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झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार, स्वास्थ्य विभाग ने क्लीनिक किया सील - छापामार कार्रवाई

शहर में संचालित फर्जी क्लीनिक पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापेमार कार्रवाई की और उसे सील कर दिया.

झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार
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Published : Sep 24, 2019, 8:20 AM IST

राजगढ़। नरसिंहगढ़ में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. अवैध तरीकों से पैसा कमाने की होड़ में ये झोलाछाप डॉक्टर अपना धंधा खूब चला रहे हैं. शहर में संचालित ऐसे ही एक फर्जी क्लीनिक पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. साथ ही क्लीनिक को भी सील कर दिया है. वहीं बिना डिग्री के संचालित क्लीनिक पर प्रतिबंधात्मक दवाओं के कंपोजिशन मिलने के चलते अब फर्जी क्लीनिक संचालक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है.

मंगलवारिया के समीप तहसील रोड पर जय मां काली क्लीनिक संचालित हो रहा था. जिसका संचालक भी कोलकाता का निवासी बताया जा रहा है. क्लीनिक संचालक गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा था, जिसकी स्वास्थ्य विभाग को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी. वहीं छापेमार कार्रवाई के दौरान जब क्लीनिक पर दस्तावेजों की छानबीन की गई, तो संबंधित संचालक के पास डिग्री या डिप्लोमा भी नहीं था. फर्जी डॉक्टर की क्लीनिक पर एलोपैथिक दवाओं के साथ प्रतिबंधित मर्करी भी रखी हुई थी. ऐसे में जांच के बाद मौके पर ही क्लीनिक सील कर अब मामले में संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार

शहर में दर्जनों फर्जी क्लीनिक और लैब संचालित हैं, लेकिन इनके खिलाफ प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले जिला प्रशासन ने जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन नरसिंहगढ़ को छोड़कर बाकी सभी जगह फर्जी लैब, क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

मरीजों की जान से खिलवाड़ कर उनसे हजारों रुपए की काली कमाई करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों, लैब और क्लीनिक पर कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत को भी उजागर करता है. वहीं शहर में संचालित कुछ क्लीनिकों को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दवाओं के विक्रय की अनुमति दे रखी है, लेकिन इसकी आड़ में क्लीनिक संचालक जमकर प्रैक्टिस में लगे हुए हैं.

राजगढ़। नरसिंहगढ़ में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. अवैध तरीकों से पैसा कमाने की होड़ में ये झोलाछाप डॉक्टर अपना धंधा खूब चला रहे हैं. शहर में संचालित ऐसे ही एक फर्जी क्लीनिक पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. साथ ही क्लीनिक को भी सील कर दिया है. वहीं बिना डिग्री के संचालित क्लीनिक पर प्रतिबंधात्मक दवाओं के कंपोजिशन मिलने के चलते अब फर्जी क्लीनिक संचालक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है.

मंगलवारिया के समीप तहसील रोड पर जय मां काली क्लीनिक संचालित हो रहा था. जिसका संचालक भी कोलकाता का निवासी बताया जा रहा है. क्लीनिक संचालक गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा था, जिसकी स्वास्थ्य विभाग को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी. वहीं छापेमार कार्रवाई के दौरान जब क्लीनिक पर दस्तावेजों की छानबीन की गई, तो संबंधित संचालक के पास डिग्री या डिप्लोमा भी नहीं था. फर्जी डॉक्टर की क्लीनिक पर एलोपैथिक दवाओं के साथ प्रतिबंधित मर्करी भी रखी हुई थी. ऐसे में जांच के बाद मौके पर ही क्लीनिक सील कर अब मामले में संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.

झोलाछाप डॉक्टर गिरफ्तार

शहर में दर्जनों फर्जी क्लीनिक और लैब संचालित हैं, लेकिन इनके खिलाफ प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले जिला प्रशासन ने जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन नरसिंहगढ़ को छोड़कर बाकी सभी जगह फर्जी लैब, क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.

मरीजों की जान से खिलवाड़ कर उनसे हजारों रुपए की काली कमाई करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों, लैब और क्लीनिक पर कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत को भी उजागर करता है. वहीं शहर में संचालित कुछ क्लीनिकों को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दवाओं के विक्रय की अनुमति दे रखी है, लेकिन इसकी आड़ में क्लीनिक संचालक जमकर प्रैक्टिस में लगे हुए हैं.

Intro:
बगैर ऑपरेशन गंभीर बीमारी का इलाज करने वाले फ र्जी डॉक्टर का क्लीनिक सील
भ्रामक प्रचार के माध्यम से मेडिकल साईंस को दे रहा था चुनौती, होगी एफ आईआर
नरसिंहगढ़
शहर में इन दिनों झोलाछॉप डॉक्टरो की भरमार मची हुई है। अवैध तरीको से पैसा कमाने की होड़ में ये झोलाछॉप डॉक्टर अब मेडिकल साईंस को ही चुनौती देते नजर आ रहे है। शहर में संचालित ऐसे ही एक फ र्जी क्लीनिक पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई करते हुए क्लीनिक सील कर दिया है। वही बिना ड्रिगी के संचालित क्लीनिक पर प्रतिबंधात्मक दवाओं के कंपोजिन मिलने के चलते अब फ र्जी क्लीनिक संचालक के खिलाफ अब विभाग एफ आईआर दर्ज कराने थाने में भी शिकायत दर्ज करवा रहा है। जानकारी के अनुसार मंगलवारिया के समीप तहसील रोड़ पर जय मॉ काली क्लीनिक संचालित हो रहा था। जिसका संचालक भी कल्लकत्ता का निवासी बताया जा रहा है। क्लीनिक संचालक गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा था जिसकी स्वास्थ्य विभाग को कई दिनो से शिकायते मिल रही थी। इधर छापामार कार्रवाई के दौरान जब क्लीनिक पर दस्तावेजो की छानबीन की गई तो संबंधित संचालक के पास ड्रिगी या डिप्लोमा भी नही था। अपने क्लीनिक पर एलोपेथिक दवाओ के साथ प्रतिबंधित मर्करी का कंपोजिन भी रखा हुआ था। ऐसे में जांच के बाद मौके पर ही क्लीनिक सील कर अब मामले में संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
फ र्जी क्लिीनिक और मेडिकल दुकानो की बाढ़ -
ज्ञात रहे कि शहर में दर्जनो फ र्जी क्लीनिक और लैब संचालित है। लेकिन इनके खिलाफ प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नही कर रहा है। जानकारी के अनुसार कुछ माह पूर्व जिलाप्रशासन ने जिलेभर में झोलॉछाप डॉक्टरो के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए थे लेकिन नरसिंहगढ़ को छोड़कर जिलेभर में फ र्जी लेब, क्लीनिक और झोलाछॉप डॉक्टरो के खिलाफ कार्रवाई की गई। मरीजो की जान से खिलवाड़ कर उनसे हजारो रूपए की काली कमाई करने वाले झोलाछॉप डॉक्टरो और लेब, क्लीनिक पर कार्रवाई नही होना कही ना कही स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत को भी उजागर करता है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर मरीजो से खूले तौर पर लूट करने वाले कई क्लीनिक शहर के मुय चौराहे, सिविल अस्पतालके आसपास व अन्य क्षेत्र में खूले हुए है। जिनकी प्रशासन को जांच करना चाहिए। इधर शहर में एक लाईसेंस पर कई मेडिकल दुकाने भी संचालित क ी जा रही है। इन मेडिकल दुकानो पर दवाओ के रेट को लेकर भी कई तरह की शिकायते देखने को मिल रही है। वही कई दुकानो पर प्रतिबंधात्मक दवाओ की भी बिक्री हो रही है।
Body:नियम विरूद्ध प्रेक्टिस कर रहे झोलाछॉप
शहर में संचालित कुछ क्लीनिको को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दवाओं के विक्रय की अनुमति दे रखी है लेकिन इसकी आड़ में क्लीनिक संचालक जमकर प्रेक्टिस में लगे हुए है। शहर के प्रमुख चौराहे के आसपास ही संचालित दर्जनो क्लीनिको पर यदि नियमो की जांच की जाए बड़े मामले सामने आ सकते है। हालांकि सोमवार को विभाग की कार्रवाई की भनक लगते ही कई क्लीनिक संचालक अपनी दुकाने बंद कर भाग ाड़े हुए ।
Conclusion:बाईट - डॉ. गौरव त्रिपाठी बीएमओ नरसिंहगढ़
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