रायसेन जिले के मोगियापुरा के आदिवासियों ने रूठे हुए इंद्रदेव को मनाने की अनूठी कोशिश की. इसके लिए यहां के लोगों ने मेढक और मेढकी की शादी का आयोजन किया. इतना ही नहीं आदिवासियों ने मेढक और मेढकी की शादी के बाद भंडारा कर लोगों को भोजन भी कराया.
आदिवासियों का मानना है कि इस टोटके से रुठे हुए इंद्रदेव अच्छी बारिश करते हैं. मोगिया आदिवासी समाज के लोग मेढक और मेढकी को नीम की छोटी-छोटी टहनियों में बांधकर ''मेढ़क रानी पानी दो, पानी की बरसाती दो" के नारे लगाते हुए अपने समाज के लोगों के घर जाकर खाना-पीने का सामान भंडारे के लिए इकट्ठा करते हैं.