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सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के BOI में विलय होने के बाद किसान परेशान, नहीं हो पा रहा है भुगतान

1 अप्रैल 2019 को सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक का विलय बैंक ऑफ इंडिया में हो गया. जिसके बाद से किसानों का खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल गया है, जिसे नए सिरे से अपडेट कराना है.

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Published : Jun 21, 2019, 5:34 AM IST

बैंक के विलय के बाद किसान परेशान

रायसेन। सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने के बाद रायसेन के करीब पचास हजार किसान मुसीबत में हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदल गए हैं. स्थिति यह है कि लगभग एक महीने से अधिकांश किसानों का गेहूं और चना का करोड़ों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.

बैंक के विलय के बाद किसान परेशान

दरअसल 1 अप्रैल 2019 को सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक का विलय बैंक ऑफ इंडिया में हो गया. जिसके बाद से किसानों का खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल गया है, जिसे नए सिरे से अपडेट कराना है. वहीं बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों को दिक्कत तो आ रही है उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना दे दी गई, जैसे-जैसे किसान बैंक आते जाएंगे उनके खाते अपडेट हो जाएंगे.

गौरतलब है कि रायसेन जिले में 34 ब्रांच है और हर ब्रांच में पंद्रह सौ से दो हजार किसान खाता धारी हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदलने से उनके खाते में फसल की और बोनस की राशि नहीं पहुंच पा रही है. किसान परेशान हो रहे हैं और अपनी नई पासबुक बनवाने के लिए बैंक की शाखा में पहुंच रहे हैं तो वहीं बैंक प्रबंधन भी इस व्यवस्था से परेशान हो रहा है. स्थिति यह है कि भुगतान अटकने से बोवनी में भी देरी हो रही है.

रायसेन। सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने के बाद रायसेन के करीब पचास हजार किसान मुसीबत में हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदल गए हैं. स्थिति यह है कि लगभग एक महीने से अधिकांश किसानों का गेहूं और चना का करोड़ों का भुगतान नहीं हो पा रहा है.

बैंक के विलय के बाद किसान परेशान

दरअसल 1 अप्रैल 2019 को सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक का विलय बैंक ऑफ इंडिया में हो गया. जिसके बाद से किसानों का खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल गया है, जिसे नए सिरे से अपडेट कराना है. वहीं बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों को दिक्कत तो आ रही है उन्हें एसएमएस के माध्यम से सूचना दे दी गई, जैसे-जैसे किसान बैंक आते जाएंगे उनके खाते अपडेट हो जाएंगे.

गौरतलब है कि रायसेन जिले में 34 ब्रांच है और हर ब्रांच में पंद्रह सौ से दो हजार किसान खाता धारी हैं. किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदलने से उनके खाते में फसल की और बोनस की राशि नहीं पहुंच पा रही है. किसान परेशान हो रहे हैं और अपनी नई पासबुक बनवाने के लिए बैंक की शाखा में पहुंच रहे हैं तो वहीं बैंक प्रबंधन भी इस व्यवस्था से परेशान हो रहा है. स्थिति यह है कि भुगतान अटकने से बोवनी में भी देरी हो रही है.

Intro:सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में 1 अप्रैल 2019 को विलय होने के बाद अकेले रायसेन जिले में लगभग पचास हजार किसान परेशान हो रहे हैं किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदल गए हैं स्थिति यह है कि लगभग एक माह से अधिकांश किसानों का गेहूं और चना का करोड़ों का भुगतान नहीं हो पा रहा है किसानों को बैंक पहुंचने पर पता चल रहा है कि बैंक में उनका खाता नंबर और आईएफएससी कोड बदल गया है जिसे नए सिरे से अपडेट कराना है वहीं बैंक प्रबंधन का कहना है कि किसानों को दिक्कत तो आ रही है उन्हें s.m.s. के माध्यम से सूचना दे दी गई है तथा जैसे-जैसे किसान बैंक आते जाएंगे उनके खाते अपडेट हो जाएंगे रायसेन जिले में 34 ब्रांच है तथा प्रत्येक ब्रांच में पंद्रह सौ से दो हजार किसान खाता धारी हैं स्थिति यह है कि भुगतान अटकने से बावनी में भी देरी हो होगी।


Body:सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने के बाद किसान परेशान हो रहा है किसानों के खाते नंबर और आईएफएससी कोड बदल गए हैं स्थिति यह है कि किसानों के खाते में फसल की और बोनस की राशि नहीं पहुंच पा रही किसान परेशान हो रहे हैं और अपनी नई पासबुक बनवाने के लिए बैंक की शाखा में पहुंच रहे हैं तो वही बैंक प्रबंधन भी इस व्यवस्था से परेशान हो रहा है उनका कहना है कि निश्चित रूप से सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के बैंक ऑफ इंडिया में विलय होने के बाद किसान परेशान हो रहे हैं वहीं बैंक खाताधारकों को नई पासबुक बना कर दे रही है नया खाता आईएफएससी कोड अपडेट कराने के बाद ही किसानों के खाते में राशि आ पाएगी। रायसेन जिले में 34 ब्रांच है इस बैंक से जुड़े किसानों के खाते दूसरी बैंकों में भी है ऐसी स्थिति में करीब 5000 से अधिक किसानों को चना और गेहूं की राशि का भुगतान प्राप्त करने में दिक्कत आ रही है किसानों को बैंक से नई पासबुक लेकर सोसाइटी में फिर से खाता नंबर और आईएफएससी कोड अपडेट करवाना पड़ रहा है।

Byte-जीतेंद्र सिंह यादव प्रबंधक सेंट्रल मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक।

Byte-संजय किसान।

Byte-राजकुमार।



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