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शिक्षा विभाग की अनदेखी का मामला,स्कूल के प्राचार्य खुलेआम उड़ा रहे हैं नियमों की धज्जियां - राजगढ़

जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी का फायदा उठाकर प्राचार्य अपने मंसूबों को सफल कर रहे हैं. प्राचर्य ने नियमों को ताक पर रखकर सहायक अध्यापक को जन शिक्षक बनाकर माध्यमिक स्कूलों की जांच करवा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ गांव के स्कूल में शिक्षक नहीं होने के कारण छात्रों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

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Published : Mar 9, 2019, 3:12 PM IST

राजगढ़। जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी का फायदा उठाकर प्राचार्य अपने मंसूबों को सफल कर रहे हैं. प्राचर्य ने नियमों को ताक पर रखकर सहायक अध्यापक को जन शिक्षक बनाकर माध्यमिक स्कूलों की जांच करवा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ गांव के स्कूल में शिक्षक नहीं होने के कारण छात्रों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

मामला जिले के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय का है, नियमों के विरुद्ध सहायक अध्यापक जमनालाल पिपलोटिया को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंप रखा है. बता दें कि प्राथमिक शाला में नीलम त्रिपाठी और जमनालाल पिपलोटिया में 2 सहायक अध्यापकों की पद स्थापना की गई थी. लेकिन स्कूल के प्राचार्य ने नियम का उल्लंघन करते हुए जमनालाल को जन शिक्षक बना दिया. जिससे अब स्कूल एक सहायक शिक्षक के भरोसे चल रहा है.

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बता दें कि शासन द्वारा जन शिक्षकों की स्थापना प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों पर नियंत्रण करने के लिए की जाती है. जहां अध्यापक या शिक्षक ही जन शिक्षक बनाया जाता है. वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि सहायक शिक्षक को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार के मुक्त कर दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

राजगढ़। जिले में शिक्षा विभाग की अनदेखी का फायदा उठाकर प्राचार्य अपने मंसूबों को सफल कर रहे हैं. प्राचर्य ने नियमों को ताक पर रखकर सहायक अध्यापक को जन शिक्षक बनाकर माध्यमिक स्कूलों की जांच करवा रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ गांव के स्कूल में शिक्षक नहीं होने के कारण छात्रों के पढ़ाई पर असर पड़ रहा है.

मामला जिले के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय का है, नियमों के विरुद्ध सहायक अध्यापक जमनालाल पिपलोटिया को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंप रखा है. बता दें कि प्राथमिक शाला में नीलम त्रिपाठी और जमनालाल पिपलोटिया में 2 सहायक अध्यापकों की पद स्थापना की गई थी. लेकिन स्कूल के प्राचार्य ने नियम का उल्लंघन करते हुए जमनालाल को जन शिक्षक बना दिया. जिससे अब स्कूल एक सहायक शिक्षक के भरोसे चल रहा है.

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बता दें कि शासन द्वारा जन शिक्षकों की स्थापना प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों पर नियंत्रण करने के लिए की जाती है. जहां अध्यापक या शिक्षक ही जन शिक्षक बनाया जाता है. वहीं इस मामले में शिक्षा विभाग के अधिकारी का कहना है कि सहायक शिक्षक को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार के मुक्त कर दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
Intro:राजगढ़ जिले में आए दिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण नए-नए लापरवाही सामने आ रही है करीब 1 वर्षों से 1 सहायक अध्यापक को जन शिक्षक बनाकर माध्यमिक स्कूलों की जांच करवाई जा रही है जिससे एक कहावत निकलती है साहब हमको बचाओ हमारा जूनियर बन बैठा है अधिकारी।


Body:दरअसल बात ऐसी है कि राजगढ़ जिले में आए दिन शिक्षा विभाग की उदासीनता के चलते लापरवाही देखने को मिल रही है ऐसे ही एक मामला सामने आया जब नियम विरुद्ध संकुल प्राचार्य की मेहरबानी से 1 सहायक अध्यापक को तकरीबन 1 वर्ष से जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार दे रखा है और इसको देखने वाला कोई नहीं है।
जन शिक्षा केंद्र शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय राजगढ़ के अंतर्गत आने वाले प्राथमिक विद्यालय तालाब का पूरा से संकुल प्राचार्य द्वारा नियम विरुद्ध 1 सहायक अध्यापक जमनालाल पिपलोटिया को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार सौंप रखा है जबकि यहां पर अध्यापक या शिक्षक ग्रेड का अधिकार होता है तालाब का पूरा मैं नवीन विद्यालय स्वीकृत किया गया था इसको पूर्व जिला पंचायत सीईओ इलैया टी राजा के अथक प्रयासों से यहां के लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए इसकी स्थापना की गई थी इसी कारण यहां पर प्राथमिक शाला खोली गई और यहां पर 2 सहायक अध्यापकों की पद स्थापना की गई जिसमें नीलम त्रिपाठी व जमनालाल के हाथों में इस गांव के बच्चों का भविष्य सौंपा गया था परंतु संकुल प्राचार्य ने सारे नियम का उल्लंघन करते हुए जमनालाल को जन शिक्षक बना दिया और इस स्कूल में सिर्फ नीलम त्रिपाठी को बच्चों को पढ़ाने का दायित्व दे दिया गया जिससे एक तो बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है वहीं शासन द्वारा बनाए गए नियमों का खुले तौर पर धज्जियां उड़ाई जा रही है।
"जन शिक्षक बनने के नियम"
शासन द्वारा जन शिक्षकों की स्थापना प्राथमिक और माध्यमिक संकुलों पर नियंत्रण करने के लिए की गई थी इसका नियम यह था कि अध्यापक या शिक्षक है वह जन शिक्षक बनने के योग्य है परंतु इस संकुल में जन शिक्षक एक प्राथमिक शाला के सहायक अध्यापक को बनाया गया था जो शासन के नियम विरुद्ध है

वहीं इस स्कूल में 30 बच्चों के ऊपर 2 शिक्षक दिए गए थे परंतु इनके जनशिक्षक बनने के बाद एक ही अध्यापक उन बच्चों को पढ़ाता था और उनका सारा क्रियाकलाप करवाता था जो एक और शासन के नियम के विरुद्ध है और मानव अधिकार का सीधा-सीधा उल्लंघन है परंतु अधिकारियों और संकुल प्राचार्य ने इस और कभी ध्यान नहीं दिया और शासन के नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ती रही।
वही जब यह मामला डीपीसी राजगढ़ के पास गया तो उन्होंने कहा कि हां एक ऐसे संकुल में प्राथमिक शिक्षक को जन शिक्षक का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है उस पर हम तुरंत कार्यवाही करवाएंगे और उनको इस पद से जल्द से जल्द पदभार मुक्त किया जाएगा।


Conclusion:विसुअल
स्कूल के
dpc आफिस के

बाइट
विक्रम सिंह राठौड़ डीपीसी राजगढ़
नीलम त्रिपाठी स्कूल शिक्षिका

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