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सांची बौद्ध विश्वविद्यालय में किया गया वृक्षारोपण, अधिकारियों और कर्मचारियों ने लिया वृक्षारोपण का संकल्प

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Published : Jul 17, 2019, 6:27 AM IST

सांची बौद्ध विश्वविद्यालय के सलामतपुर में प्रस्तावित परिसर की भूमि पर पीपल के पौधे लगाए गए. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल के निर्देश पर प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों में पीपल के पौधे लगाये जा रहे हैं.

वृक्षारोपण

रायसेन। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के सलामतपुर में प्रस्तावित परिसर की जमीन पर पीपल के पौधे लगाए गए. विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी ने विश्वविद्यालय की प्रस्तावित जमीन पर 100 से ज्यादा पौधे लगाये. साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने और तीन साल उसकी देखरेख का संकल्प लिया.

सांची बौद्ध विश्वविद्यालय में किया गया वृक्षारोपण

विश्वविद्यालय में उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक कृपाल सिंह वर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर लोग पेड़ लगा रहे हैं और प्रकृति को लेकर जागरूक भी हुए हैं. लेकिन पेड़ लगाए जाने के बाद वे उसे भूल जाते हैं. जबकि तीन साल की देख-भाल के बाद ही पेड़ को कोई देखरेख की आवश्यकता नहीं होती.

कृपाल सिंह ने बताया कि पीपल का पेड़ 24 घंटे पर्यावरण में ऑक्सीजन छोड़ता है. इसकी बोनसाई बनाकर घरों के अंदर भी रखा जा सकता है. घरों में लगाए जाने वाले कई पौधे जैसे एरिका पाम, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, एलोविरा आदि भी साफ हवा और प्रदूषण घटाने में मददगार हैं.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय परिसर में पीपल के वृक्ष लगाने के निर्देश दिए हैं. इसी वजह से बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय परिसर में भी वृक्षारोपण किया गया.

रायसेन। सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के सलामतपुर में प्रस्तावित परिसर की जमीन पर पीपल के पौधे लगाए गए. विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी और कर्मचारी ने विश्वविद्यालय की प्रस्तावित जमीन पर 100 से ज्यादा पौधे लगाये. साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने जन्मदिन पर एक पेड़ लगाने और तीन साल उसकी देखरेख का संकल्प लिया.

सांची बौद्ध विश्वविद्यालय में किया गया वृक्षारोपण

विश्वविद्यालय में उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक कृपाल सिंह वर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर लोग पेड़ लगा रहे हैं और प्रकृति को लेकर जागरूक भी हुए हैं. लेकिन पेड़ लगाए जाने के बाद वे उसे भूल जाते हैं. जबकि तीन साल की देख-भाल के बाद ही पेड़ को कोई देखरेख की आवश्यकता नहीं होती.

कृपाल सिंह ने बताया कि पीपल का पेड़ 24 घंटे पर्यावरण में ऑक्सीजन छोड़ता है. इसकी बोनसाई बनाकर घरों के अंदर भी रखा जा सकता है. घरों में लगाए जाने वाले कई पौधे जैसे एरिका पाम, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, एलोविरा आदि भी साफ हवा और प्रदूषण घटाने में मददगार हैं.

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय परिसर में पीपल के वृक्ष लगाने के निर्देश दिए हैं. इसी वजह से बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय परिसर में भी वृक्षारोपण किया गया.

Intro:अधिकारी-कर्मचारियों ने किया पौधारोपण

· प्रत्येक जन्मदिवस पर एक पेड़ लगाने का लिया संकल्प

· तीन साल लगाए गए पौधे की देखरेख की भी ली शपथ

· 24 घंटे ऑक्सीजन देता है पीपल का पेड़



सांची बौद्ध-भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय के सलामतपुर स्थित प्रस्तावित परिसर में बड़ी संख्या में पीपल के पौधे लगाए गए। विश्वविद्यालय के सभी अधिकारी कर्मचारियों ने रायसेन के सलामतपुर तिराहे पर स्थित प्रस्तावित विश्वविद्यालय परिसर में गड्डे खोद कर 100 से ज्यादा पीपल के पौधों को लगाया।Body:इस अवसर पर विश्वविद्यालय के सभी कर्मचारियों ने संकल्प लिया कि वे अपने-अपने जन्मदिन पर एक पेड़ ज़रूर लगाएंगे। इन कर्मचारियों ने एक बड़ा संकल्प यह भी लिया कि जन्मदिन पर अपने द्वारा लगाए गए इन पौधों की कम से कम तीन साल देखरेख करेंगे जैसे की एक बच्चे की देखरेख की जाती है।

सांची विश्वविद्यालय में उद्यानिकी विभाग के सहायक निदेशक श्री कृपाल सिंह वर्मा ने बताया कि बड़े पैमाने पर लोग पेड़ लगा रहे और प्रकृति को लेकर जागरूक भी हुए हैं....लेकिन पेड़ लगाए जाने के बाद वे उसे भूल जाते हैं....जबकि तीन साल की देख-भाल के बाद ही पेड़ को कोई देखरेख की आवश्यकता नहीं होती।

मध्य प्रदेश की राज्यपाल महोदया माननीया श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय परिसर में पीपल के वृक्ष लगाने के निर्देश दिए हैं।श्री कृपाल सिंह ने बताया कि पीपल का पेड़ 24 घंटे पर्यावरण में ऑक्सीजन छोड़ता है। पीपल के पेड़ की बोनसाई बनाकर घरों के अंदर भी रखा जा सकता है। घरों के अंदर लगाए जाने वाले कई पौधे जैसे एरिका पाम, स्नेक प्लांट, मनी प्लांट, एलोविरा आदि भी साफ हवा और प्रदूषण घटाने में मददगार हैं।Conclusion:
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