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नगर पालिका के CMO ने बैंकों के गेट पर फिंकवाया कचरा, जानें वजह

रायसेन में प्रधानमंत्री स्व निधि योजना हितग्राहियों को बैंक के लोन नहीं देने पर, नगर पालिका ने बैंकों पर लोन देने का दबाव बनाने के लिए बैंकों के गेट पर कचरा डलवा दिया.

Raisen
बैंकों के सामने डलवाया गया कचरा
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Published : Feb 2, 2021, 4:29 PM IST

Updated : Feb 2, 2021, 4:35 PM IST

रायसेन। बैंकों द्वारा शासकीय योजनाओं पर ऋण न देने पर नगर पालिका ने बैंकों से ऋण दिलाने को लेकर नया तरीका अपनाया है. ऋण वितरण का दबाव बनाने के लिए नगर पालिका ने बैंकों के गेट पर कचरा डलवाकर अपनी बात रखी. नगर पालिका परिषद के नवागत मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज शर्मा के नगर की 4 राष्ट्रीयकृत बैंकों में सफाई कामगारों के द्वारा कचरा डलवाए जाने से हड़कंप मच गया.

बैंकों के सामने डलवाया गया कचरा

रायसेन के बेगमगंज में मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज कुमार शर्मा ने प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के अंतर्गत पथ विक्रेताओं को 10 - 10 हजार रुपए का ऋण फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले को देने के लिए संबंधित बैंकों में प्रकरण भेजे गए थे, लेकिन बैंक के प्रबंधकों के द्वारा योजना को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण सीएमओ को इस प्रकरण को लेकर मीटिंग में कलेक्टर की डांट खाना पड़ती थी. इस करण बैंकों को सबक सिखाने के लिए बैंकों के सामने कचरा डलवाया गया.

नगर पालिका परिषद द्वारा प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में पथ विक्रेताओं को ऋण योजना के प्रकरण स्वीकृत कर भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक व मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखाओं में भेजे गए थे. लक्ष्य के अनुसार भेजे गए ऋणों में 75 प्रतिशत ऋण स्वीकृत कर बैंकों द्वारा पथ विक्रेताओं को वितरण कर दिए गए हैं, लेकिन दिसंबर माह 2020 में फिर नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत उक्त बैंकों को नया टारगेट भेजा गया है, जिनकी स्वीकृति और उसका वितरण तत्काल किए जाने को लेकर बैंकर्स पर दबाव स्वरूप बैंक के मुख्य द्वार पर सफाईकर्मियों द्वारा कचरा डलवाया गया.

चारों बैंक के शाखा प्रबंधकों द्वारा अपने-अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दिए जाने के बाद अधिकारियों ने तत्काल बैंकों से कचरा हटवाकर सफाई कराने के निर्देश मिलते है. नपा के सफाईकर्मियों द्वारा वहां पर डाला गया, कचरा आनन-फानन में उठाकर सफाई कर दी गई.

जारी है प्रक्रिया

स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक प्रताप सिंह ने बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में 350 प्रकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिनमें 333 स्वीकृत कर पथ विक्रेताओं को राशि वितरण कर दी गई थी. दिसंबर 2020 में 350 प्रकरणों का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से शाखा में केवल 40 आवेदक पहुंचे थे, जिनकी सभी खानापूर्ति के उपरांत 27 आवेदकों को ऋण वितरण कर दिया गया है, शेष में प्रक्रिया जारी है.

वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पूर्व में उन्हें 200 का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से उन्होंने 205 स्वीकृत कर वितरण किया गया है. इसके बाद 27 जनवरी 2021 को एक पत्र के माध्यम से 123 प्रकरण तत्काल स्वीकृत करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 500 अन्य प्रकरण भी स्वीकृत कराना चाहते हैं, लेकिन आवेदकों के आने के बाद सभी खानापूर्ति के उपरांत ही ऋण वितरण किया जाएगा.

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रोहित गर्ग ने बताया कि उन्हें 75 प्रकरण का टारगेट मिला था, जिसमें 28 प्रकरण में ऋण वितरण कर दिया गया है, शेष में कार्रवाई जारी है. मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक संध्याकालीन शाखा प्रबंधक जेयस कुमार असनानी का कहना है कि उनकी शाखा में 35 प्रकरण आए थे. सभी स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जा चुका है, जबकि आईसीआई बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक देवराज सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शाखा में 20 प्रकरण आए थे, जिनमें से एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया है.

रायसेन। बैंकों द्वारा शासकीय योजनाओं पर ऋण न देने पर नगर पालिका ने बैंकों से ऋण दिलाने को लेकर नया तरीका अपनाया है. ऋण वितरण का दबाव बनाने के लिए नगर पालिका ने बैंकों के गेट पर कचरा डलवाकर अपनी बात रखी. नगर पालिका परिषद के नवागत मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज शर्मा के नगर की 4 राष्ट्रीयकृत बैंकों में सफाई कामगारों के द्वारा कचरा डलवाए जाने से हड़कंप मच गया.

बैंकों के सामने डलवाया गया कचरा

रायसेन के बेगमगंज में मुख्य नगरपालिका अधिकारी धीरज कुमार शर्मा ने प्रधानमंत्री स्व निधि योजना के अंतर्गत पथ विक्रेताओं को 10 - 10 हजार रुपए का ऋण फुटपाथ पर व्यवसाय करने वाले को देने के लिए संबंधित बैंकों में प्रकरण भेजे गए थे, लेकिन बैंक के प्रबंधकों के द्वारा योजना को गंभीरता से नहीं लिए जाने के कारण सीएमओ को इस प्रकरण को लेकर मीटिंग में कलेक्टर की डांट खाना पड़ती थी. इस करण बैंकों को सबक सिखाने के लिए बैंकों के सामने कचरा डलवाया गया.

नगर पालिका परिषद द्वारा प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में पथ विक्रेताओं को ऋण योजना के प्रकरण स्वीकृत कर भारतीय स्टेट बैंक, सेंट्रल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक व मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक की स्थानीय शाखाओं में भेजे गए थे. लक्ष्य के अनुसार भेजे गए ऋणों में 75 प्रतिशत ऋण स्वीकृत कर बैंकों द्वारा पथ विक्रेताओं को वितरण कर दिए गए हैं, लेकिन दिसंबर माह 2020 में फिर नगर पालिका द्वारा प्रधानमंत्री पथ विक्रेता योजना के तहत उक्त बैंकों को नया टारगेट भेजा गया है, जिनकी स्वीकृति और उसका वितरण तत्काल किए जाने को लेकर बैंकर्स पर दबाव स्वरूप बैंक के मुख्य द्वार पर सफाईकर्मियों द्वारा कचरा डलवाया गया.

चारों बैंक के शाखा प्रबंधकों द्वारा अपने-अपने वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी सूचना दिए जाने के बाद अधिकारियों ने तत्काल बैंकों से कचरा हटवाकर सफाई कराने के निर्देश मिलते है. नपा के सफाईकर्मियों द्वारा वहां पर डाला गया, कचरा आनन-फानन में उठाकर सफाई कर दी गई.

जारी है प्रक्रिया

स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक प्रताप सिंह ने बताया कि नगर पालिका परिषद द्वारा पूर्व में 350 प्रकरण का लक्ष्य दिया गया था, जिनमें 333 स्वीकृत कर पथ विक्रेताओं को राशि वितरण कर दी गई थी. दिसंबर 2020 में 350 प्रकरणों का लक्ष्य दिया गया है, जिसमें से शाखा में केवल 40 आवेदक पहुंचे थे, जिनकी सभी खानापूर्ति के उपरांत 27 आवेदकों को ऋण वितरण कर दिया गया है, शेष में प्रक्रिया जारी है.

वहीं सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया के शाखा प्रबंधक चंद्र प्रकाश वर्मा ने बताया कि पूर्व में उन्हें 200 का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें से उन्होंने 205 स्वीकृत कर वितरण किया गया है. इसके बाद 27 जनवरी 2021 को एक पत्र के माध्यम से 123 प्रकरण तत्काल स्वीकृत करने के लिए कहा गया है. इसके साथ ही 500 अन्य प्रकरण भी स्वीकृत कराना चाहते हैं, लेकिन आवेदकों के आने के बाद सभी खानापूर्ति के उपरांत ही ऋण वितरण किया जाएगा.

मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक रोहित गर्ग ने बताया कि उन्हें 75 प्रकरण का टारगेट मिला था, जिसमें 28 प्रकरण में ऋण वितरण कर दिया गया है, शेष में कार्रवाई जारी है. मध्य प्रदेश ग्रामीण बैंक संध्याकालीन शाखा प्रबंधक जेयस कुमार असनानी का कहना है कि उनकी शाखा में 35 प्रकरण आए थे. सभी स्वीकृत कर ऋण वितरण किया जा चुका है, जबकि आईसीआई बैंक के प्रभारी शाखा प्रबंधक देवराज सिंह राजपूत ने बताया कि उनकी शाखा में 20 प्रकरण आए थे, जिनमें से एक भी प्रकरण स्वीकृत नहीं किया गया है.

Last Updated : Feb 2, 2021, 4:35 PM IST
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