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प्रतिनिधि चयन पर IAS-MLA में खिंची तलवार, CEO ने कलेक्टर को जवाब न देकर विधायक को भेजा ऑफिशियल पत्र - IAS officer Avi Prasad

रायसेन जिले के आईएस अधिकारी व बीजेपी विधायक के बीच तलवारें खिंच गयी हैं क्योंकि विधायक जिसे प्रतिनिधि बनाना चाहते हैं, सीईओ ने उसे बतौर विधायक प्रतिनिधि खारिज कर दिया है. जिससे विवाद बढ़ गया है. विधायक प्रतिनिधि चयन पर आईएस और विधायक आमने-सामने

विधायक प्रतिनिधि चयन पर आईएस और विधायक आमने-सामने
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Published : Sep 5, 2019, 1:38 PM IST

रायसेन। आईएएस अधिकारी अवि प्रसाद और बीजेपी विधायक व पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा आमने-सामने आ गए हैं. सीईओ अवि प्रसाद ने सुरेंद्र पटवा द्वारा कलेक्टर रायसेन को लिखे उस पत्र को मानने से साफ इनकार कर दिया. जिसमें भोजपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा ने रायसेन जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता किरार के पति डॉक्टर जयप्रकाश किरार को विधायक प्रतिनिधि नियुक्त करना तय किया था.

विधायक प्रतिनिधि चयन पर आईएस और विधायक आमने-सामने

पटवा ने ये पत्र कलेक्टर रायसेन को लिखा था. जिसे कलेक्टर ने सीईओ को भेज दिया था, लेकिन सीईओ ने कलेक्टर के पत्र का जवाब देने की बजाय सीधे विधायक को ऑफिशियल पत्र लिखकर डॉक्टर जयप्रकाश किरार को विधायक प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया. प्रभारी मंत्री ने कहा कि विधायक और सांसद प्रतिनिधि एक संवैधानिक व्यवस्था है. उसे मानने से इनकार नहीं किया जा सकता है, अगर कोई अधिकारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विधायक प्रतिनिधि बनाए गए किरार का कहना है कि उन्होंने सामान्य सभा की बैठकों में कई भ्रष्टाचार उजागर कर जांच कराने की मांग की थी, इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची गई है. इससे पहले किरार सांची विधानसभा से पूर्व विधायक गौरीशंकर शेजवार के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं.

28 जनवरी 2019 को भोजपुर से बीजेपी विधायक एवं पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा ने विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया था, लेकिन 6 महीने बाद अचानक 26 जुलाई 2019 को एक पत्र लिखकर जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद ने पटवा को पत्र लिखकर उनके द्वारा बनाए गए विधायक प्रतिनिधि को मानने से इनकार कर दिया. जब इस मामले में सीईओ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया.

रायसेन। आईएएस अधिकारी अवि प्रसाद और बीजेपी विधायक व पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा आमने-सामने आ गए हैं. सीईओ अवि प्रसाद ने सुरेंद्र पटवा द्वारा कलेक्टर रायसेन को लिखे उस पत्र को मानने से साफ इनकार कर दिया. जिसमें भोजपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा ने रायसेन जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता किरार के पति डॉक्टर जयप्रकाश किरार को विधायक प्रतिनिधि नियुक्त करना तय किया था.

विधायक प्रतिनिधि चयन पर आईएस और विधायक आमने-सामने

पटवा ने ये पत्र कलेक्टर रायसेन को लिखा था. जिसे कलेक्टर ने सीईओ को भेज दिया था, लेकिन सीईओ ने कलेक्टर के पत्र का जवाब देने की बजाय सीधे विधायक को ऑफिशियल पत्र लिखकर डॉक्टर जयप्रकाश किरार को विधायक प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया. प्रभारी मंत्री ने कहा कि विधायक और सांसद प्रतिनिधि एक संवैधानिक व्यवस्था है. उसे मानने से इनकार नहीं किया जा सकता है, अगर कोई अधिकारी ऐसा करता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

विधायक प्रतिनिधि बनाए गए किरार का कहना है कि उन्होंने सामान्य सभा की बैठकों में कई भ्रष्टाचार उजागर कर जांच कराने की मांग की थी, इसलिए उनके खिलाफ साजिश रची गई है. इससे पहले किरार सांची विधानसभा से पूर्व विधायक गौरीशंकर शेजवार के विधायक प्रतिनिधि रह चुके हैं.

28 जनवरी 2019 को भोजपुर से बीजेपी विधायक एवं पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा ने विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया था, लेकिन 6 महीने बाद अचानक 26 जुलाई 2019 को एक पत्र लिखकर जिला पंचायत सीईओ अवि प्रसाद ने पटवा को पत्र लिखकर उनके द्वारा बनाए गए विधायक प्रतिनिधि को मानने से इनकार कर दिया. जब इस मामले में सीईओ से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने बात करने से मना कर दिया.

Intro:रायसेन-एक बड़ा सवाल है कि क्या मध्यप्रदेश में नौकरशाही बेलगाम हो गई है शायद हां क्योंकि रायसेन जिले के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने भोजपुर विधायक सुरेंद्र पटवा के उस पत्र का जवाब दिया है जो पत्र सुरेंद्र पटवा ने उनको लिखा ही नहीं है अब यहां सवाल यह उठता है कि जब आप को पत्र लिखा ही नहीं तो जवाब किस बात का।


Body:रायसेन जिले में एक युवा आईएएस अधिकारी हैं अवि प्रसाद जोकि मुख्य कार्यपालन अधिकारी हैं और बीजेपी विधायक पूर्व पर्यटक मंत्री सुरेंद्र पटवा आमने सामने आ गए हैं सीईओ अवि प्रसाद ने सुरेंद्र पटवा द्वारा कलेक्टर रायसेन को लिखे उस पत्र को मानने से लिखित में साफ इनकार कर दिया है जिसमें भोजपुर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र पटवा ने रायसेन जिला पंचायत अध्यक्ष अनीता किरार के पति को विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया गया है विधायक पटवा ने यह पत्र कलेक्टर रायसेन को लिखा था कलेक्टर ने सीईओ को भेजा लेकिन सीईओ ने कलेक्टर को पत्र का जवाब देने की बजाय सीधे विधायक सुरेंद्र पटवा को ऑफिशियल पत्र लिखकर डॉ जयप्रकाश किरार को विधायक प्रतिनिधि मानने से इनकार कर दिया वहीं प्रभारी मंत्री ने कहा कि विधायक और सांसद प्रतिनिधि एक संवैधानिक व्यवस्था है उसे मानने से इनकार नहीं किया जा सकता यदि कोई अधिकारी ऐसी अवज्ञा करता है तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी वहीं विधायक प्रतिनिधि बनाए गए डॉ जयप्रकाश किरार का कहना है कि उन्होंने सामान्य सभा की बैठकों में कई भ्रष्टाचार उजागर कर जांच कराने की मांग की थी इसलिए उनके विरुद्ध षड्यंत्र रचा गया है इससे पहले डॉ किरार सांची विधानसभा से पूर्व विधायक गौरीशंकर शेजवार के विधायक प्रतिनिधि थे। 28 जनवरी 2019 को भोजपुर से बीजेपी विधायक एवं पूर्व पर्यटन मंत्री सुरेंद्र पटवा ने विधायक प्रतिनिधि नियुक्त किया था लेकिन 6 माह बाद अचानक 26 जुलाई 2019 को एक पत्र लिखकर जिला पंचायत के सीईओ आईएएस अधिकारी अवि प्रसाद ने विधायक पटवा को पत्र लिखकर उनके द्वारा बनाए गए विधायक प्रतिनिधि को मानने से साफ इनकार कर दिया जब इस संबंध में सीईओ जिला पंचायत अधिकारी ने मीडिया से बात करने से साफ इनकार कर दिया।

Byte-डॉ जयप्रकाश किरार विधायक प्रतिनिधि।

Byte-हर्ष यादव प्रभारी मंत्री।


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