राजगढ़। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव और अरब सागर में उठे निसर्ग तूफान की वजह से मध्य प्रदेश के कई जिलो में भी मौसम में बदलाव देखा जा रहा है. तेज बारिश का दौर भी शुरू हो गया है. मानसून अभी केरल में दस्तक दिया है. उससे पहले ही प्रदेश में बारिश शुरू हो गई है, जिससे किसानों को नुकसान हो रहा है. वहीं मंडियों में लापरवाही पूर्वक रखा अनाज भी भीग रहा है, सरकार को लाखों की चपत लग रही है.
जिले में जहां 37 लाख क्विंटल से अधिक गेहूं विभिन्न केंद्रों पर 60 हजार से ज्यादा किसानों ने सरकार को बेचा है, लेकिन अभी भी लाखों क्विंटल गेहूं खुले में पड़ा हुआ है, जिसके भीगने की चिंता पहले ही जताई जा चुकी थी, लेकिन प्रशासन इस ओर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है. वहीं अब शुरू हुई बारिश में जिले के कई केंद्रों पर गेहूं भीगता रहा और किसान की मेहनत बर्बाद होती रही, हर साल यह गलती दोहराई जाती है.
इस तरह लग सकता है सरकार को चूना
जानकारी के मुताबिक गेहूं के पानी में भीगने के बाद उसका वजन स्वभाविक रूप से बढ़ जाता है. ऐसे में जो स्टोरेज या गड़बड़ी होती है वह भीगे हुए गेहूं के माध्यम से खत्म कर दी जाती है. गेहूं का वजन बढ़ने के साथ ही कई केंद्रों से बराबर वजन करके गेहूं दे दिया जाता है. जबकि ऊपर का गेहूं गायब हो जाता है. ऐसे मामले में जिले में पूर्व के कई वर्षों में ऐसी गड़बड़ियां पाई गई थी और लगातार होती रही हैं. अगर गेहूं अभी केंद्र पर भीगता रहा तो बड़ी गड़बड़ी हो सकती है.
सड़ जाता है कई क्विंटल गेहूं
बारिश में भीगने के कारण जहां गेहूं में नमी पैदा हो जाती है. जिसके बाद गेहूं में सड़न शुरू हो जाती है. गेहूं को भीगने के बाद पर्याप्त मात्रा में सुखाने के लिए जगह नहीं मिल पाती है. जिससे कारण गेहूं सड़ने लगता हैं और कई क्विंटल गेहूं ऐसे ही बर्बाद हो जाते हैं. जिले में निसर्ग तूफान और प्री मानसून के वजह से बारिश शुरू हो चुकी है और आने वाले 10 से 15 दिनों में मानसून भी प्रदेश में दस्तक दे सकती है जिसके बाद गेहूं को पर्याप्त मात्रा में धूप शायद ही मिल पाएगी, जिससे गेहूं के सड़ने का अंदेशा ज्यादा हो जाता है.