राजगढ़। प्याज का असर आम आदमी को रुलाने के बाद अब किसानों को रुला रहा है. प्याज की मांग होटल, रेस्त्रां बंद होने के चलते कम हो गई है, प्याज की कीमत इंदौर,उज्जैन,भोपाल और दिल्ली जैसी बड़ी मंडियों में कोरोना के चलते किसानों की पहुंच से बाहर है. किसान सरकार से उम्मीद लगा रहा है कि अन्य फसलों की तरह प्याज को भी समर्थन मूल्य पर खरीदा जाए.
किसी भी स्वादिष्ट व्यंजन या फिर सब्जी को बनाने के लिए प्याज का इस्तेमाल जरूर किया जाता है, सबसे ज्यादा उपयोगी माने जाने वाली प्याज जहां कुछ महीनों पहले आम आदमी को रुला रही थी और इसकी कीमत बड़े-बड़े शहरों में लगभग 100 से लेकर 120 रुपये किलो तक पहुंच गई थी. आम आदमी का बजट लगातार बिगड़ रहा था, अब यही प्याज किसानों के लिए एक आफत बन गई है और अब यह किसानों को रुलाने के मूड में है.
इस बार प्याज का रकबा तो बड़ा है लेकिन विश्व में इस समय सबसे बड़ी आपदा चल रही है और इसकी वजह से हर कोई प्रभावित हुआ है. वहीं भारत में भी इसके संक्रमित मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. इसकी वजह से भारत सरकार ने देश में लॉकडाउन लगा दिया है जिसके कारण प्याज अब बिक नहीं पा रही है.