रायसेन। सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने के बाद रायसेन के करीब पचास हजार किसान मुसीबत में हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदल गए हैं. स्थिति यह है कि लगभग एक महीने से अधिकांश किसानों का गेहूं और चना का करोड़ों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.
दरअसल 1 अप्रैल 2019 को सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक का विलय बैंक ऑफ इंडिया में हो गया. जिसके बाद से किसानों का खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल गया है, जिसे नए सिरे से अपडेट कराना है. वहीं बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों को दिक्कत तो आ रही है उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना दे दी गई, जैसे-जैसे किसान बैंक आते जाएंगे उनके खाते अपडेट हो जाएंगे.
गौरतलब है कि रायसेन जिले में 34 ब्रांच है और हर ब्रांच में पंद्रह सौ से दो हजार किसान खाता धारी हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदलने से उनके खाते में फसल की और बोनस की राशि नहीं पहुंच पा रही है. किसान परेशान हो रहे हैं और अपनी नई पासबुक बनवाने के लिए बैंक की शाखा में पहुंच रहे हैं तो वहीं बैंक प्रबंधन भी इस व्यवस्था से परेशान हो रहा है. स्थिति यह है कि भुगतान अटकने से बोवनी में भी देरी हो रही है.