राजगढ़। नरसिंहगढ़ में इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों की भरमार है. अवैध तरीकों से पैसा कमाने की होड़ में ये झोलाछाप डॉक्टर अपना धंधा खूब चला रहे हैं. शहर में संचालित ऐसे ही एक फर्जी क्लीनिक पर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापामार कार्रवाई की है. साथ ही क्लीनिक को भी सील कर दिया है. वहीं बिना डिग्री के संचालित क्लीनिक पर प्रतिबंधात्मक दवाओं के कंपोजिशन मिलने के चलते अब फर्जी क्लीनिक संचालक के खिलाफ विभाग एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी में है.
मंगलवारिया के समीप तहसील रोड पर जय मां काली क्लीनिक संचालित हो रहा था. जिसका संचालक भी कोलकाता का निवासी बताया जा रहा है. क्लीनिक संचालक गंभीर बीमारियों के उपचार के लिए भ्रामक प्रचार कर रहा था, जिसकी स्वास्थ्य विभाग को कई दिनों से शिकायत मिल रही थी. वहीं छापेमार कार्रवाई के दौरान जब क्लीनिक पर दस्तावेजों की छानबीन की गई, तो संबंधित संचालक के पास डिग्री या डिप्लोमा भी नहीं था. फर्जी डॉक्टर की क्लीनिक पर एलोपैथिक दवाओं के साथ प्रतिबंधित मर्करी भी रखी हुई थी. ऐसे में जांच के बाद मौके पर ही क्लीनिक सील कर अब मामले में संचालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
शहर में दर्जनों फर्जी क्लीनिक और लैब संचालित हैं, लेकिन इनके खिलाफ प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. जानकारी के अनुसार कुछ माह पहले जिला प्रशासन ने जिलेभर में झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए थे, लेकिन नरसिंहगढ़ को छोड़कर बाकी सभी जगह फर्जी लैब, क्लीनिक और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई.
मरीजों की जान से खिलवाड़ कर उनसे हजारों रुपए की काली कमाई करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों, लैब और क्लीनिक पर कार्रवाई नहीं होना कहीं ना कहीं स्वास्थ्य विभाग की मिलीभगत को भी उजागर करता है. वहीं शहर में संचालित कुछ क्लीनिकों को स्वास्थ्य विभाग ने कुछ दवाओं के विक्रय की अनुमति दे रखी है, लेकिन इसकी आड़ में क्लीनिक संचालक जमकर प्रैक्टिस में लगे हुए हैं.