रायसेन(raisen)। जिले के कस्बा सुल्तानगंज निवासी प्रवीण जैन ने हिंदी भाषा(hindi language) को सरकारी कामाों में प्रथामिकता देने के लिए सराहनीय कदम उठाया है. प्रवीण ने लोक शिकायत पोर्टल पर 800 से अधिक शिकायतें और 300 आरटीआई आवेदन लगाए.शिकायतों की अनदेखी के बाद भी वो रोके नहीं. करीब 4 महीने बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 21 मई को कोविन(cowin) वेबसाइट को हिंदी सहित 10-12 भारतीय भाषााओं में शुरू करने की घोषणा की. 04 जून से कोविन वेबसाइट 11 भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई.
मुंबई की एक कंपनी में सलाहकार के तौर पर काम करने वाले प्रवीण जैन ने हिंदी भाषा को लेकर एक अच्छा कदम उठाया है.प्रवीण ने आरटीआई लगाकर कोरोना की जानकारी देने वाली वेबसाइट कोविन में सिर्फ अंग्रेजी में जानकारी देने का विरोध किया. सरकार को इस संबंध में कई बार शिकायत भी की. प्रवीण जैन के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने वैक्सीनेशन संबंधी वेबसाइट को हिंदी सहित अन्य 10-12 भारतीय भाषाओं में विकसित करने का निर्णय लिया है.
हिंदी के उत्थान के लिए उठाया कदम
प्रवीण ने कोरोना काल में भाषा के आधार पर किए जा रहे भेदभाव के विरोध में सभी मंत्रालयों को लगातार पत्र लिखे. आरटीआई आवेदन भी लगाए. प्रवीण ने लोक शिकायत पोर्टल पर 800 से अधिक शिकायतें और 300 आरटीआई आवेदन लगाए.आवेदक का कहना है कि राष्ट्रीय कोविड टीकाकरण की वेबसाइट कोविन केवल अंग्रेजी में बनाई थी. प्रवीण को यह बात पसंद नहीं आई जिसके बाद उन्होंने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री से लेकर राजभाषा विभाग का दरवाजा खटखटाया. शिकायतों की अनदेखी होने पर 10 शिकायतों और 4 महीने की मेहनत के बाद स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने 21 मई को कोविन वेबसाइट को हिंदी सहित 10-12 भारतीय भाषााओं में शुरू करने की घोषणा की. 04 जून से कोविन वेबसाइट 11 भारतीय भाषाओं में शुरू कर दी गई. वेबसाइट मूल रूप से अभी भी अंग्रेजी भाषा में खुलती है. मुख पृष्ठ पर दाहिने कोने पर भाषा का विकल्प रहता है जहां अपनी भाषा को चुना जा सकता है.
4 से जून से 11 भारतीय भाषाओं में शुरु की कोविन वेबसाइट
भारतीय भाषाओं की सक्रिय सेवा के लिए उन्हें 2016 में मुंबई में गोवा की तत्कालीन राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने सक्रिय हिन्दी सेवी नामक पुरस्कार दिया था. इसके बाद 2020 में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विश्व हिन्दी दिवस के अवसर पर 10 जनवरी 2020 को उत्कृष्ट हिन्दी सेवा सम्मान दिया.
आचार्य से मिली प्रेरणा
प्रवीण जैन ने बताया कि वे 2010 से लगातार भारतीय भाषाओं के प्रसार और प्रयोग को बढ़ाने का काम कर रहे हैं. इसकी प्रेरणा उन्हें आचार्य विद्यासागर महाराज से मिली. प्रवीण का कहना है भारत सरकार की 500 से अधिक वेबसाइटों को हिन्दी में बनाया गया है. सरकारी संस्थानों के अंग्रेजी प्रतीकों, लोगो को हिन्दी में बदला गया है. यहां तक कि अमेज़न, फ्लिकार्ट, भीम एप, पेटीएम और फोन पे एप पर भी भारतीय भाषाओं का विकल्प शुरु किया गया. भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी नेट बैंकिंग में 10 भारतीय भाषाओं का विकल्प शुरू किया है.