रतलाम। बुधवार को बारात गए मेहमानों को एक साथ फूड पॉइजनिंग होने का मामला सामने आया है. बारात जब दोपहर का भोजन करके लौटी तो घर जाने की बजाय बस को अस्पताल ले जाना पड़ा, क्योंकि बस में बैठे सभी बारातियों की हालत बिगड़ गई थी. समस्या यह थी कि डॉक्टर हड़ताल पर थे, ऐसे में उन्हें इलाज मिलने में भी काफी दिक्कत आई. ऐसे में मेडिकल कॉलेज के डीन ने खुद मोर्चा संभाला.
भोजन करने के बाद बिगड़ी तबीयतः जानकारी के अनुसार सैलाना निवासी लालू के बेटे गोविंद की बारात धार जिले के बदनावर के पास ग्राम धमाणा में गई हुई थी. शादी की सारी रस्में पूरी कर बारात को वापस सैलाना दोपहर को लौटना था. बारातियों ने दोपहर में शादी समारोह में भोजन किया. भोजन के बाद से ही बारातियों की तबीयत बिगड़ने लगी. तबीयत बिगड़ने पर कुछ बारातियों को बदनावर के सिविल हॉस्पिटल में इलाज के लिए ले जाया गया, जहां सभी को इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया.
ये भी पढ़ें:- |
बाराती हुए फूड पॉइजनिंग के शिकारः डॉक्टरों ने बताया कि सैलाना से बदनावर गई एक बारात के सभी लोग फूड पॉइजनिंग का शिकार हो गये. आधे बाराती इलाज के लिए बदनावर रुक गए तो आधे बाराती बस में सवार होकर रतलाम के मेडिकल कॉलेज में इलाज करवाने पहुंचे. यहां डॉक्टर्स की हड़ताल चल रही थी, इसके बाद भी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने मरीजों के बेहतर उपचार के लिए इंतजाम किया और सभी को इलाज मुहैया करवाया. कॉलेज के डीन स्वयं बीमारों का इलाज करते नजर आये. मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. जितेंद्र गुप्ता के मुताबिक "बाराती फूड पॉइजनिंग का शिकार हुए हैं. करीब 23 से 25 बाराती यहां एडमिट हैं. सभी बाराती की हालत अब खतरे से बाहर है. बच्चों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है. हड़ताल के बावजूद मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अपनी सेवाएं यहां दे रहे हैं".