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किसान का देशी जुगाड़, महज 300 रुपए में बना डाली खेतों में खाद डालने वाली मशीन

रायसेन जिले के ओबेदुल्लागंज ब्लॉक के तमोट लंका टोला गांव में एक किसान ने महज 300 रुपए में खेतों में खाद डालने वाली मशीन बनाई है.

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किसान विनोद कुशवाहा
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Published : Jan 20, 2020, 11:56 PM IST

रायसेन। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. ये बात जिले के एक मध्यमवर्गीय किसान ने सही साबित कर दी है. अक्सर किसानों को साधनों की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं परेशानियों से जूझते हुए जिले के तमोट लंका टोला गांव के एक किसान विनोद कुशवाहा ने ऐसी मशीन बनाई है, जिससे कम लागत में खेतों में खाद का छिड़काव किया जा सकता है. इस मशीन की लागत महज 300 रुपए है.

किसान ने बताया कि फसलों में खाद डालने में काफी दिक्कत होती थी. झुक कर खाद डालना पड़ता था. जिससे कमर में दर्द भी होता था. साथ ही हाथ से खाद डालने में पत्तियों पर गिर जाता था और फसल की पत्तियां गल जाती थीं. इस मशीन के जरिए आसानी से फसलों में खाद डाला जा सकता है. खाद फसल के नीचे हिस्से में गिरता है. जिससे पत्तियों को नुकसान नही होता और खाद की भी बहुत बचत होती है.

किसान ने बनाई खेत में खाद डालने वाली मशीन

खाद डालने वाली इस देशी मशीन को देखते हुए आस-पास के क्षेत्र के किसान भी विनोद कुशवाहा से इस मशीन के बारे में जानकारी मांगते हैं और उनका कहना है कि वे भी जल्द ही फसलों में खाद डालने के लिए इस मशीन का उपयोग करेंगे. साथ ही कृषि विस्तार अधिकारी डीएस भदौरिया ने भी विनोद कुशवाहा की इस मशीन की तारीफ की है.

रायसेन। कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है. ये बात जिले के एक मध्यमवर्गीय किसान ने सही साबित कर दी है. अक्सर किसानों को साधनों की कमी के चलते परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं परेशानियों से जूझते हुए जिले के तमोट लंका टोला गांव के एक किसान विनोद कुशवाहा ने ऐसी मशीन बनाई है, जिससे कम लागत में खेतों में खाद का छिड़काव किया जा सकता है. इस मशीन की लागत महज 300 रुपए है.

किसान ने बताया कि फसलों में खाद डालने में काफी दिक्कत होती थी. झुक कर खाद डालना पड़ता था. जिससे कमर में दर्द भी होता था. साथ ही हाथ से खाद डालने में पत्तियों पर गिर जाता था और फसल की पत्तियां गल जाती थीं. इस मशीन के जरिए आसानी से फसलों में खाद डाला जा सकता है. खाद फसल के नीचे हिस्से में गिरता है. जिससे पत्तियों को नुकसान नही होता और खाद की भी बहुत बचत होती है.

किसान ने बनाई खेत में खाद डालने वाली मशीन

खाद डालने वाली इस देशी मशीन को देखते हुए आस-पास के क्षेत्र के किसान भी विनोद कुशवाहा से इस मशीन के बारे में जानकारी मांगते हैं और उनका कहना है कि वे भी जल्द ही फसलों में खाद डालने के लिए इस मशीन का उपयोग करेंगे. साथ ही कृषि विस्तार अधिकारी डीएस भदौरिया ने भी विनोद कुशवाहा की इस मशीन की तारीफ की है.

Intro:रायसेन:-कहते हैं आवश्यकता आविष्कार की जननी है। हमारे देश में अनेक लोगों ने साधनहीनता के चलते या फिर अपने जुनून के बल पर ऐसे अनेक उपकरण तैयार किए हैं, जिनका उपयोग बड़े पैमाने पर होता है और वे किसी भी नामी कंपनी द्वारा तैयार किए गए उपकरणों की तुलना में सस्ते पड़ते हैं। इन्हें दुनिया भर में जुगाड़ तकनीक के नाम से जाना जाता है। रायसेन के एक किसान ने ऐसी मशीन का इजाद किया है । कम लागत से खाद डालने बाली कृषि देसी जुगाड़ बनाई है । जिस से किसान को कई फायदे हो रहे ।


Body:रायसेन के ओबेदुल्लागंज ब्लाक के ग्राम पंचायत तमोट लंका टोला में रहने बाले 11 कक्षा पास विनोद कुशवाहा ने खाद डालने वाली देसी जुगाड़ मशीन का आविष्कार किया है। उनोने मात्र 300 रुपये की लागत से यह खाद डालने बाली जुगाड़ बनाई है, किसान ने बताया फसलों में खाद डालने में काफी दिक्कत होती थी झुक कर खाद डालना पडता था जिस से कमर में दर्द भी होता था , साथ ही हाथ से खाद डालने में पत्तियों पर गिर जाता था जिस से फसल की पत्तिया गल जाती थी अब खाद सिर्फ फसल के नीचे हिस्से में गिर रहा है जिस से पत्तियों को नुस्कान नही हो रहा साथ ही खाद की भी बहुत बचत हो रही है।

वाइट:- विनोद कुशवाहा ,किसान।

:-हम ने खाद डालने की देशी जुगाड़ देखी बहुत ही अच्छी है खाद डालते बक्त नवना नही पड़ता जिस से कमर में दर्द नहीं होता पेड़ के ऊपर भी खाद नही गिरता जमीन में सीधे गिरता है हम भी यह देशी जुगाड़ बनवाएंगे फिर इस से खाद डालेंगे।

बाइट:-अतर सिह ,किसान।

तमोट ग्राम का किसान है जिस के द्वारा नई तकनीक से यूरिया खाद डालने की यंत्र बनाई गई है किसान के लिए बहुत लाभ दायक है लागत बहुत कम है यूरिया भी इस से बही गिरता है जा गिरना चाहिए यूरिया की वरवादी भी नही होती यह यंत्र अच्छा काम करता तो आगे किसान के लिए फायदेमंद है।

बाइट-डीएस भदौरिया, कृषि विस्तार अधिकारी।
Conclusion:
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