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ओडीएफ घोषित गांव में सरपंच ने तोड़वा दिए शौचालय, खुले में जाने को मजबूर लोग - ओडीएफ घोषित गांव

वैसे तो पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां सैकड़ों की संख्या में अभी भी शौचालय निर्माण होना बाकी है. बरेली से सटे ग्राम पंचायत कामतोन में दर्जनों की संख्या में अधूरे और बिना शौचालय के घर हैं. जहां की महिलाएं आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.

village odf declared toilet not available
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Published : Mar 14, 2019, 11:52 PM IST

रायसेन| वैसे तो पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां सैकड़ों की संख्या में अभी भी शौचालय निर्माण होना बाकी है. बरेली से सटे ग्राम पंचायत कामतोन में दर्जनों की संख्या में अधूरे और बिना शौचालय के घर हैं. जहां की महिलाएं आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.

रायसेन जिले के कामतोन गांव में आज भी दर्जनों घर ऐसे हैं जहां शौचालय निर्माण नहीं हुए और ना ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. लेकिन जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए उन्हें जरूर मिला है. गांव वालों का कहना है कि सरपंच हीरा धाकड़ की मनमानी के चलते यह बता कर शौचालय को तोड़ दिया गया कि वह जमीन शासकीय है. जबकि उन गरीबों का कहना है कि वहां लगभग 100 वर्षों से वे लोग रह रहे हैं.

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लोगों का कहना है कि उनके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है, वोटर लिस्ट में नाम है और जब यह शासकीय जमीन है तो यहां शौचालय स्वीकृत कैसे हुए और निर्माण हो जाने के बाद उन्हें क्यों तोड़ा गया. बता दें कामतोन गांव की आबादी 10 हजार से ज्यादा है, कामतोन में एक गरीब लड़की की शादी कराई गई है. लेकिन उस लड़की के घर ना तो शौचालय है और ना ही उसे आवास योजना का लाभ मिला.

रायसेन| वैसे तो पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां सैकड़ों की संख्या में अभी भी शौचालय निर्माण होना बाकी है. बरेली से सटे ग्राम पंचायत कामतोन में दर्जनों की संख्या में अधूरे और बिना शौचालय के घर हैं. जहां की महिलाएं आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.

रायसेन जिले के कामतोन गांव में आज भी दर्जनों घर ऐसे हैं जहां शौचालय निर्माण नहीं हुए और ना ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. लेकिन जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए उन्हें जरूर मिला है. गांव वालों का कहना है कि सरपंच हीरा धाकड़ की मनमानी के चलते यह बता कर शौचालय को तोड़ दिया गया कि वह जमीन शासकीय है. जबकि उन गरीबों का कहना है कि वहां लगभग 100 वर्षों से वे लोग रह रहे हैं.

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लोगों का कहना है कि उनके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है, वोटर लिस्ट में नाम है और जब यह शासकीय जमीन है तो यहां शौचालय स्वीकृत कैसे हुए और निर्माण हो जाने के बाद उन्हें क्यों तोड़ा गया. बता दें कामतोन गांव की आबादी 10 हजार से ज्यादा है, कामतोन में एक गरीब लड़की की शादी कराई गई है. लेकिन उस लड़की के घर ना तो शौचालय है और ना ही उसे आवास योजना का लाभ मिला.

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ओडीएफ घोषित गांव में सरपंच ने तोड़वा दिए शौचालय, खुले में जाने को मजबूर लोग



रायसेन| वैसे तो पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां सैकड़ों की संख्या में अभी भी शौचालय निर्माण होना बाकी है. बरेली से सटे ग्राम पंचायत कामतोन में दर्जनों की संख्या में अधूरे और बिना शौचालय के घर हैं. जहां की महिलाएं आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.



रायसेन जिले के कामतोन गांव में आज भी दर्जनों घर ऐसे हैं जहां शौचालय निर्माण नहीं हुए और ना ही गरीबों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिला है. लेकिन जिन्हें योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए उन्हें जरूर मिला है. गांव वालों का कहना है कि सरपंच हीरा धाकड़ की मनमानी के चलते यह बता कर शौचालय  को तोड़ दिया गया कि वह जमीन शासकीय है. जबकि उन गरीबों का कहना है कि वहां लगभग 100 वर्षों से वे लोग रह रहे हैं. 



लोगों का कहना है कि उनके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड है, वोटर लिस्ट में नाम है और जब यह शासकीय जमीन है तो यहां शौचालय स्वीकृत कैसे हुए और निर्माण हो जाने के बाद उन्हें क्यों तोड़ा गया. बता दें कामतोन गांव की आबादी 10 हजार से ज्यादा है, कामतोन में एक गरीब लड़की की शादी कराई गई है. लेकिन उस लड़की के घर ना तो शौचालय है और ना ही उसे आवास योजना का लाभ मिला.

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वीओ- वैसे तो पूरे देश में ओडीएफ घोषित हो चुका है लेकिन कई ग्राम पंचायत ऐसी हैं जहां सैकड़ों की संख्या में अभी भी शौचालय निर्माण होना बाकी है. बरेली से सटे ग्राम पंचायत कामतोन में दर्जनों की संख्या में अधूरे और बिना शौचालय के घर हैं. जहां की महिलाएं आज भी बाहर शौच के लिए जाने को मजबूर हैं.




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