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पारंपरिक रूप से निकली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का बदला स्वरूप

मंगलवार को राजगढ़ के नरसिंहगढ़ में पारंपरिक रूप से भगवान जगन्नाथ की रथ निकाली गई, जिसमें सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ध्यान रखा गया.

Lord Jagannath's Rath Yatra took place in narsinghpur of rajgarh
पारंपरिक रूप से निकली भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा
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Published : Jun 24, 2020, 2:49 PM IST

राजगढ़। जिले के नरसिंहगढ़ शहर में मंगलवार को पारंपरिक रूप से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. देर दोपहर मंदिर में आरती के बाद जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ की गई जो सीधे बड़ा बाजार स्थित श्रीरामकृष्ण मंदिर पहुंची. परंपरागत रूप से अब 15 दिनों तक भगवान यही विश्राम करेंगे.

कोरोना संकट के बीच निकली रथ यात्रा

कोरोना के दौर में प्रशासन की गाइडलाइन के चलते पहली मर्तबा रथयात्रा का मार्ग बदला गया है, पहले जहां पारंपरिक मार्गों से होकर रथयात्रा गुजरती थी, वहीं अब भगवान का रथ सीधे जगदीश मंदिर थावरिया से बड़ा बाजार लाया गया, जहां श्रृद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के दर्शनों का पुण्य लाभ लिया. कोरोना संकट के बीच लंबे समय बाद धार्मिक कार्यक्रमों का यह पहला आयोजन था, जिसमें भी आयोजकों ने सोशल डिस्टेंस का खासा ध्यान रखा.

सालों से चली आ रही परंपरा

एक तरफ जहां चेहरे पर मास्क लगाकर भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए. वहीं मंदिर के बाहर भक्तों के हाथों को सैनेटाइज करने की व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन द्वारा की गई थी. गौरतलब है कि शहर में रियासत काल से ही जगन्नाथ रथ यात्रा की परंपरा चली आ रही है.

भजन-कीर्तन का चला दौर

दो दिवसीय रथयात्रा महोत्सव के दौरान सोमवार शाम से ही मंदिर में विशेष धार्मिक कार्यक्रम शुरु हो गए थे. रात को स्थानीय भजन गायकों ने मंदिर में भजनों की प्रस्तुतियां दी और माहौल को भक्तिमय कर दिया. वहीं सुबह अभिषेक-पूजा के दौरान भी मंदिर में भजन कीर्तन का दौर चलता रहा. सोशल डिस्टेंस रख शहरवासियों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शनों का लाभ लिया. इस दौरान दिवंगत मंदिर पुजारी पं. गोपालकृष्ण को भी लोगों ने याद किया, क्योंकि पहली बार उनकी गैरमौजूदगी में यात्रा निकली.

महाप्रसादी का वितरण

इस दौरान पारंपरिक रूप से बनने वाले केसरिया भात चावल महाप्रसादी का भी वितरण किया गया. मंदिर में वर्षों से प्रसादी वितरण स्थानीय वरिष्ठ शिव प्रसाद वैध के द्वारा किया जाता है. इस दौरान लोगों ने 'जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ' सहित भगवान के अन्य जयकारे लगाए.

राजगढ़। जिले के नरसिंहगढ़ शहर में मंगलवार को पारंपरिक रूप से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली गई. देर दोपहर मंदिर में आरती के बाद जगन्नाथ रथयात्रा प्रारंभ की गई जो सीधे बड़ा बाजार स्थित श्रीरामकृष्ण मंदिर पहुंची. परंपरागत रूप से अब 15 दिनों तक भगवान यही विश्राम करेंगे.

कोरोना संकट के बीच निकली रथ यात्रा

कोरोना के दौर में प्रशासन की गाइडलाइन के चलते पहली मर्तबा रथयात्रा का मार्ग बदला गया है, पहले जहां पारंपरिक मार्गों से होकर रथयात्रा गुजरती थी, वहीं अब भगवान का रथ सीधे जगदीश मंदिर थावरिया से बड़ा बाजार लाया गया, जहां श्रृद्धालुओं ने भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा और बलभद्र के दर्शनों का पुण्य लाभ लिया. कोरोना संकट के बीच लंबे समय बाद धार्मिक कार्यक्रमों का यह पहला आयोजन था, जिसमें भी आयोजकों ने सोशल डिस्टेंस का खासा ध्यान रखा.

सालों से चली आ रही परंपरा

एक तरफ जहां चेहरे पर मास्क लगाकर भक्तों ने मंदिर में दर्शन किए. वहीं मंदिर के बाहर भक्तों के हाथों को सैनेटाइज करने की व्यवस्था भी मंदिर प्रबंधन द्वारा की गई थी. गौरतलब है कि शहर में रियासत काल से ही जगन्नाथ रथ यात्रा की परंपरा चली आ रही है.

भजन-कीर्तन का चला दौर

दो दिवसीय रथयात्रा महोत्सव के दौरान सोमवार शाम से ही मंदिर में विशेष धार्मिक कार्यक्रम शुरु हो गए थे. रात को स्थानीय भजन गायकों ने मंदिर में भजनों की प्रस्तुतियां दी और माहौल को भक्तिमय कर दिया. वहीं सुबह अभिषेक-पूजा के दौरान भी मंदिर में भजन कीर्तन का दौर चलता रहा. सोशल डिस्टेंस रख शहरवासियों ने भगवान जगन्नाथ के दर्शनों का लाभ लिया. इस दौरान दिवंगत मंदिर पुजारी पं. गोपालकृष्ण को भी लोगों ने याद किया, क्योंकि पहली बार उनकी गैरमौजूदगी में यात्रा निकली.

महाप्रसादी का वितरण

इस दौरान पारंपरिक रूप से बनने वाले केसरिया भात चावल महाप्रसादी का भी वितरण किया गया. मंदिर में वर्षों से प्रसादी वितरण स्थानीय वरिष्ठ शिव प्रसाद वैध के द्वारा किया जाता है. इस दौरान लोगों ने 'जगन्नाथ का भात, जगत पसारे हाथ' सहित भगवान के अन्य जयकारे लगाए.

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