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क्षतिग्रस्त हुई तीन हजार करोड़ की लागत से बनी सड़क, एजेंसी ने कहा बारिश के चलते हुई ये हालत

सड़क निर्माण के समय एमपीआरडीसी द्वारा देखरेख सही तरीके से नहीं की गई जिसकी वजह से रोड निर्माण कंट्रक्शन कंपनी द्वारा निर्माण सही तरीके से नहीं किया गया. जिसके कारण रोड क्षतिग्रस्त हो गई और ठेकेदार द्वारा सड़क किसी को ना दिखे इसलिए उसे मिट्टी से ढक दिया गया.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क
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Published : Sep 18, 2019, 5:03 AM IST

रायसेन। अपने निर्माण समय से विवादों में घिरी नेशनल हाईवे 12 फोर लाइन सड़क ग्राम समनापुर के पास करीब 7 मीटर टूट गई. लोगों का कहना है कि घटिया निर्माण के चलते सड़क टूट गई है, लेकिन एजेंसी एमपीआरडीसी बारिश को सड़क टूटने की वजह बता रही है.


भोपाल से जबलपुर 320 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे 12 पर साल 2011 में फोर लाइन रोड बनाने की स्वीकृति हुई थी. तकरीबन 3हजार करोड़ रुपए की लागत से इस सड़क को बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे, लेकिन ठेकेदारों के ठेके निरस्त होते गए और 2018 में 5 टुकड़ों में एमपीआरडीसी द्वारा ठेके दिए गए. बरेली बाईपास से बिनेका तक 60 किलोमीटर सड़क का ठेका बृजगोपाल कंट्रक्शन कंपनी दिल्ली को मिला, जो अपने निर्माण समय से ही विवादों में रही.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क


इस सीसी सड़क पर घटिया निर्माण का आरोप लगते रहे और इस बात से बेखबर एमपीआरडीसी किसी तरह इस रोड निर्माण को पूरा करना चाहती है. यही कारण है कि निर्माण कार्य के चलते ही रोड डैमेज होने लगी, जब इस बात की जानकारी तहसीलदार निकिता तिवारी को लगी तो भोपाल एमपी आरडीसी ऑफिस में बताया गया की बारिश की वजह से सड़क टूटी है उसको सही करवा लेंगे.


दरअसल रायसेन जिले में एमपीआरडीसी का ऑफिस कहीं नहीं है पूरा अमला भोपाल रहता है यही कारण है कि सही तरीके से रोड की मॉनिटरिंग नहीं हो पात. इसलिए रोड का घटिया निर्माण हो रहा है और वजह बारिश बन गई हालांकि रोड को सही करवाने का आश्वासन दिया गया है और जहां भी सड़क डैमेज हुई है उसे भी ठीक करवाने की बात अधिकारी कर रहे हैं.

रायसेन। अपने निर्माण समय से विवादों में घिरी नेशनल हाईवे 12 फोर लाइन सड़क ग्राम समनापुर के पास करीब 7 मीटर टूट गई. लोगों का कहना है कि घटिया निर्माण के चलते सड़क टूट गई है, लेकिन एजेंसी एमपीआरडीसी बारिश को सड़क टूटने की वजह बता रही है.


भोपाल से जबलपुर 320 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे 12 पर साल 2011 में फोर लाइन रोड बनाने की स्वीकृति हुई थी. तकरीबन 3हजार करोड़ रुपए की लागत से इस सड़क को बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे, लेकिन ठेकेदारों के ठेके निरस्त होते गए और 2018 में 5 टुकड़ों में एमपीआरडीसी द्वारा ठेके दिए गए. बरेली बाईपास से बिनेका तक 60 किलोमीटर सड़क का ठेका बृजगोपाल कंट्रक्शन कंपनी दिल्ली को मिला, जो अपने निर्माण समय से ही विवादों में रही.

भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ी सड़क


इस सीसी सड़क पर घटिया निर्माण का आरोप लगते रहे और इस बात से बेखबर एमपीआरडीसी किसी तरह इस रोड निर्माण को पूरा करना चाहती है. यही कारण है कि निर्माण कार्य के चलते ही रोड डैमेज होने लगी, जब इस बात की जानकारी तहसीलदार निकिता तिवारी को लगी तो भोपाल एमपी आरडीसी ऑफिस में बताया गया की बारिश की वजह से सड़क टूटी है उसको सही करवा लेंगे.


दरअसल रायसेन जिले में एमपीआरडीसी का ऑफिस कहीं नहीं है पूरा अमला भोपाल रहता है यही कारण है कि सही तरीके से रोड की मॉनिटरिंग नहीं हो पात. इसलिए रोड का घटिया निर्माण हो रहा है और वजह बारिश बन गई हालांकि रोड को सही करवाने का आश्वासन दिया गया है और जहां भी सड़क डैमेज हुई है उसे भी ठीक करवाने की बात अधिकारी कर रहे हैं.

Intro:रायसेन-अपने निर्माण समय से विवादों में घिरी नेशनल हाईवे 12 फोर लाइन सड़क ग्राम समनापुर के यहां 3 ब्लॉक लगभग 7 मीटर टूटी लोगों का कहना है कि घटिया निर्माण बनी वजह वही सड़क निर्माण करा रही एजेंसी एमपीआरडीसी बारिश को बता रहे हैं वजह लेकिन कारण कुछ भी हो सड़क निर्माण चलते ही क्षतिग्रस्त होना घटिया निर्माण की ओर इशारा करता है सड़क निर्माण के समय एमपीआरडीसी द्वारा देखरेख सही तरीके से नहीं की गई जिसकी वजह से रोड निर्माण कंट्रक्शन कंपनी द्वारा निर्माण सही तरीके से नहीं किया गया जिसके कारण रोड क्षतिग्रस्त हो गया और ठेकेदार द्वारा सड़क किसी को ना दिखे इसलिए मिट्टी से ढक दिया गया।


Body:भोपाल से जबलपुर 320 किलोमीटर लंबे नेशनल हाईवे 12 पर वर्ष 2011 में फोर लाइन रोड बनाने की स्वीकृति हुई थी तकरीबन 3000 करोड़ रुपए की लागत से इस सड़क को बनाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत किए गए थे लेकिन ठेकेदारों के ठेके निरस्त होते गए और 2018 में 5 टुकड़ों में एमपीआरडीसी द्वारा ठेके दिए गए बरेली बाईपास से बिनेका तक 60 किलोमीटर सड़क का ठेका बृजगोपाल कंट्रक्शन कंपनी दिल्ली को मिला अपने निर्माण समय से ही विवादों में रही इस सीसी सड़क पर घटिया निर्माण का आरोप लगाते रहे और इस बात से बेखबर एमपीआरडीसी किसी तरह इस रोड निर्माण को पूरा करना चाहती है यही कारण है कि निर्माण कार्य के चलते ही रोड डैमेज होने लगी, जब इस बात की जानकारी तहसीलदार निकिता तिवारी को लगी तो भोपाल एमपी आरडीसी ऑफिस में बताया गया की बारिश की वजह से सड़क टूटी है उसको सही करवा लेंगे। Byte-अरशद मसूद यात्री। Byte-संजय शर्मा स्थानीय। Byte-निकीता तिवारी तहसीलदार।


Conclusion:दरअसल रायसेन जिले में एमपीआरडीसी का ऑफिस कहीं नहीं है पूरा अमला भोपाल रहता है यही कारण है कि सही तरीके से रोड की मॉनिटरिंग नहीं हो पाती। इसलिए रोड का घटिया निर्माण हो रहा है और वजह बारिश बन गई हालांकि रोड को सही करवाने का आश्वासन दिया गया है और जहां भी सड़क डैमेज हुई है उसे भी ठीक करवाने की बात अधिकारी कर रहे हैं।
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