रायसेन । आदिवासियों के कल्याण के लिए करोड़ों की योजनाएं बनाई जाती है. करोड़ों खर्च भी होते हैं. लेकिन कई बार उनकी मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होती. इसका नतीजा ये होता है कि जिन लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए, वे ही परेशान हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सांची जनपद की ग्राम पंचायत सुनारी सलामतपुर की आदिवासी बाहुल्य बस्ती राजीवनगर में आया है. यहां 30 लाख रुपए की नलजल योजना का लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है. नलजल योजना में 2012 में 30 लाख रुपए खर्च करके राजीवनगर में 60 हजार लीटर की टंकी बनवाई गई थी. साथ ही पाइप लाइन भी बिछाई गई. लेकिन पाइप लाइन आधी अधूरी बिछा दी गई. यहीं पर गड़बड़ हो गई. इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं. राजीवनगर के वार्ड नंबर 14, 15, 16 में पानी के लिए लोग परेशान हो रहे हैं. पानी के लिए इन लोगों को अपनी जान पर खेलना पड़ता है. रेलवे लाइन पार करके 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. रेलवे लाइन पार करने के चक्कर में इस कॉलोनी के दो लोग भगवान को प्यारे हो चुके हैं. ये हालत तो तब है जब रायसेन जिले की सुनारी सलामतपुर के राजीवनगर की नलजल योजना जिले में नंबर वन मानी जाती है.
पानी के लिए 'खतरे में जान' ! - पानी के लिए खतरे में जान सलामतपुर रायसेन
30 लाख की नलजल योजना का आदिवासी बाहुल्य बस्ती को नही मिल पा रहा लाभ. 2 किमी दूर रेलवे लाइन पार करके लाना पड़ रहा है पानी.
रायसेन । आदिवासियों के कल्याण के लिए करोड़ों की योजनाएं बनाई जाती है. करोड़ों खर्च भी होते हैं. लेकिन कई बार उनकी मॉनिटरिंग सही तरीके से नहीं होती. इसका नतीजा ये होता है कि जिन लोगों को इसका फायदा मिलना चाहिए, वे ही परेशान हो जाते हैं. ऐसा ही एक मामला सांची जनपद की ग्राम पंचायत सुनारी सलामतपुर की आदिवासी बाहुल्य बस्ती राजीवनगर में आया है. यहां 30 लाख रुपए की नलजल योजना का लोगों को फायदा नहीं मिल रहा है. नलजल योजना में 2012 में 30 लाख रुपए खर्च करके राजीवनगर में 60 हजार लीटर की टंकी बनवाई गई थी. साथ ही पाइप लाइन भी बिछाई गई. लेकिन पाइप लाइन आधी अधूरी बिछा दी गई. यहीं पर गड़बड़ हो गई. इसका खामियाजा लोग भुगत रहे हैं. राजीवनगर के वार्ड नंबर 14, 15, 16 में पानी के लिए लोग परेशान हो रहे हैं. पानी के लिए इन लोगों को अपनी जान पर खेलना पड़ता है. रेलवे लाइन पार करके 2 किलोमीटर दूर से पानी लाना पड़ रहा है. रेलवे लाइन पार करने के चक्कर में इस कॉलोनी के दो लोग भगवान को प्यारे हो चुके हैं. ये हालत तो तब है जब रायसेन जिले की सुनारी सलामतपुर के राजीवनगर की नलजल योजना जिले में नंबर वन मानी जाती है.