एकता की एक मिसाल देखने को मिलती है जिसमें राजगढ़ स्थित बाबा बदख्शनिदास कि मजार से भगवान बजरंगबली को झंडा समर्पित करने के लिए मुस्लिम समुदाय द्वारा झंडा लाया जाता है और राम जानकी मंदिर में उसको भगवान बजरंगबली को समर्पित किया जाता है यह मिसाल पिछले 39 वर्षों से लगातार चली आ रही है और लगातार लोग इसमें जुड़ते चले जा रहे हैं जहां इसकी शुरुआत स्वर्गीय राम सिंह प्रहरी के विचार से शुरू हुई थी वही अभी यह प्रथा कमलकार समिति द्वारा निभाई जाती है इस प्रथा में ना सिर्फ हिंदू मुस्लिम बल्कि अन्य समुदाय के लोग भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं यह एक ऐसी मिसाल है जो ना सिर्फ पूरे भारत बल्कि पूरे विश्व के लिए एकता का संदेश देती है।
Conclusion:वही कुछ दिन पहले बाबा बदख्शनिदास की मजार पर उर्स का आयोजन किया था ,इसी दौरान राम जानकी मंदिर के द्वारा बाबा की मजार पर चादर चढ़ाई जाती है और कौमी एकता के लिए दुआ की जाती है इसी क्रम में आज नववर्ष की पूर्व संध्या पर मुस्लिम समुदाय द्वारा बजरंगबली के लिए झंडा प्रस्तुत किया जाता है।
विसुअल
कौमी एकता की मिसाल पेश करती प्रथा
बाइट
राशिद जमील खान मुस्लिम कमिटी के सदस्य
रघुनंदन शर्मा ,पूर्व विधायक और हिन्दू समिति के सदस्य