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मासूम के गले में फंसी लकड़ी निकाल कर डॉक्टर ने दी नई जिंदगी, सीमित संसाधनों में की सर्जरी - Surgery in limited Equipment

रायसेन जिले के सिलवानी में एक डॉक्टर ने सीमित संसाधनों में सीरियस सर्जरी कर मिसाल पेश की और नाबालिग की जान बचाई.

doctor  succeeds serious Surgery
डॉक्टर इंसाफ का फैसला
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Published : Apr 28, 2020, 10:45 AM IST

Updated : Apr 28, 2020, 11:10 AM IST

रायसेन। कोरोना महामारी से उपजे संकट के हालातों में कोरोना वॉरियर्स अपना काम बखूबी निभा रहे हैं, ऐसे ही रायसेन जिले के सिलवानी में एक डॉक्टर ने सीमित संसासधनों से ही बच्चे की जान बचाई, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिलवानी में पदस्थ डॉक्टर इंसाफ खान (जनरल सर्जन) ने शिवजी नगर सिलवानी में लॉकडाउन के दौरान दो बच्चों के आपस में खेलने दौरान लकड़ी एक बच्चे की गर्दन में इतनी अंदर तक चली गई कि बच्चे की जान खतरे में पड़ गई. आनन-फानन में बच्चे की मां उसको लेकर सरकारी अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर इंसाफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीमित संसाधनों में बच्चे का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.

अस्पताल में डॉक्टर ने कुछ ही समय के ऑपरेशन के बाद गर्दन में अंदर लगभग 12 इंच की लकड़ी को निकालने में सफलता हासिल की. आम दिनों में ऐसे गंभीर मामलों को जिला अस्पताल या भोपाल रेफर कर दिया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण मरीज को परेशानी न देते हुए डॉक्टर इंसाफ ने सिलवानी जैसी जगह में सीमित संसाधनों में इस सीरियस ऑपरेशन को करने का फैसला किया और उसमें सफल भी हुए. फैसले पर खरा उतरने के बाद अब सिलवानी के जनरल सर्जन इंसाफा खान की तारीफ सभी लोग कर रहे हैं.

रायसेन। कोरोना महामारी से उपजे संकट के हालातों में कोरोना वॉरियर्स अपना काम बखूबी निभा रहे हैं, ऐसे ही रायसेन जिले के सिलवानी में एक डॉक्टर ने सीमित संसासधनों से ही बच्चे की जान बचाई, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिलवानी में पदस्थ डॉक्टर इंसाफ खान (जनरल सर्जन) ने शिवजी नगर सिलवानी में लॉकडाउन के दौरान दो बच्चों के आपस में खेलने दौरान लकड़ी एक बच्चे की गर्दन में इतनी अंदर तक चली गई कि बच्चे की जान खतरे में पड़ गई. आनन-फानन में बच्चे की मां उसको लेकर सरकारी अस्पताल पहुंची, जहां डॉक्टर इंसाफ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीमित संसाधनों में बच्चे का ऑपरेशन करने का निर्णय लिया.

अस्पताल में डॉक्टर ने कुछ ही समय के ऑपरेशन के बाद गर्दन में अंदर लगभग 12 इंच की लकड़ी को निकालने में सफलता हासिल की. आम दिनों में ऐसे गंभीर मामलों को जिला अस्पताल या भोपाल रेफर कर दिया जाता है, लेकिन लॉकडाउन के कारण मरीज को परेशानी न देते हुए डॉक्टर इंसाफ ने सिलवानी जैसी जगह में सीमित संसाधनों में इस सीरियस ऑपरेशन को करने का फैसला किया और उसमें सफल भी हुए. फैसले पर खरा उतरने के बाद अब सिलवानी के जनरल सर्जन इंसाफा खान की तारीफ सभी लोग कर रहे हैं.

Last Updated : Apr 28, 2020, 11:10 AM IST
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