राजगढ़। जिले में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. लगातार बारिश होने की वजह से 80 फीसदी सोयाबीन की फसल खराब हो रही है, जिसको लेकर किसान काफी चिंतित है.
कृषि वैज्ञानिक लालसिंह ने भी इसके पीछे बारिश और इल्लियों का प्रकोप बताया है, जिसके चलते फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि ज्यादा सीट कॉपिंग करना, दो से तीन बार दवाइयों का छिड़काव करना, वातावरण में अधिक नमी होना, पौधों में इल्लियां और कीड़ों का प्रकोप होना लगातार फसल में बांझपन का कारण बनता है.
बारिश ने बढ़ाई किसानों की परेशानी, खराब हो रही सोयाबीन की फसल
जिले में लगातार हो रही बारिश के चलते सोयाबीन की फसल बर्बाद हो रही है, जिससे किसान चिंतित है.
राजगढ़। जिले में सोयाबीन की फसल बर्बाद होने से किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है. लगातार बारिश होने की वजह से 80 फीसदी सोयाबीन की फसल खराब हो रही है, जिसको लेकर किसान काफी चिंतित है.
कृषि वैज्ञानिक लालसिंह ने भी इसके पीछे बारिश और इल्लियों का प्रकोप बताया है, जिसके चलते फसल बर्बाद हो रही है. साथ ही उन्होंने बताया कि ज्यादा सीट कॉपिंग करना, दो से तीन बार दवाइयों का छिड़काव करना, वातावरण में अधिक नमी होना, पौधों में इल्लियां और कीड़ों का प्रकोप होना लगातार फसल में बांझपन का कारण बनता है.
Body:मध्यप्रदेश का राजगढ़ जिला भी एक मालवा अंचल के अंतर्गत आने वाला ऐसा जिला है जहां पर भी सोयाबीन मुख्य रुप से बोई जाती है ,वही अन्य जिलों के किसानों की तरह राजगढ़ जिले का किसान भी इस बार सोयाबीन की फसल को लेकर चिंतित है,वही इसको लेकर साइंटिस्ट भी मानते है कि इस बार वर्षा और इलियों के कारण फसल खराब हो रही है,
जिले के कृषि वैज्ञानिक लाल सिंह बताते हैं कि बांझपन आने के कई प्रमुख कारण है
1. जिसमें एक जगह ही उन्होंने बहुत ज्यादा सीट कॉपिंग कर दी है जिससे पौधे को पर्याप्त जगह नहीं मिल पाई है और वह ठीक से विकसित नहीं हो पाया है पौधे से पौधे के बीच में पर्याप्त जगह होनी चाहिए जिससे पौधे को विकसित होने में दिक्कत ना आए।
2. वही बहुत जल्दी दो से तीन बार उसमें दवाइयों का छिड़काव करने की वजह से पूरे का फूल ठीक से विकसित नहीं हो पाया है वह भी एक पांच फन का मुख्य कारण हो सकता है।
3. राजगढ़ जिले में लगातार बारिश हो रही है जिसके वजह से वातावरण में बहुत अधिक नमी हो गई है जिसके वजह से सोयाबीन के पौधे का फूल लगातार गर्ल रहा था जिसके वजह से पौधे में बांझपन आया होगा और उसमें फली का विकसित नहीं हो पाया।
4. वही पौधे में इल्लियां और कीड़ों द्वारा लगातार बारिश के मौसम में आक्रमण किया जा रहा है और वे लगातार पौधे को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं जो लगातार सोयाबीन के पौधे में बांझपन आने की शिकायत लाता है।
Conclusion:वैसे तो फसल का ध्यान शुरुआत से ही रखा जाना चाहिए परंतु अभी के परिपेक्ष में अगर देखा जाए तो अगर सोयाबीन के पौधे पर इल्लियां और कीड़ों के द्वारा नुकसान किया गया है और मुख्य था वह बांझपन का कारण है तो उन पर कीटनाशक का उपयोग कर के पौधे का बांझपन से बचाया जा सकता है, वहीं कीड़ों की अवस्था को ध्यान में रखकर भी दवाइयों का छिड़काव किया जाना चाहिए और अगर कीड़े छोटी अवस्था में है तो कम मात्रा में छिड़काव किया जाना चाहिए और अगर वह बड़े हो गए हैं तो हाई क्वालिटी की दवाइयों का छिड़काव करना चाहिए, वहीं बारिश के वजह से अगर कुछ कीड़े पौधे पर पीलापन बनाने का कारण है तो फास्फोरस और अन्य आवश्यक तत्वों का छिड़काव कर के पौधे का पीलापन कम किया जा सकता है और नुकसान को भी कम किया जा सकता है।
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कृषि वैज्ञानिक लाल सिंह