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देर रात डॉक्टर और कलेक्टर के बीच हुई नोकझोंक, जनप्रतिनिधियों ने करवाई सुलाह

राजगढ़ में सामने आए पहले कोरोना पॉजिटिव मामले के बाद दोबारा पेशेंट को हॉस्पिटल को भर्ती करने में देर होने पर कलेक्टर और डॉक्टर के बीच तीखी नोकझोंक हो गई, हालांकि सांसद और विधायक ने दोनों में सुलह करवा दी.

राजगढ़
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Published : Apr 21, 2020, 11:17 AM IST

राजगढ़। जिले में पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हुई मीटिंग में कलेक्टर और डॉक्टर्स के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए. हालात बिगड़ते देख जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच में सुलह करवाई और डॉक्टर्स को फिर से काम पर लौटने के लिए कहा.

घटना कुछ इस प्रकार है, जीरापुर के समीपस्थ गांव काछीखे़डी निवासी महिला को 16 अप्रैल को प्रसव के लिए राजगढ़ रेफर किया था. 18 अप्रैल को महिला की पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद फिर से सैंपल जांच के लिए भेजे गए, रविवार को उसके ऑक्सीजन में गिरावट होने पर देर रात भोपाल रेफर कर दिया गया.

ऐसे में रात करीब 12 बजे बाद महिला की दूसरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है. महिला के अलावा महिला के पति, उनके नवजात बच्चे और देवर की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला, उनके पति व नवजात सोमवार सुबह अचानक भोपाल हमीदिया अस्पताल से जीरापुर जा पहुंचे.

ऐसे में प्रशासन ने फिर से महिला को आइसोलेट करने के लिए जिला अस्पताल बुलाया. यहां जब महिला, उसका पति और तीन दिन का बच्चा एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचे, तो वहां उन्हें किसी ने अटैंड तक नहीं किया. ऐसे में महिला करीब 15 मिनिट एंबुलेंस में बैठी रही व पति बच्चे को गोदी में लेकर ट्रामा सेंटर के बाहर फूट-फूटकर रो पड़ा.

मीडिया के दखल के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने दखल देते हुए अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया व कुछ समय बाद कलेक्टर, एसपी प्रदीप शर्मा अस्पताल जा पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा एसपी प्रदीप शर्मा और जिला पंचायत सीईओ के साथ जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स की एक मीटिंग रखी गई थी.

इसी दौरान जहां जिला कलेक्टर और डॉक्टरों के बीच में तीखी नोकझोंक हो गई और डॉक्टर बीच में ही मीटिंग छोड़कर हड़ताल पर चले गए, यह गतिविधि पूरे सोशल मीडिया पर छाई रही और लोगों की प्रतिक्रियाएं चलती रहीं.

इस आपातकाल में ऐसी घटना के बाद जनप्रतिनिधियों ने आगे बढ़कर स्थिति को संभाला और राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, विधायक बापू सिंह तंवर और जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से बातचीत की, उन्होंने कलेक्टर को भी जिला अस्पताल बुलवाया और दोनों पक्षों के बीच में सुलाह करवाते हुए डॉक्टर्स को फिर से ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा, वहीं आज सुबह से डॉक्टर्स ने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है.

राजगढ़। जिले में पहली कोरोना पॉजिटिव मरीज मिलने के बाद हुई मीटिंग में कलेक्टर और डॉक्टर्स के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसके बाद डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए. हालात बिगड़ते देख जनप्रतिनिधियों ने पहुंचकर डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों के बीच में सुलह करवाई और डॉक्टर्स को फिर से काम पर लौटने के लिए कहा.

घटना कुछ इस प्रकार है, जीरापुर के समीपस्थ गांव काछीखे़डी निवासी महिला को 16 अप्रैल को प्रसव के लिए राजगढ़ रेफर किया था. 18 अप्रैल को महिला की पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी. रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद फिर से सैंपल जांच के लिए भेजे गए, रविवार को उसके ऑक्सीजन में गिरावट होने पर देर रात भोपाल रेफर कर दिया गया.

ऐसे में रात करीब 12 बजे बाद महिला की दूसरी कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है. महिला के अलावा महिला के पति, उनके नवजात बच्चे और देवर की रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है, रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद महिला, उनके पति व नवजात सोमवार सुबह अचानक भोपाल हमीदिया अस्पताल से जीरापुर जा पहुंचे.

ऐसे में प्रशासन ने फिर से महिला को आइसोलेट करने के लिए जिला अस्पताल बुलाया. यहां जब महिला, उसका पति और तीन दिन का बच्चा एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचे, तो वहां उन्हें किसी ने अटैंड तक नहीं किया. ऐसे में महिला करीब 15 मिनिट एंबुलेंस में बैठी रही व पति बच्चे को गोदी में लेकर ट्रामा सेंटर के बाहर फूट-फूटकर रो पड़ा.

मीडिया के दखल के बाद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने दखल देते हुए अस्पताल में उन्हें भर्ती करवाया व कुछ समय बाद कलेक्टर, एसपी प्रदीप शर्मा अस्पताल जा पहुंचे और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया. इसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा एसपी प्रदीप शर्मा और जिला पंचायत सीईओ के साथ जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स की एक मीटिंग रखी गई थी.

इसी दौरान जहां जिला कलेक्टर और डॉक्टरों के बीच में तीखी नोकझोंक हो गई और डॉक्टर बीच में ही मीटिंग छोड़कर हड़ताल पर चले गए, यह गतिविधि पूरे सोशल मीडिया पर छाई रही और लोगों की प्रतिक्रियाएं चलती रहीं.

इस आपातकाल में ऐसी घटना के बाद जनप्रतिनिधियों ने आगे बढ़कर स्थिति को संभाला और राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, विधायक बापू सिंह तंवर और जनप्रतिनिधि जिला अस्पताल पहुंचे और डॉक्टर से बातचीत की, उन्होंने कलेक्टर को भी जिला अस्पताल बुलवाया और दोनों पक्षों के बीच में सुलाह करवाते हुए डॉक्टर्स को फिर से ड्यूटी पर लौटने के लिए कहा, वहीं आज सुबह से डॉक्टर्स ने अपनी ड्यूटी जॉइन कर ली है.

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