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कीचड़ में खाट के सहारे मरीज को अस्पताल ले जाते परिजन, 40 साल से नहीं बनी सड़क

रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम केकड़ा में एक बीमार महिला को खाट के सहारे कीचड़ से भरे रास्ते अस्पताल कुछ युवक ले जा रहे हैं.

People take patients with the help of mud in the mud
कीचड़ में खाट के सहारे मरीज ले जाते लोग
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Published : Sep 6, 2020, 10:46 PM IST

रायसेन। आज भी आजादी के इतने सालों बाद भी लोग पक्की सड़क के लिए इंजतार कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम केकड़ा का है. जहां एक बीमार महिला को खाट के सहारे कीचड़ से भरे रास्ते अस्पताल कुछ युवक ले जा रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि जब कोई गांव में बीमार पड़ता है तो उसे खाट के सहारे अस्तपाल ले जाते हैं. ग्रामीण युवक ने कहा कि यहां से निकलना बड़ा ही मुश्किल होता है यहां न तो गाड़ी निकल पाती है और न ही कोई पैदल निकल पाता है. युवक ने कहा कि गांव में 40 सालों से से आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है. ग्रामीणों ने मुताबिक आगे के रास्ते में एक नाला पड़ता है जब बारिश में नाले का पानी गांव में घुस जाता है तो यहां से निकलना और भी मुश्किल हो जाता है.

कीचड़ में खाट के सहारे मरीज को अस्पताल ले जाते परिजन

वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम संजय उपाध्याय ने कहा कि मामले उनके संज्ञान में आया है. एसडीएम ने कहा कि उन्होंने इसके लिए जनपत सीईओ को दिशा निर्देश दे दिए है. एसडीएम संजय उपाध्यायने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही ठोस निर्णय लेकर वहां की सड़क को पक्का करवाएंगें.

रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम पंचायत केकड़ा में ग्रामीण कीचड़ भरे रास्ते से निकलते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक उदयपुरा मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम केकड़ा में सड़क नहीं बन सकी है. ग्राम पंचायत केकड़ा से तला टोला एवं पतई तक कीचड़ ही कीचड़ है. ग्रामीण को कीचड़ में से ही निकलकर आने जाने को मजबूर है वहीं स्कूली बच्चों को भी कीचड़ मार्ग से कोचिंग पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. ग्रामीणों को असुविधाओं का अंबार झेलना पड़ रहा है. वहीं सरपंच ने बताया कि कैसे सड़क बनाएं कोई बनने नहीं देता है. वहीं पंचायत के कार्यों की उनको कोई जानकारी नहीं देता.

रायसेन। आज भी आजादी के इतने सालों बाद भी लोग पक्की सड़क के लिए इंजतार कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम केकड़ा का है. जहां एक बीमार महिला को खाट के सहारे कीचड़ से भरे रास्ते अस्पताल कुछ युवक ले जा रहे है. ग्रामीणों ने बताया कि जब कोई गांव में बीमार पड़ता है तो उसे खाट के सहारे अस्तपाल ले जाते हैं. ग्रामीण युवक ने कहा कि यहां से निकलना बड़ा ही मुश्किल होता है यहां न तो गाड़ी निकल पाती है और न ही कोई पैदल निकल पाता है. युवक ने कहा कि गांव में 40 सालों से से आज तक पक्की सड़क नहीं बनी है. ग्रामीणों ने मुताबिक आगे के रास्ते में एक नाला पड़ता है जब बारिश में नाले का पानी गांव में घुस जाता है तो यहां से निकलना और भी मुश्किल हो जाता है.

कीचड़ में खाट के सहारे मरीज को अस्पताल ले जाते परिजन

वहीं इस पूरे मामले में एसडीएम संजय उपाध्याय ने कहा कि मामले उनके संज्ञान में आया है. एसडीएम ने कहा कि उन्होंने इसके लिए जनपत सीईओ को दिशा निर्देश दे दिए है. एसडीएम संजय उपाध्यायने कहा कि वह इस मामले में जल्द ही ठोस निर्णय लेकर वहां की सड़क को पक्का करवाएंगें.

रायसेन जिले के उदयपुरा तहसील के ग्राम पंचायत केकड़ा में ग्रामीण कीचड़ भरे रास्ते से निकलते हैं. ग्रामीणों के मुताबिक उदयपुरा मुख्यालय से 18 किलोमीटर दूर ग्राम केकड़ा में सड़क नहीं बन सकी है. ग्राम पंचायत केकड़ा से तला टोला एवं पतई तक कीचड़ ही कीचड़ है. ग्रामीण को कीचड़ में से ही निकलकर आने जाने को मजबूर है वहीं स्कूली बच्चों को भी कीचड़ मार्ग से कोचिंग पढ़ने के लिए जाना पड़ता है. ग्रामीणों को असुविधाओं का अंबार झेलना पड़ रहा है. वहीं सरपंच ने बताया कि कैसे सड़क बनाएं कोई बनने नहीं देता है. वहीं पंचायत के कार्यों की उनको कोई जानकारी नहीं देता.

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