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हेयर कटिंग सैलून में काम करने वाले के बेटे ने जीता स्वर्ण पदक, गांव में जश्न

राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीतकर रायसेन के निखिल सेन ने प्रदेशभर का नाम रोशन किया है. आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बाद भी परिवारों वालों ने पूरा सहयोग किया.

Nikhil Sen won the gold medal
निखिल सेन ने जीता स्वर्ण पदक
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Published : Jan 11, 2020, 9:12 PM IST

Updated : Jan 11, 2020, 10:49 PM IST

रायसेन। कहते हैं कि हौसला हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता. हौसले के आगे मुश्किलें भी रास्ता छोड़ देती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जिले के सांची में हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करने वाले पोप सिंह सेन के बेटे निखिल सेन ने. छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में निखिल सेन ने स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

निखिल सेन ने जीता स्वर्ण पदक

छत्तीसगढ़ में 5 जनवरी से 9 जनवरी 2020 तक 65वाें बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 15 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था. निखिल की पहली फाइट विद्या भारती के साथ हुई. वहीं दूसरी फाइट आसाम से हुई और फाइनल फाइट दिल्ली से हुई थी.

खिलाड़ी निखिल का कहना है कि स्कूल में खेलने के लिए कम संसाधन हैं, जो फिलहाल हैं वो भी टूटे हुए हैं. उसका कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद भी परिवार वालों ने पूरा सहयोग किया.

निखिल के पिता हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करते हैं. वो 11वीं का छात्र है. स्वर्ण पदक जीतने के बाद नगरवासियों ने ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत किया.

रायसेन। कहते हैं कि हौसला हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता. हौसले के आगे मुश्किलें भी रास्ता छोड़ देती हैं. कुछ ऐसा ही कर दिखाया है जिले के सांची में हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करने वाले पोप सिंह सेन के बेटे निखिल सेन ने. छत्तीसगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में निखिल सेन ने स्वर्ण पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है.

निखिल सेन ने जीता स्वर्ण पदक

छत्तीसगढ़ में 5 जनवरी से 9 जनवरी 2020 तक 65वाें बॉक्सिंग प्रतियोगिता में 15 राज्यों के प्रतिभागियों ने भाग लिया था. निखिल की पहली फाइट विद्या भारती के साथ हुई. वहीं दूसरी फाइट आसाम से हुई और फाइनल फाइट दिल्ली से हुई थी.

खिलाड़ी निखिल का कहना है कि स्कूल में खेलने के लिए कम संसाधन हैं, जो फिलहाल हैं वो भी टूटे हुए हैं. उसका कहना है कि आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद भी परिवार वालों ने पूरा सहयोग किया.

निखिल के पिता हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करते हैं. वो 11वीं का छात्र है. स्वर्ण पदक जीतने के बाद नगरवासियों ने ढोल-नगाड़े के साथ स्वागत किया.

Intro:कहते हैं कि हौसला हो तो कुछ भी मुश्किल नहीं होता हौसले के आगे मुश्किलें भी रास्ता छोड़ देती हैं। कुछ ऐसा ही करके दिखाया है रायसेन जिले के साँची में हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करने वाले पोप सिंह सेन के बेटे निखिल सेन ने।65 बी राष्ट्रीय साले कीड़ा थाई बॉक्सिंग प्रतियोगिता छत्तीसगढ़ में मध्य प्रदेश को स्वर्ण पदक दिलाया।Body:VO1छत्तीसगढ़ में 5 जनवरी से 9 जनवरी तक आयोजित हुई 65वें राष्ट्रीय साले कीड़ा थाई बॉक्सिंग प्रतियोगिता 40 बजनी ग्राम में साँची के गरीब परिवार के निखिल सेन ने मध्यप्रदेश के लिए स्वर्ण पदक जीता। प्रतियोगिता में 15 स्टेट्स के प्रतिभागी ने भाग लिया था निखिल की पहली फाइट विद्या भारती सेकंड फाइट आसाम से हुई और फाइनल फाइट दिल्ली से हुई थी । वही निखिल का कहना है कि हमारे स्कूल में खेलने के कम संसाधन हैं और जो वर्तमान में है वह भी टूट फूट गए हैं व्यवस्थाएं कम है।स्पोर्ट की सामग्री उपलब्ध होना चाहिए। जिससे और बच्चे भी आगे बढ़ सकें।Conclusion:बता दें कि निखिल के पापा हेयर कटिंग सैलून की दुकान पर काम करते हैं निखिल बहुत ही गरीब परिवार से हैं इसके बावजूद भी उन्होंने जिले का ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है कम संसाधनों के बावजूद भी निखिल ने यह उपलब्धि हासिल की। निखिल सुबह 5:00 बजे उठकर से अपनी प्रैक्टिस रोजाना क्या करते हैं निखिल 11वीं के छात्र हैं निखिल जब साँची पहुंचे तो नगर के लोगों ने जमकर उनका ढोल नगाड़े फूल मालाओं से स्वागत किया। उनकी इस उपलब्धि पर उनके माता-पिता और साँची नगर के लोग गर्व महसूस कर रहे हैं। वही निखिल का कहना है कि उनके बड़े भाई और उनके टीचर ने उनका काफी सहयोग किया है जिससे उन्होंने आज यह मुकाम हासिल किया है। और आगे भी वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलना चाहते हैं।

बाइट निखिल सेन गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाला छात्र

बाइट रामवती सेन निखिल की मां

बाइट पोप सिंह सेन निखिल के पिता
Last Updated : Jan 11, 2020, 10:49 PM IST
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