राजगढ़। जिले की ब्यावरा अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से एक मासूम असमय ही काल के गाल में समा गया. बताया जा रहा है कि बीमार मासूम को इलाज के लिए ब्यावरा अस्पताल से राजगढ़ जिला अस्पताल भेजा जा रहा था, लेकिन रास्ते में ही ऑक्सीजन सिलेंडर खत्म होने की वजह से मासूम की मौत हो गई.
मामला ब्यावरा के सेमली गांव में रहने वाले रामराज मीणा के घर का है. उनकी पत्नी प्रसूता शिवकुमारी को ब्यावरा चिकित्सालय में भर्ती कराया था. जहां शाम छह बजे के लगभग उसने एक बच्चे को जन्म दिया. डॉक्टरों ने बच्चे को कमजोर बताते हुए एसएनसीयू में भर्ती कराने के लिए राजगढ़ जिला अस्पताल रेफर कियास लेकिन यहां अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही देखने को मिली. पहले तो 108 एंबुलेंस में रखा हुआ ऑक्सीजन सिलेंडर खराब निकला. उसके बाद परिजनों ने 500 रुपये जमा करके अस्पताल से दूसरा सिलेंडर लिया, लेकिन यह सिलेंडर भी आधा खाली था, जो लगभग 20 किलोमीटर तक जाकर खत्म हो गया.
ऑक्सीजन सिलेंडर के बंद होने से नवजात शिशु ने दम तोड़ दिया. परिजन जब उसे जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. घटना के बाद ब्यावरा प्रबंधन की लापरवाही के खिलाफ परिजन और गांव के लोगों ने जमकर हंगामा किया. ग्रामीणों की मांग है कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन के कर्मचारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
महिला के परिजनों ने बताया कि जब महिला को लेकर ब्यावरा अस्पताल पहुंचे, तो एसएनसीयू वार्ड के पास प्रसूता को बेड भी नहीं मिला. ऐसे में अपना बच्चा खो चुकी शिवकुमारी भी काफी देर तक जमीन पर ही लेटी रही. इस ठंड भरे मौसम में भी जमीन पर बिछाने के लिए अस्पताल प्रबंधन ने कोई व्यवस्था नहीं की, जिससे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही खुलकर लोगों के सामने आ गई.