रायसेन। एक तरफ प्रदेश की शिवराज सरकार आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के दावे कर रही है, तो दूसरी तरफ आज भी कई गांवों में सड़क तक नहीं बन पाई है. स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी के क्षेत्र सांची में आने वाले बनखेड़ी गांव की सड़क 9 साल बाद भी पूरी नहीं बन पाई है. जिससे यहां ग्रामीणों को हर दिन परेशान होना पड़ता है. लेकिन न तो सरकार की इनकी सुन रही है और न प्रशासन यहां सड़क बनाने की दिशा में काम कर रहा है.
रायसेन जिले के सांची जनपद वनखेड़ी गांव में 1 करोड़ 13 लाख की लागत से बनी चार किलोमीटर की सड़क 9 साल बाद भी नहीं बन सकी है. सड़क बनने की खुशी और सुलभ आवागमन की उम्मीद रखे बनखेड़ी गांव के ग्रामीणों को उस समय झटका लग गया, जब सड़क का काम देखने आई दिल्ली कि टीम ने ठेके को यह कहकर अस्वीकृत कर दिया की गांव में जनसंख्या कम है. तब से लेकर आज तक बनखेड़ी गांव के लोगों को कीचड़ भरे रास्ते से निकलना पड़ता है.
मरीजों को ले जाने में होती है सबसे ज्यादा परेशानी
बारिश के मौसम में बनखेड़ी गांव के लोगों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है. अगर कोई बीमार हो जाता है तो उसे खाट पर रखकर ले जाना पड़ता है. जबकि लोगों गांव से बाहर जाने में हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों का कहना है कि वह कई बार प्रशासनिक अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से सड़क बनाने की गुहार लगा चुके हैं. लेकिन आज तक उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई.
बनखेड़ी गांव में बनने वाली सड़क का निर्माण 2016 में पूरा होना था. ठेकेदार ने बेस कुछ पुलिया और आधार तैयार कर दिया था. तब से लेकर आज तक ग्रामीण सड़क बनने का इंतजार कर रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि ठेकेदार ने निर्माण के समय पुल पुलिया बनाकर ऊपर से पीली मिट्टी और मुरम डाल दी थी. जो बारिश के मौसम में पूरी तरह कीचड़ में तब्दील हो चुकी है. जिसके चलते उन्हें हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.