रायसेन । विश्व हिंदू परिषद ने श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सहायता प्रदान करने लिए हिंदू समाज से मौद्रिक प्रसाद एकत्र करने के दायरे का विस्तार करने का संकल्प लिया है. इसी सिलसिले में रायसेन के दीवान सिंह गोर ने 1 लाख 1 हज़ार की राशि मंदिर निर्माण हेतु प्रदान की. अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर और अन्य सुविधाओं के निर्माण में योगदान के लिये 4,00,000 गांवों और 11 करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया था. अब मध्यप्रदेश में विश्व हिंदू परिषद को 50,000 से अधिक गांवों तक पहुंचने की उम्मीद है. रुपए का संग्रहण विभिन्न मूल्य वर्ग में कूपन के द्वारा किया जाएगा. दानदाता को आयकर अधिनियम की धारा 80G का लाभ भी मिलेगा.
कौन-कौन सी संस्थाओं का होगा योगदान ?
मंदिर निर्माण के लिए टाटा कंसलटेंसी सर्विस के इंजीनियर लार्सन एंड टूब्रो मंदिर निर्माण में लगे हुए हैं. इसके साथ ही आईआईटी मुंबई, आईआईटी दिल्ली, आईआईटी चेन्नई, आईआईटी गुवाहाटी, और सीबीआरआई रुड़की के इंजीनियर भी मंदिर निर्माण में अपना सहयोग देंगे. इंजीनियरों का अनुमान है, 2024 तक श्री राम लला की भव्य मूर्ति मुख्य मंदिर के गर्भ गृह में स्थापित हो जाएगी, जिसके बाद भक्तों को भगवान के मंदिर के दर्शन करने के लिए आमंत्रण किया जा सकेगा.
ये सिर्फ एक आंदोलन नहीं विचार है
विश्व हिंदू परिषद का मानना है ये सिर्फ एक आंदोलन नहीं है बल्कि संपूर्ण हिंदू समाज के कायाकल्प का एक सचेता प्रयास है. इस सोच और विचार के साथ इस भव्य मंदिर का निर्माण कार्य संपन्न होने जा रहा है. लक्ष्य प्राप्त करने के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र प्रांत उपाध्यक्ष पीतांबर राजदीप, प्रांत संगठन मंत्री खगेन्द्र भार्गव और अभियान प्रमुख मलखान सिंह राजपूत जैसे कई अधिकारी इस अभियान में शामिल हुए.