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MP उपचुनावः ब्यावरा में पानी और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा, मौका उसे ही मिलेगा जो विकास करेगा - एमपी बाय पोल

राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव में तीन नवंबर को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला ईवीएम में केद हो जाएगा. लिहाजा बीजेपी प्रत्याशी नारायण पंवार और कांग्रेस प्रत्याशी रामचंद्र दांगी यहां मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. ऐसे में ईटीवी भारत ने भी ब्यावरा के मतदाताओं के मन की बात जानने की कोशिश की.

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ब्यावरा उपचुनाव
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Published : Oct 19, 2020, 5:55 PM IST

राजगढ़। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. वोटिंग 3 नवंबर को होगी तो 10 नवंबर को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा. लिहाजा प्रत्याशी अब मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. बात अगर राजगढ़ जिले की ब्यवारा विधानसभा सीट की जाए, तो यहां बीजेपी के नारायण पंवार का का मुकाबला कांग्रेस के रामचंद्र दांगी से होगा. ऐसे में ईटीवी भारत भी मतदाताओं के मन की बात जानने ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा.

ब्यावरा उपचुनाव

ब्यावरा विधानसभा में पानी और रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. ब्यावरा शहर और यहां के ग्रामीण अंचल में पर्याप्त पानी नहीं होने से लोगों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वही स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से स्थानीय मतदाता अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से नाराज नजर आते हैं.

ये भी पढ़ेंः ब्यावरा विधानसभा सीटः नारायण-राम में किसकी चमकेगी किस्मत, दांव पर दिग्गी-शिवराज की साख

ब्यावरा में विकास बड़ा मुद्दा

स्थानीय मतदाता शुभम जैन बताते हैं कि ब्यावरा विधानसभा पर सबसे अहम मुद्दा विकास है. पानी का यहां पर गर्मियों के समय में 15-15 दिन में एक बार नल आते हैं और यह स्थिति ना सिर्फ गर्मियों में बल्कि हर वक्त बनी रहती है. जबकि क्षेत्र में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाए न होने की भी एक बड़ी परेशानी रहती है. यहां के लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है. लिहाजा स्वास्थ्य सुविधाओं की तरफ जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए.

रोजगार नहीं होने से युवा वर्ग परेशान

ब्यावरा विधानसभा सीट पर रोजगार नहीं होने से युवा वर्ग निराश नजर आता है. युवा सभी जनप्रतिनिधियों से रोजगार को ही पहली प्राथमिकता बताते हैं. यहां का युवा नौकरी की तलाश में बड़े-बड़े शहरों की तरफ जाता है. जिससे उसको रोजगार के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. जबकि बेरोजगारी से यहां पर लगातार पलायन की स्थिति भी बनती है. यहां पर कोई भी ऐसा कॉलेज नहीं है जिसमें युवा यहीं पर रहकर पढ़ाई कर सके लिहाजा युवा वर्ग इन सभी समस्याओं से परेशान नजर आता है.

ये भी पढ़ेंः ब्यावरा उपचुनाव: बीजेपी और कांग्रेस प्रत्याशियों ने गिनाए चुनावी मुद्दे, जनता से किए कई वादे

परेशान नजर आते हैं किसान

ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्रामीण अंचल भी आता है. किसानों का कहना है कि सरकार से काफी कुछ अपेक्षाए हैं. लेकिन रकार लगातार उनकी परेशानियों को अनदेखा कर रही है. फसलों का उचित दाम, सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी यहां के किसानों कि प्रमुख जरुरत है. लिहाजा किसान वर्ग भी जनप्रतिनिधियों से इन्ही मांगों को पूरा करने की बात करता नजर आता है.

प्रत्याशियों ने फिर किए वादे

जब इन जन समस्याओं को लेकर दोनों दलों के प्रत्याशियों से जानकारी ली गई और पूछा गया कि वे इस बार जनता को चुनाव में क्या सौगात देंगे. तो बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों के जवाब अलग-अलग थे. बीजेपी प्रत्याशी नारायण पंवार अपने पिछले कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों को फिर से आगे बढ़ाने की बात करते नजर आते हैं. तो कांग्रेस प्रत्याशी भी क्षेत्र में मौका मिलने पर इन सभी समस्याओं को दूर करने का दावा कर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः सुवासरा विधानसभाः यहां पहली बार हो रहा उपचुनाव, बीजेपी के हरदीप डंग के सामने कांग्रेस के राकेश पाटीदार

अलग-अलग लोगों से उनकी राय लेने पर ब्यावरा विधानसभा सीट पर कई समस्याएं निकल कर सामने आयी. लिहाजा इस बार जिसके विकास के दावों में दम होगा. जनता उसे मौका दे सकती है. ऐसे सियासी समीकरणों के उलट ब्यावरा की जनता इस बार किसे अपना नेता चुनेगी यह तो 10 नबवंर को ही पता चलेगा. लेकिन जनता के दिल में उतरने के लिए प्रत्याशियों को इस बार काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है

राजगढ़। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो चुका है. वोटिंग 3 नवंबर को होगी तो 10 नवंबर को प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला हो जाएगा. लिहाजा प्रत्याशी अब मतदाताओं को लुभाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते. बात अगर राजगढ़ जिले की ब्यवारा विधानसभा सीट की जाए, तो यहां बीजेपी के नारायण पंवार का का मुकाबला कांग्रेस के रामचंद्र दांगी से होगा. ऐसे में ईटीवी भारत भी मतदाताओं के मन की बात जानने ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र में पहुंचा.

ब्यावरा उपचुनाव

ब्यावरा विधानसभा में पानी और रोजगार सबसे बड़ी समस्या है. ब्यावरा शहर और यहां के ग्रामीण अंचल में पर्याप्त पानी नहीं होने से लोगों को हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. वही स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं होने से स्थानीय मतदाता अपने क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों से नाराज नजर आते हैं.

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ब्यावरा में विकास बड़ा मुद्दा

स्थानीय मतदाता शुभम जैन बताते हैं कि ब्यावरा विधानसभा पर सबसे अहम मुद्दा विकास है. पानी का यहां पर गर्मियों के समय में 15-15 दिन में एक बार नल आते हैं और यह स्थिति ना सिर्फ गर्मियों में बल्कि हर वक्त बनी रहती है. जबकि क्षेत्र में पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाए न होने की भी एक बड़ी परेशानी रहती है. यहां के लोगों को इलाज के लिए दूसरे शहरों का रुख करना पड़ता है. लिहाजा स्वास्थ्य सुविधाओं की तरफ जनप्रतिनिधियों को ध्यान देना चाहिए.

रोजगार नहीं होने से युवा वर्ग परेशान

ब्यावरा विधानसभा सीट पर रोजगार नहीं होने से युवा वर्ग निराश नजर आता है. युवा सभी जनप्रतिनिधियों से रोजगार को ही पहली प्राथमिकता बताते हैं. यहां का युवा नौकरी की तलाश में बड़े-बड़े शहरों की तरफ जाता है. जिससे उसको रोजगार के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता है. जबकि बेरोजगारी से यहां पर लगातार पलायन की स्थिति भी बनती है. यहां पर कोई भी ऐसा कॉलेज नहीं है जिसमें युवा यहीं पर रहकर पढ़ाई कर सके लिहाजा युवा वर्ग इन सभी समस्याओं से परेशान नजर आता है.

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परेशान नजर आते हैं किसान

ब्यावरा विधानसभा क्षेत्र के तहत ग्रामीण अंचल भी आता है. किसानों का कहना है कि सरकार से काफी कुछ अपेक्षाए हैं. लेकिन रकार लगातार उनकी परेशानियों को अनदेखा कर रही है. फसलों का उचित दाम, सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी यहां के किसानों कि प्रमुख जरुरत है. लिहाजा किसान वर्ग भी जनप्रतिनिधियों से इन्ही मांगों को पूरा करने की बात करता नजर आता है.

प्रत्याशियों ने फिर किए वादे

जब इन जन समस्याओं को लेकर दोनों दलों के प्रत्याशियों से जानकारी ली गई और पूछा गया कि वे इस बार जनता को चुनाव में क्या सौगात देंगे. तो बीजेपी कांग्रेस के प्रत्याशियों के जवाब अलग-अलग थे. बीजेपी प्रत्याशी नारायण पंवार अपने पिछले कार्यकाल में कराए गए विकास कार्यों को फिर से आगे बढ़ाने की बात करते नजर आते हैं. तो कांग्रेस प्रत्याशी भी क्षेत्र में मौका मिलने पर इन सभी समस्याओं को दूर करने का दावा कर रहे हैं.

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अलग-अलग लोगों से उनकी राय लेने पर ब्यावरा विधानसभा सीट पर कई समस्याएं निकल कर सामने आयी. लिहाजा इस बार जिसके विकास के दावों में दम होगा. जनता उसे मौका दे सकती है. ऐसे सियासी समीकरणों के उलट ब्यावरा की जनता इस बार किसे अपना नेता चुनेगी यह तो 10 नबवंर को ही पता चलेगा. लेकिन जनता के दिल में उतरने के लिए प्रत्याशियों को इस बार काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है

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