रायसेन। स्थानीय प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन लापरवाही के चलते मानवता को शर्मसार करती एक और तस्वीर सामने आई है. जहां एक महिला के शव ले जाने के लिए अस्पताल प्रबंधन एक शांति वाहन की व्यवस्था तक नहीं करा पाया. लिहाजा भारी बारिश के बीच शव को ट्राली में रखकर ले जाना पड़ा. इस दौरान एक और मार्मिक तस्वीर देखने को मिली, जहां मृतका का 10 वर्षीय बेटा मां के शव को छतरी लगाकर बारिश से बचाने की नाकाम कोशिश करता रहा.
दरअसल महिला की करंट लगने से मौत हो गई थी. शव को रायसेन से 20 किमी दूर ले जाने के लिए परेशान परिजन शव वाहन के चालक को लगातार फोन लगाते रहे. लेकिन फोन नहीं लगने से उसकी लोकेशन तक नहीं मिल पाई. दिन ढलते देख परिजनों ने बारिश में ही ट्रैक्टर-ट्राली में खाट के ऊपर शव रखकर ले जाने के लिए मजबूर हो गए. शव को बारिश में भीगता देख मृतका का मासूम बेटा छतरी भी लगाया, लेकिन तेज बारिश होने से वह अपनी मां के शव को भीगने से नहीं बचा पाया. यह मार्मिक दृश्य 20 किमी के रास्ते में कई लोगों ने देखा.
बता दें कि जिला अस्पताल में शव वाहन नहीं है, न ही शवों को पहुंचाने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था की जाती है. हालांकि रायसेन नगर पालिका के पास एक शव वाहन है. जो अस्पताल से जरुरतमंदों को उपलब्ध करवाया जाता है, लेकिन उसकी भी कोई जानकारी अस्पताल के पास नहीं थी. अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि उनके पास शव वाहन नहीं है, इस कारण वे कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करा सकते हैं.
अब सवाल यह उठता है कि स्थानीय प्रशासन ने अभी तक अस्पताल के शव वाहन की व्यवस्था क्यों नहीं की. जिला अस्पताल की दुकानों से मिलने वाले लाखों रुपए रोगी कल्याण समिति के खाते में जमा होते हैं. अस्पताल प्रबंधन चाहे तो उसी पैसे से शांति वाहन की व्यवस्था कर सकता है.