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मनरेगा योजना में जिम्मेदार बन गए भ्रष्टाचारी, लोगों की बजाए मशीनों से करवाया जा रहा काम - Gram Panchayat Pratapgarh

कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉक डाउन की वजह से मजदूर वर्ग परेशान है. तो वही मजदूर वर्ग का कमाई का जरिया भी ठप हो गया है. जिसके चलते इस वर्ग के लोग दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर हो रहे हैं.

JCB work under MNREGA scheme in Raisen district
रायसेन जिले में मनरेगा योजना में जेसीबी से हो रहा काम
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Published : May 23, 2020, 12:34 AM IST

रायसेन। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से मजदूर वर्ग परेशान है. तो वही मजदूर वर्ग का कमाई का जरिया भी ठप हो गया है. जिसके चलते इस वर्ग के लोग दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर हो रहे हैं. गरीब और मजदूरों की परेशानी को देखते हुए, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस कोरोना संकट में मजदूरों के लिए वरदान साबित होने वाली मनरेगा योजना के अंतर्गत कूप निर्माण, तालाब निर्माण और अन्य कार्य ग्राम पंचायतों में चालू किए गए थे. जिससे मजदूरों को काम मिल सके और वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. लेकिन ग्राम पंचायत और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते मनरेगा योजना कमाई का जरिया बन मनरेगा योजना घोटाले की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. लेकिन इसके बावजूद अधिकारी कार्रवाई के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालो को संरक्षण देने में लगे हुए हैं.

JCB work under MNREGA scheme in Raisen district
रायसेन जिले में मनरेगा योजना में जेसीबी से हो रहा काम

दरअसल, ग्रामीण स्तर पर शासन की महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में जनपद के उपयंत्री और कर्मचारियों द्वारा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन से काम कर मनरेगा योजना की राशि का मिलीभगत करके बंदरबांट किया जा रहा है. वहीं शासन को लाखों रुपए का चूना लगाकर गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है. रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के आदिवासी अंचल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत में मनरेगा अंतर्गत किए जा रहे निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग ग्राम पंचायत एवं उपयंत्री की मिलीभगत से किए जाने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे हैं. ग्राम पंचायत के तहत आने वाले ग्राम बिछुआ में करीब तीन लाख की लागत से सामुदायिक कूप निर्माण किया जाना बताया जा रहा है. जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया. मनरेगा के तहत कराए जाने वाले निर्माण कार्य में मशीनों का उपयोग किया जाना पूर्णता नियम के विरुद्ध है. इसके बावजूद भी निर्माण कार्य में मशीनों का उपयोग तहसील की कई ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है.

मनरेगा योजना में जेसीबी से हो रहा काम

वहीं मामला ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ का है जो कि पूर्व से ही विवादों में रही है. बिछुआ गांव निवासी बलवंत सिंह यादव ने कहा कि गांव में सामुदायिक का निर्माण ग्राम पंचायत के द्वारा जेसीबी मशीन से कराया गया है. मजदूरों के द्वारा कोई काम नहीं किया गया. हालांकि केंद्र सरकार मनरेगा योजना के माध्यम से गांव के मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए जाने की कार योजना पर काम कर रही है. लेकिन ग्राम पंचायत के द्वारा सरकार की मजदूरों को रोजगार दिए जाने की योजना को पलीता लगाए जाने का काम किया जा रहा है.

इस पूरे मामले को लेकर हमेशा की तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ में मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों को काम ना देकर निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जाना पता चला है. इस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाकर 1 सप्ताह में जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. जहां एक और सरकार मजदूरों के हक की बात करती है और तमाम योजनाएं लेकर आती है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ जरूरत मंदों तक नही पहुंच पाता.

रायसेन। कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन की वजह से मजदूर वर्ग परेशान है. तो वही मजदूर वर्ग का कमाई का जरिया भी ठप हो गया है. जिसके चलते इस वर्ग के लोग दो वक्त की रोटी के लिए मजबूर हो रहे हैं. गरीब और मजदूरों की परेशानी को देखते हुए, केंद्र और राज्य सरकारों ने इस कोरोना संकट में मजदूरों के लिए वरदान साबित होने वाली मनरेगा योजना के अंतर्गत कूप निर्माण, तालाब निर्माण और अन्य कार्य ग्राम पंचायतों में चालू किए गए थे. जिससे मजदूरों को काम मिल सके और वह अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें. लेकिन ग्राम पंचायत और अधिकारियों की मिलीभगत के चलते मनरेगा योजना कमाई का जरिया बन मनरेगा योजना घोटाले की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. लेकिन इसके बावजूद अधिकारी कार्रवाई के नाम पर भ्रष्टाचार करने वालो को संरक्षण देने में लगे हुए हैं.

JCB work under MNREGA scheme in Raisen district
रायसेन जिले में मनरेगा योजना में जेसीबी से हो रहा काम

दरअसल, ग्रामीण स्तर पर शासन की महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में जनपद के उपयंत्री और कर्मचारियों द्वारा ग्राम पंचायत में मनरेगा योजना में जेसीबी मशीन से काम कर मनरेगा योजना की राशि का मिलीभगत करके बंदरबांट किया जा रहा है. वहीं शासन को लाखों रुपए का चूना लगाकर गरीबों के हक पर डाका डाला जा रहा है. रायसेन जिले की सिलवानी तहसील के आदिवासी अंचल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत में मनरेगा अंतर्गत किए जा रहे निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग ग्राम पंचायत एवं उपयंत्री की मिलीभगत से किए जाने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए जा रहे हैं. ग्राम पंचायत के तहत आने वाले ग्राम बिछुआ में करीब तीन लाख की लागत से सामुदायिक कूप निर्माण किया जाना बताया जा रहा है. जेसीबी मशीन का उपयोग किया गया. मनरेगा के तहत कराए जाने वाले निर्माण कार्य में मशीनों का उपयोग किया जाना पूर्णता नियम के विरुद्ध है. इसके बावजूद भी निर्माण कार्य में मशीनों का उपयोग तहसील की कई ग्राम पंचायतों में किया जा रहा है.

मनरेगा योजना में जेसीबी से हो रहा काम

वहीं मामला ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ का है जो कि पूर्व से ही विवादों में रही है. बिछुआ गांव निवासी बलवंत सिंह यादव ने कहा कि गांव में सामुदायिक का निर्माण ग्राम पंचायत के द्वारा जेसीबी मशीन से कराया गया है. मजदूरों के द्वारा कोई काम नहीं किया गया. हालांकि केंद्र सरकार मनरेगा योजना के माध्यम से गांव के मजदूरों को रोजगार मुहैया कराए जाने की कार योजना पर काम कर रही है. लेकिन ग्राम पंचायत के द्वारा सरकार की मजदूरों को रोजगार दिए जाने की योजना को पलीता लगाए जाने का काम किया जा रहा है.

इस पूरे मामले को लेकर हमेशा की तरह मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि मीडिया के माध्यम से ग्राम पंचायत प्रतापगढ़ में मनरेगा योजना के अंतर्गत मजदूरों को काम ना देकर निर्माण कार्य में जेसीबी मशीन का उपयोग किया जाना पता चला है. इस मामले की जांच के लिए एक टीम बनाकर 1 सप्ताह में जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. जहां एक और सरकार मजदूरों के हक की बात करती है और तमाम योजनाएं लेकर आती है. लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों एवं कर्मचारियों की लापरवाही के चलते केंद्र एवं राज्य सरकारों की योजनाओं का लाभ जरूरत मंदों तक नही पहुंच पाता.

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