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इस बार मिट्टी की मूर्तियों की बढ़ी डिमांड, समितियों ने किया पीओपी की मूर्तियों का बहिष्कार - पीओपी की मूर्तियों का बहिष्कार

राजगढ़ जिले में गणेश और दुर्गा समितियों ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी मूर्तियों का बहिष्कार किया है. साथ ही सभी पंडालों में मिट्टी की मूर्तियां स्थापित की गई हैं.

गणेश और दुर्गा समितियों ने प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी मूर्तियों का बहिष्कार किया
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Published : Sep 3, 2019, 5:02 AM IST

राजगढ़। पर्यावरण को देखते हुए शहर की गणेश और दुर्गा समितियों ने सराहनीय कदम उठाया है. सभी पंडालों के आयोजक समितियों ने पीओपी की मूर्तियों का बहिष्कार किया है. जिसके बाद सभी पंडालों में मिट्टी की मूर्तियां समितियों द्वारा खरीदी गई.

गणेश और दुर्गा समितियों ने पीओपी की बनी मूर्तियों का बहिष्कार किया

प्रदेश भर में भगवान गणेश का उत्सव मनाया जा रहा है. हर घर में गणेश जी की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित हुई है. वहीं प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं. जिसे देखते हुए समितियों ने इस बार मिट्टी की बनी प्रतिमाओं को स्थापित किया है. मार्केट में इन मूर्तियों की बढ़ती डिमांड के चलते मूर्तिकार भी मिट्टी की मूर्तियां बनाने लगे है.

राजगढ़। पर्यावरण को देखते हुए शहर की गणेश और दुर्गा समितियों ने सराहनीय कदम उठाया है. सभी पंडालों के आयोजक समितियों ने पीओपी की मूर्तियों का बहिष्कार किया है. जिसके बाद सभी पंडालों में मिट्टी की मूर्तियां समितियों द्वारा खरीदी गई.

गणेश और दुर्गा समितियों ने पीओपी की बनी मूर्तियों का बहिष्कार किया

प्रदेश भर में भगवान गणेश का उत्सव मनाया जा रहा है. हर घर में गणेश जी की मिट्टी की मूर्तियां स्थापित हुई है. वहीं प्लास्टर ऑफ पेरिस की बनी मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं. जिसे देखते हुए समितियों ने इस बार मिट्टी की बनी प्रतिमाओं को स्थापित किया है. मार्केट में इन मूर्तियों की बढ़ती डिमांड के चलते मूर्तिकार भी मिट्टी की मूर्तियां बनाने लगे है.

Intro:राजगढ़ में पीओपी की मूर्तियों का किया भगवान गणेश और माँ दुर्गा के पंडाल बनाने वाली समितियों ने बहिष्कार, अधिकतर पांडाल बनाने वाली समितिया खरीद रही हैं मिट्टी की मूर्तियां जिससे पर्यावरण को ना हो सके नुकसान ,वहीं सालों से मिट्टी की मूर्ति बनाकर पर्यावरण को बचाने का संदेश दे रहे हैं मूर्तिकार


Body:मध्यप्रदेश के राजगढ़ शहर में गणेश उत्सव के दौरान गणेश भगवान की मूर्ति और आने वाले दिनों में नवरात्रि के दौरान मां दुर्गा की मूर्तियों को लेकर इस बार राजगढ़ शहर में पंडाल बनाने वाली समितियां, पर्यावरण को लेकर काफी संवेदनशील दिखी और उन्होंने निर्णय लिया कि वे इस बार अपने पंडालों में मिट्टी से बनी मूर्तियों को ही स्थापित करेंगे और पर्यावरण को होने वाले पीओपी के नुकसान से बचाएंगे।
जहां आज पूरा देश भगवान गणेश के आगमन का उत्सव बना रहा है और गणेश चतुर्थी के इस शुभ दिन पर हर कोई अपने घर पर गणेश भगवान की मूर्तियां लाकर उन्हें स्थापित कर रहा है और आने वाले दिनों में लगातार उनकी पूजन करेगा, परंतु जब इन मूर्तियों का विसर्जन जल में किया जाता है तो पीओपी से बनी मूर्तियां जल को काफी प्रदूषित करती है और वह पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक होती है इसी को देखते हुए राजगढ़ जिले की अधिकतर पंडाल बनाने वाली समितियों ने निर्णय लिया है कि वे इस बार सिर्फ मिट्टी से बनी मूर्तियां ही अपने पांडाल में स्थापित करेंगे और पर्यावरण के संरक्षण में अपना एक छोटा सा योगदान देंगे।


Conclusion:वही सालों से मिट्टी की मूर्तियां बनाते आ रहे राजेश कुमार दशेरिया बताते हैं कि वे सालों से मिट्टी की मूर्तियां बनाते आ रहे हैं क्योंकि मिट्टी की मूर्तियां पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाती है वहीं इस बार उनकी मूर्तियों की डिमांड काफी बढ़ गई है क्योंकि लोग पर्यावरण के प्रति काफी सजग हैं और वे इस बार मिट्टी की बनी मूर्तियां खरीद कर ले जा रहे हैं और उन्होंने बताया कि पीओपी की बनी मूर्तियां सस्ती तो होती है परंतु वे पर्यावरण के लिए हानिकारक होती है जिससे वे उनको बनाना पसंद नहीं करते हैं।

वही मूर्ति खरीदने आए अनिल मेवाडे पारायण चौक समिति के सदस्य और धीरज मेवाडे बताते हैं कि वह इस बार अपनी समिति के पांडाल में मिट्टी की बनी मूर्ति स्थापित करेंगे, क्योंकि पीओपी की बनी मूर्ति जल में आसानी से गलती नहीं है और वह नदी को काफी नुकसान पहुंचाती है वहीं मिट्टी की बनी मूर्ति नदी में आसानी से घुल जाती है और उसका नदी के पानी में ज्यादा असर नहीं होता है वहीं जब उनसे पूछा गया कि पीओपी की बनी मूर्तियां तो सस्ती होती है तो उन्होंने कहा कि सस्ती अगर हानिकारक हो तो उसे लेकर क्या फायदा।

विसुअल

मूर्ति बनाते मूर्तिकार
मिट्टी का उपयोग करते मूर्तिकार
मूर्तियों के

बाइट

राजेश कुमार दशेरिया मूर्तिकार
धीरज मेवाडे
अनिल मेवाडे
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