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रायसेन में कौमी एकता की मिसाल, एक तरफ होती है पूजा तो दूसरी तरफ नमाज़ - Temple and Mosque

कौमी एकता की मिसाल पेश करते रायसेन जिले के मंदिर और मस्जिद का दृश्य पूरे देश के लिए एक आदर्श है, यहां के निवासी संविधान की भावना का सम्मान करते हुए अपने मौलिक कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति भी सजग नजर आते हैं और साथ ही सारे त्यौहार मिल-जुल कर मनाते हैं.

Example of communal unity
कौमी एकता की मिसाल
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Published : Jan 29, 2020, 8:54 AM IST

Updated : Jan 29, 2020, 9:56 AM IST

रायसेन। हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई हमेशा ही हर त्यौहार, हर खुशियां साथ मनाकर प्रेम और आपसी सौहार्द का संदेश देते आ रहे हैं. वहीं जिला मुख्यालय पर कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग हिन्दू पूजा और मुस्लिम इबादत एक साथ करते हैं.

रायसेन में कौमी एकता की मिसाल

वही रायसेन के वार्ड क्रमांक-5 तिपट्टा बाजार में राम-जानकी मंदिर और मस्जिद की दीवार आपस में जुड़ी है और इस मंदिर में जहां पूजा अर्चना होती है, तो दूसरी तरफ मस्जिद में खुदा की इबादत भी होती है. शहर में हिन्दू त्यौहारों पर मुस्लिम भाईयों के द्वारा बधाई दी जाती है तो वहीं मुस्लिम भाईयों के त्यौहरों में हिन्दू भाईयों के द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है. जहां जिला मुख्यालय में कौमी एकता आपसी भाईचारा और समरसता की मिसाल है, इसके साथ ही जिले में दरगाह शरीफ भी एक प्रसिद्ध स्थान है जहां हिन्दू चादर चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.

सालों पुराना है ये प्रेम

रायसेन के एक शख्स बृजेश चतुर्वेदी ने बताया कि राम-जानकी मंदिर जो शहर में बड़े मंदिर के नाम से जाने जाते हैं, उस मंदिर में उनके दादाजी पूजा अर्चना करते थे और पास में ही मस्जिद भी है, जहां नमाज होती है. पिछले 56 साल से ज्यादा समय से वो देखते हुए आ रहे है कि कभी मंदिर-मस्जिद को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित ही नहीं हुई और सभी एक-दूसरे के धर्म का आदर करते हैं.

इसके साथ ही शेख शकुर खां ने बताया कि रायसेन में सबसे ज्यादा प्रेम भाव सभी के दिल में है और हम भी ईश्वर से प्रार्थन करते हैं कि ये हमेशा बना रहे. रायसेन में मंदिर और मस्जिद एक साथ हैं जिसे कई सालों से एक साथ देखते हुए आ रहे हैं और संविधान भी यही चाहता है और संविधान को हम मानते हैं.

रायसेन। हिन्दू, मुस्लिम, सिख और ईसाई हमेशा ही हर त्यौहार, हर खुशियां साथ मनाकर प्रेम और आपसी सौहार्द का संदेश देते आ रहे हैं. वहीं जिला मुख्यालय पर कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां लोग हिन्दू पूजा और मुस्लिम इबादत एक साथ करते हैं.

रायसेन में कौमी एकता की मिसाल

वही रायसेन के वार्ड क्रमांक-5 तिपट्टा बाजार में राम-जानकी मंदिर और मस्जिद की दीवार आपस में जुड़ी है और इस मंदिर में जहां पूजा अर्चना होती है, तो दूसरी तरफ मस्जिद में खुदा की इबादत भी होती है. शहर में हिन्दू त्यौहारों पर मुस्लिम भाईयों के द्वारा बधाई दी जाती है तो वहीं मुस्लिम भाईयों के त्यौहरों में हिन्दू भाईयों के द्वारा बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया जाता है. जहां जिला मुख्यालय में कौमी एकता आपसी भाईचारा और समरसता की मिसाल है, इसके साथ ही जिले में दरगाह शरीफ भी एक प्रसिद्ध स्थान है जहां हिन्दू चादर चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं.

सालों पुराना है ये प्रेम

रायसेन के एक शख्स बृजेश चतुर्वेदी ने बताया कि राम-जानकी मंदिर जो शहर में बड़े मंदिर के नाम से जाने जाते हैं, उस मंदिर में उनके दादाजी पूजा अर्चना करते थे और पास में ही मस्जिद भी है, जहां नमाज होती है. पिछले 56 साल से ज्यादा समय से वो देखते हुए आ रहे है कि कभी मंदिर-मस्जिद को लेकर विवाद की स्थिति निर्मित ही नहीं हुई और सभी एक-दूसरे के धर्म का आदर करते हैं.

इसके साथ ही शेख शकुर खां ने बताया कि रायसेन में सबसे ज्यादा प्रेम भाव सभी के दिल में है और हम भी ईश्वर से प्रार्थन करते हैं कि ये हमेशा बना रहे. रायसेन में मंदिर और मस्जिद एक साथ हैं जिसे कई सालों से एक साथ देखते हुए आ रहे हैं और संविधान भी यही चाहता है और संविधान को हम मानते हैं.

Intro:अनेकता में एकता भारत की विशेषता इस जग प्रसिद्ध अवधारणा के उदाहरण आए दिन देश की विविधता पूर्ण संस्कृति में देखने को मिलते हैं या गंगा जमुनी तहजीब के कारण यह देश दुनिया के मानचित्र पर यह देश अपनी अनूठी छट बिखेरता नजर आता है। कुछ ऐसा ही रायसेन जिले के तिपट्टा बाजार बाजार स्थित रामजानकी मंदिर और मस्जिद में देखने को मिलता है जहां मंदिर और मस्जिद मैं देखने को मिलता है जहां मंदिर और मस्जिद की अरसे से दीवारें एक है और अलग-अलग पूजा पद्धतियां होने के बावजूद दोनों धर्मों के अनुयाई एक-दूसरे का सम्मान करते हुए अपने ईश्वर की इबादत करते नजर आते हैं। कौमी एकता की मिसाल पेश करते रायसेन जिले के मंदिर और मस्जिद का यह दृश्य समुचित देश के लिए एक आदर्श है यहां के निवासी संविधान की भावना का सम्मान करते हुए अपने मौलिक कर्तव्यों के निर्वहन के प्रति भी सजग नजर आते हैं ।Body:रायसेन में हिन्दू मुस्लिम सिख और ईसाई हमेशा ही हर त्योहार, हर खुशियां साथ.साथ मनाकर प्रेम और आपसी सौहार्द का संदेश देते आ रहे हैं। रायसेन जिला मुख्यालय पर कई ऐसे धार्मिक स्थल हैं, जहां रायसेन हिन्दू पूजा और मुस्लिम इबादत एक साथ करते है। । रायसेन के वार्ड क्रमांक 05 तिपट्टा बाजार में राम-जानकी मंदिर और मस्जिद की दीवार आपस में एक है और यह मंदिर में जहां पूजा अर्चना होती है तो दूसरी तरफ मस्जिद में खुदा की इबादत होती है। वहीं शहर में हिन्दू त्यौहारों पर मुस्लिम भाईयों द्वारा बधाई दी जाती है तो वहीं मुस्लिम भाईयों के त्यौहरा में हिन्दू भाईयों द्वारा बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया जाता है,रायसेन जिला मुख्यालय कौमी एकता आपसी भाईचारा एवं समरसता की मिशाल है। वहीं रायसेन में दरगाह शरीफ भी प्रसिद्ध स्थान है जहां हिन्दू धर्म के लोग चादर चढ़ाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते है।Conclusion:शहर के गणमान्य नागरिक बृजेश चतुर्वेदी ने बताया कि राम-जानकी मंदिर जो शहर में बड़े मंदिर के नाम से जाना जाता है उस मंदिर में उनके दादाजी पूजा अर्चना करते है थे और पास में ही मस्जिद भी है जहां नमाज होती है। पिछले 56 साल से ज्यादा समय से वे देखते हुए आ रहे है कि कभी मंदिर मस्जिद को लेकर कभी विवाद की स्थिति निर्मित ही नहीं हुई सभी एक दूसरे धर्म का आदर करते है। वहीं शेख शकुर खा ने बताया कि रायसेन में सबसे ज्यादा प्रेम भाव सभी के दिल में है और हम भी ईश्वर से प्रार्थन करते है कि यह प्रेम भाव एक दूसरे के बीच बना रहे। रायसेन में मंदिर और मस्जिद एक साथ है जो वर्षों से एक साथ देखते हुए आ रहे है। संविधान भी यही चाहता है और संविधान को हम मानते है।

Byte 01 शेख शकूर खान स्थानीय
Byte 02 बृजेश चतुर्वेदी स्थानीय
Last Updated : Jan 29, 2020, 9:56 AM IST
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