रायसेन। मध्यप्रदेश में विधानसभा के उपचुनाव में 3 नवंबर को वोटिंग होनी है. इससे पहले तमाम राजनीतिक दलों ने चुनावी अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. इसी कड़ी में पूर्व सीएम और बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री उमा भारती रायसेन में सांची विधानसभा सीट से प्रत्याशी प्रभुराम चौधरी के समर्थन में सभा करने पहुंचीं. यहां उमा भारती ने आमसभा को संबोधित किया. इस दौरान उमा भारती ने खुद की पॉलिटिकल करियर समेत कई मुद्दों पर खुलकर बात की.
'2024 का चुनाव लड़ेंगी उमा भारती'
पूर्व सीएम उमा भारती ने कहा कि मुझे आप गरीब लोगों की इज्जत से मतलब रहता है. देश के सम्मान स्वाभिमान से मतलब रहता है. इसलिए भाजापा में वापसी हुई. केन्द में मंत्री बनाया गया. मैंने कहा दो तीन साल चुनाव नहीं लड़ना है. मैंने राजनीति नहीं छोड़ी. अभी प्रचंड राजनीति करनी है. अभी तो 2024 का लोकसभा का चुनाव लड़ना है. 2 से 3 साल गंगा के कार्य के लिए लगाना है. वो कार्य राजनीति से नहीं हो सकता है. गंगा ऐसा विषय है, जिसमें सारे राजनीतिक दल एक हैं. कोई भी व्यक्ति राजनीति में रहकर गंगा का काम ठीक से नहीं कर पाएगा.
राहुल सिंह लोधी के इस्तीफे पर उमा भारती का बयान
पूर्व सीएम उमा भारती ने कांग्रेस के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि बीजेपी ने कोई खरीद फरोख्त नहीं की है. उनके विधायक खुद ही पार्टी छोड़कर बीजेपी की विचारधारा से जुड़ रहे हैं. फिलहाल हमारा फोकस बीजेपी के प्रत्याशी को जीताना है.
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एक तरफा जीतेगी बीजेपी
पूर्व सीएम ने कहा कि सिर्फ सांची विधानसभा सीट पर नहीं प्रदेश की 28 सीटों पर बीजेपी जीत होगी. कांग्रेस के उम्मीदवार को जमानत बचाने में पसीने छूट जाएंगे.इसका कारण है कि उन्होंने अपना सबसे बड़ा प्रचारक खो दिया है. उमा भारती ने कहा कि सिंधिया को हमने नही खींचा बल्कि उन्होंने ही धक्का मार दिया. कांग्रेस को ज्योतिरादित्य सिंधिया की बदौलत ही ग्वालियर-चंबल अंचल में सफलता मिली थी. लेकिन अब वही उनकी हार का कारण बनेंगे.
राजमाता की विचारधारा को आगे बढ़ाएंगे सिंधिया
राजमाता विजयराजे सिंधिया को याद करते हुए उमा भारती ने कहा कि राजमाता ने कांग्रेस छोड़कर जनसंघ की स्थापना की थी. अब उनका पोता भी उनकी विचारधारा में शामिल हो गया है. मप्र में भाजपा सरकार बनाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया की अहम भूमिका रही है. यह कहना सरासर गलत है कि भाजपा ने कांग्रेस की सरकार गिराई.कांग्रेस की सरकार तो कांग्रेस के ही मंत्रियों और विधायको ने गिराई. वो सब इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल हो गए.
उमा भारती की चुनावी सभा क्यों ?
सांची विधासनभा लोधी समाज बाहुल्य सीट माना जाती है. इसलिए बीजेपी ने लोधी वोटर्स को अपने पक्ष में लाने के लिए पूर्व सीएम उमा भारती को मैदान में उतारा है. पहले इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस में सीधा मुकाबल रहा है. कांग्रेस के तरफ से प्रभुराम चौधरी और बीजेपी की तरफ से गौरीशंकर शेजवार से यहां से चुनाव लड़ते आएं हैं. 1985 से लेकर अब तक इन्हीं दो उम्मीदवारों का इस पर कब्जा रहा है. लेकिन अब ये मुकाबला खत्म हो गया है, क्योंकि प्रभुराम चौधरी अब बीजेपी गए हैं. साथ ही बीजेपी ने उन्हें अपना उम्मीदवार भी बनाया है. बीजेपी यहां रिस्क नहीं लेना चाहती है, क्योंकि सियासी गलियारों में चर्चा है कि गौरीशंकर शेजवार और उनके बेटे मुदित शेजवार टिकट ना मिलने से नाखुश हैं. जिससे भीतरघात की स्थिति बन सकती है. इसलिए बीजेपी तमाम समीकरणों के साथ जातिगत समीकरण भी साधने में लगी है.
'बूथ जीता तो चुनाव जीता' फार्मूले पर काम कर रही बीजेपी
बीजेपी उपचुनाव में बूथ जीता तो चुनाव जीता के मंत्र के साथ चुनावी रण में जुटी है. इसी के तहत 26 अक्टूबर विजयादशमी से 1 नवम्बर तक विजय जनसंपर्क अभियान चलाया जा रहा है. इस अभियान में मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, पार्टी के राष्ट्रीय पदाधिकारी, केंद्रीय मंत्री और तमाम सीनिया नेता कार्यकर्ताओं के साथ बूथ स्तर तक पहुंचकर विजय संपर्क अभियान में शामिल हो रहे हैं. बीजेपी इससे पहले मंडल सम्मेलन और बूथ सम्मेलन के जरिए भी अपनी चुनावी रणनीति को धार दे चुकी है.
इस बार इनके बीच मुकाबला
उपचुनाव में कांग्रेस की तरफ से मदनलाल चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा गया है तो वहीं बीजेपी ने डॉक्टर प्रभुराम चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. जिसके चलते इस बार मुकाबला चौधरी बनाम चौधरी हो गया है.