राजगढ़/अनूपपुर। मध्यप्रदेश में मोहन यादव के मंत्रिमंडल का विस्तार सोमवार को किया गया है. जिसमे 28 मंत्रियों ने शपथ ली है. जिसमें 18 कैबिनेट वा 10 राज्यमंत्री बनाए गए हैं. राज्यमंत्री बनाए गए विधायकों में राजगढ़ जिले की ब्यावरा विधानसभा सीट से विधायक नारायण सिंह पंवार और सारंगपुर विधानसभा सीट से विधायक गौतम टेटवाल का नाम शामिल है. नारायण सिंह पंवार का जन्म 15 जुलाई 1957 को हुआ. वर्ष 2013 में भाजपा के टिकट पर इन्होंने विधायक का चुनाव लड़ा और विधायक बने.
पंवार ने हार नहीं मानी : वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव और वर्ष 2020 के उपचुनाव में पंवार को जनता ने नकार दिया और कार्यकर्ता भी उनसे रुष्ट नजर आए. वर्ष 2023 के चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से मौका दिया और इस दौरान वह रूठे हुए कार्यकर्ताओं को मनाने के लिए भावुक होते हुए नजर आए. अंततः उन्होंने जीत हासिल की और आज उन्हें मंत्रिमंडल में भी जगह मिली. वे राज्यमंत्री बनाए गए. वहीं दूसरे राज्यमंत्री गौतम टेटवाल का जन्म 5 सितम्बर 1963 को हुआ. भाजपा के टिकट पर वर्ष 2008 में सारंगपुर विधानसभा से इन्होंने चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुए.
टेटवाल का संघर्ष काम आया : टेटवाल को 2013 और 2018 में पार्टी ने टिकट नहीं दिया और वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में मौका मिला. उन्होंने जीत दर्ज की. जिसके पश्चात सोमवार को हुए मंत्रमंडल के गठन में उन्हें जगह मिली और वे राज्यमंत्री बनाए गए. गौरतलब है कि राजगढ़ जिला नीति आयोग की चेकलिस्ट में पिछड़े जिलों की सूची में शामिल है. ऐसे में अब मोहन यादव के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार में राजगढ़ जिले से दो विधायकों को राज्यमंत्री बनाया गया है और पांचों सीटों पर भाजपा के विधायक ही विराजमान हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि राजगढ़ जिला आगामी पांच वर्षों में विकास के नए आयाम को छुएगा.
दिलीप जायसवाल को स्वतत्र प्रभार : अनूपपुर जिले के कोतमा विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार भाजपा से निर्वाचित विधायक दिलीप जायसवाल को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है. 60 वर्षीय दिलीप जायसवाल दूसरी बार विधायक निर्वाचित हुए हैं. इससे पहले वह 2008 में विधायक निर्वाचित हुए थे. इसके पश्चात 2018 में पार्टी ने उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित किया लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी सुनील सराफ से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. इस बार फिर से पार्टी ने उन्हें प्रत्याशी घोषित किया और कांग्रेस के सुनील सराफ को उन्होंने मात दे दी.
ALSO READ: |
लंबा राजनीतिक अनुभव : दिलीप जायसवाल शुरू से ही भाजपा से जुड़े रहे. पहली बार 1986 में वह भाजपा के नगर अध्यक्ष बनाए गए. इसके पश्चात वह 1990 में नगर पालिका बिजुरी से पार्षद भी निर्वाचित हुए. इसके पश्चात 1995 में जब अनूपपुर जिला अस्तित्व में नहीं आया था और संयुक्त शहडोल जिला था तो भाजपा संगठन में उन्हें महामंत्री का दायित्व दिया गया. 2006 में उन्हें भाजपा अनूपपुर का जिला अध्यक्ष भी बनाया गया. 2008 में पार्टी ने उन्हें कोतमा विधानसभा से विधायक प्रत्याशी घोषित किया. इसके पश्चात 2018 में भी पार्टी ने विधायक उम्मीदवार घोषित किया लेकिन इस बार इन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2023 में फिर से चुनाव में इन्होंने जीत दर्ज की.