राजगढ़। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में कल भयानक बस हादसे में 51 लोगों की जान चली गई. ओवरलोड बसों से होने वाली घटनाएं पूरे देश में देखने को मिलती है. राजगढ़ जिले में भी कुछ ऐसे ही हालात है. जब ईटीवी भारत ने इसकी रियलिटी चेक की तो राजगढ़ मुख्यालय पर ही काफी बुरे हालात है. ओवरलोड की समस्या राजगढ़ में लगातार बढ़ रही है. ऐसा हाल आज टेंपो की छत पर और ऑटो में अत्यधिक संख्या में लोग बैठकर अपने गांव की ओर जाते हुए दिखाई दिए.
- सीधी जैसे हादसे की आशंका
हम बात कर रहे हैं राजगढ़ जिले के राजगढ़ मुख्यालय पर काली पीठ की ओर जाने वाले रास्ते की. यहां पर मुख्यालय से निकलते ही नेवज नदी के छोटे पुल पर रेलिंग का अभाव है. इस पर ओवरलोडिंग वाहन लगातार देखने को मिलते हैं. राजगढ़ से कालीपीठ को जाने वाली सड़क 40 गांवों को मुख्यालय से जोड़ती है. लेकिन इस पर ओवरलोडिंग की समस्या लगातार देखने को मिलती है. यह ओवरलोडिंग कभी भी सीधी जैसे बड़े हादसे में तब्दील हो सकती है.
- संख्या से अधिक सवारी
मुख्यालय पर आने के लिए गांव के लोग टेंपो या ऑटो का इस्तेमाल करते हैं. वे अपनी जान की फिक्र ना करते हुए टेंपो बड़ी संख्या में बैठ जाते हैं. वे न सिर्फ टेंपो के अंदर बल्कि टेंपो के छत पर लटकते हुए आते है. यह समस्या उस समय काफी खतरनाक हो जाती है, जब नेवज नदी पर बने छोटे पुल से ऑटो गुजरता है. ऑटो के नदी में गिरने की आशंका लगी रहती है.
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- संसाधनों की उपलब्धता नहीं
इस बारे में ट्राफिक प्रभारी योगेंद्र मरावी से बात की गई, तो उन्होंने बताया कि कालीपीठ रोड पर आने-जाने के लिए ज्यादा संसाधनों की उपलब्धता नहीं है. वहीं जब भी कोई ओवरलोडिंग के वाहन दिखाई देते हैं. तो हम उन पर चालानी कार्रवाई करते है. हमने वहां पर ट्राफिक पॉइंट बनाए हैं.